माजूफलादि चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

माजूफलादि चूर्ण बनाने के लिए इन जड़ी-बूटियों की आवश्यकता होगी.

सफेद मूसली- 10 ग्राम.

शतावर- 10 ग्राम.

असगंध- 10 ग्राम.

विदारीकंद- 10 ग्राम.

उरंगन- 10 ग्राम.

दरियाई ताल मखाना- 10 ग्राम.

माजूफल चूर्ण- 20 ग्राम.

गेडू- 20 ग्राम.

शक्कर- 50 ग्राम.

सभी जड़ी- बूटियों को कूट पीसकर कपड़े छान करके सुरक्षित रख लें.

माजूफलादि चूर्ण के उपयोग एवं फायदे-

मात्रा- 2 से 5 ग्राम दिन में दो- तीन बार दूध या पानी के साथ सेवन करें.

माजूफलादि चूर्ण के फायदे-

  • यह चूर्ण महिलाओं के लिए अति गुणकारी है.
  • माजूफलादि चूर्ण के सेवन से रक्त प्रदर, श्वेत प्रदर दूर होता है. इस रोग में अशोकारिष्ट के साथ इस चूर्ण का सेवन करना अधिक लाभदायक होगा.
माजूफलादि चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे
  • इसके सेवन से महिलाओं का कमर का दर्द दूर होता है.
  • महिलाओं की कमजोरी दूर करने के लिए माजूफलादि चूर्ण विशेष प्रभावशाली है. इसके सेवन से कमजोरी दूर होकर ताकत बढ़ती है एवं दूध पिलाने वाली माताओं के दूध में भी बढ़ोतरी होती है. बच्चे के लिए यह दूध सुपाच्य भी होता है.
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I am an Ayurveda doctor and treat diseases like paralysis, sciatica, arthritis, bloody and profuse piles, skin diseases, secretory diseases etc. by herbs (Ayurveda) juices, ashes.

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