महारास्नादि क्वाथ बनाने के लिए इन जड़ी-बूटियों की आवश्यकता होगी.
गंगेरन 20 ग्राम.
बेल की जड़ 20 ग्राम.
गोरखमुंडी 20 ग्राम.
चोपचीनी 20 ग्राम.
धनिया 20 ग्राम.
छोटी कटेरी 20 ग्राम.
बड़ी कटेरी 20 ग्राम.
पीपर 20 ग्राम.
चिरायता 20 ग्राम.
शतावर 20 ग्राम.
अमलतास का गुदा 20 ग्राम.
अश्वगंधा 20 ग्राम.
अतिश 20 ग्राम.
गोखरू 20 ग्राम.
सुहा के बीज 20 ग्राम.
विधारा 20 ग्राम.
गुरीच 20 ग्राम.
पुनर्नवा 20 ग्राम.
चव्य 20 ग्राम.
नागरमोथा 20 ग्राम.
हरे 20 ग्राम.
सोंठ 20 ग्राम.
अडूसा 20 ग्राम.
कचूर 20 ग्राम.
बच 20 ग्राम.
देवदार 20 ग्राम.
अरंड मूल 20 ग्राम.
रस्ना 40 ग्राम.
सभी को अधकुटा करके रात भर के लिए 5 लीटर पानी में भिगोकर रखें. सुबह उबालकर सवा लीटर पानी रहने पर छानकर सुरक्षित रख लें.
महारास्नादि क्वाथ के उपयोग एवं फायदे-
मात्रा- 5 से 20 मिलीलीटर सुबह- शाम सेवन करें.
महारास्नादि क्वाथ के फायदे-

- यह सब प्रकार के वात रोग जैसे- लकवा, साइटिका, जोड़ों का दर्द, स्लिपद, अप्तानक, पेट का अफारा, मासिक धर्म के दौरान दर्द होना को दूर करने में अति गुणकारी है.
- वात संबंधी रोगों को नष्ट करने के लिए महारास्नादि क्वाथ बहुत ही मशहूर दवा है. वात रोग दूर करने वाले दवाओं जैसे- महायोगराज गुग्गुल, सिंहनाद गुग्गुल, योगराज गुग्गुल, वातारी रस, दशमूलारिष्ट, अश्वगंधा पाक इत्यादि दवाओं के साथ इसका सेवन कराना अति गुणकारी होता है.
- आमवात रोग में 1 तोला रेडी का तेल और 2 तोला महारास्नादि क्वाथ मिलाकर सेवन करने से बहुत अच्छा लाभ होता है. इसी प्रकार पुराने वात रोगों में 6 मासे से प्रारंभ कर 1 तोला तक महानारायण तेल में महारास्नादि क्वाथ 1 से 2 तोला मिलाकर सेवन करने से तुरंत फायदा करता है.
- यह क्वाथ मेदागत वात, शुक्रदोष, योनिरोग और बंध्यादोष को नष्ट करता है.
रास्नादि क्वाथ बनाने की विधि उपयोग एवं फायदे-
रास्नादि क्वाथ बनाने के लिए इन जड़ी-बूटियों की आवश्यकता होती है.
रास्ना, सोठ, अरंड मूल, गिलोय, देवदार 10-10 ग्राम मात्रा में लेकर 8 गुना जल में पकावें. जब एक ही सा पानी रह जाए तो छानकर इसमें अरंड का तेल या मालकांगनी का तेल 10 ग्राम या गुग्गुल 10 ग्राम या गोमूत्र मिलाकर रोगानुसार पीना चाहिए.
रास्नादि क्वाथ पीने के फायदे-
- रास्नादि क्वाथ पीने से समस्त वात रोगों में लाभ होता है.
- इसके सेवन से मेदो रोग यानी मोटापा में लाभ होता है और मोटापा कम करने में मदद मिलती है.
- रास्नादि क्वाथ के सेवन से श्लीपद वात रक्तादि दूर होते हैं.
- महायोगराज गुग्गुल के साथ रास्नादि क्वाथ का सेवन करना समस्त वात रोगों में लाभदायक होता है. जैसे- लकवा, साइटिका, गठिया, जोड़ों एवं हड्डियों में दर्द आदि को दूर करने में मददगार होता है.
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