मुसल्यादि चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

मुसल्यादि चूर्ण बनाने के लिए इन जड़ी-बूटियों की आवश्यकता होगी.

अश्वगंधा- 10 ग्राम.

सफेद मुसली- 10 ग्राम.

शतावरी- 10 ग्राम.

विदारीकंद- 10 ग्राम.

दरियाई ताल मखाना- 10 ग्राम.

उरांगन- 10 ग्राम.

गोखरू- 10 ग्राम.

शक्कर- 50 ग्राम

आप सभी को कूट पीसकर चूर्ण बनाकर सुरक्षित रख लें.

मुसल्यादि चूर्ण के उपयोग एवं फायदे-

मात्रा- 2 से 5 ग्राम की मात्रा में दिन में दो बार दूध के साथ सेवन करें.

मुसल्यादि चूर्ण के फायदे-

  • मुसल्यादि चूर्ण वीर्यवर्धक, स्तंभक और कामोत्तेजक है.
  • इसके सेवन से वीर्यदोष दूर होता है एवं स्वप्नदोष दूर कर वीर्य को गाढ़ा बनाता है. शुक्राणुओं की गुणवता में सुधर लाता है.
मुसल्यादि चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे
  • इस चूर्ण के सेवन रस, रक्त आदि सब धातु की क्रमशः वृद्धि हो जाती है.
  • यह चूर्ण पौष्टिक, श्रेष्ठ वाजीकरण और उत्तम वीर्य वर्धक है.
  • यदि इस चूर्ण का सेवन ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए किया जाए तो यह बल और पौरुष शक्ति की वृद्धि करता है और निर्दोष वीर्य का निर्माण होता है.
मुसल्यादि चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे
  • यह समस्त प्रकार के वीर्य दोषों को दूर करता है जैसे- वीर्य का पतलापन, शीघ्रपतन, शुक्रवाहिणी गाड़ियों की शिथिलता आदि दूर हो जाते हैं.
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I am an Ayurveda doctor and treat diseases like paralysis, sciatica, arthritis, bloody and profuse piles, skin diseases, secretory diseases etc. by herbs (Ayurveda) juices, ashes.

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