जातिफलादि चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

जातिफलादि चूर्ण बनाने के लिए इन जड़ी बूटियों की आवश्यकता होगी.

जायफल 10 ग्राम, लवंग 10 ग्राम, छोटी इलायची 10 ग्राम, तमाल पत्र 10 ग्राम, काली मिर्च 10 ग्राम, भाभी रंग 10 ग्राम, सोंठ 10 ग्राम, चित्रक मूल छाल 10 ग्राम, सफेद जीरा 10 ग्राम, हर्रे छाल 10 ग्राम, पीपल 10 ग्राम, तालीसपत्र 10 ग्राम, आंवला 10 ग्राम, तगर 10 ग्राम, वंशलोचन 10 ग्राम, काला तिल 10 ग्राम, सफेद चंदन 10 ग्राम, भीमसेनी कपूर 10 ग्राम, नागकेसर 10 ग्राम, दालचीनी 10 ग्राम, भांग 200 ग्राम और शक्कर 400 ग्राम सभी को कूट पीसकर चूर्ण बनाकर सुरक्षित रख लें.

जातिफलादि चूर्ण के उपयोग एवं फायदे-

मात्रा- 1/2 से 2 ग्राम शहद, दूध या चावल के धोवन के साथ सेवन करें.

जातिफलादि चूर्ण की फायदे-

  • टीबी. खांसी, श्वास, वमन, प्रवाहिका, अतिसार को दूर करता है.
  • पागलपन में जातिफलादि चूर्ण नींद लाने के लिए उत्तम औषधि है.
  • जातिफलादि चूर्ण के सेवन से भूख अच्छी लगती है.
  • इसके सेवन से वीर्य स्तंभन होता है यानी शीघ्रपतन दूर होती है.
  • इसके सेवन से शारीरिक दर्द से राहत मिलता है.
  • इसके सेवन से ग्रहणी, पेट की मरोड़, दर्द होकर दस्त आना, मंदाग्नि, अरुचि, हैजा, अपचन, आध्मान शूल, पीनस, हमेशा जुकाम होने की समस्या और वात- कफ के विकार आदि रोग नष्ट होते हैं.
जातिफलादि चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे
Share on:

I am an Ayurveda doctor and treat diseases like paralysis, sciatica, arthritis, bloody and profuse piles, skin diseases, secretory diseases etc. by herbs (Ayurveda) juices, ashes.

Leave a Comment