प्रद्रांतक चूर्ण बनाने के लिए इन जड़ी- बूटियों की आवश्यकता होगी.
लोध्र पठानी- 10 ग्राम.
माजूफल- 10 ग्राम.
चिकनी सुपारी- 10 ग्राम.
गैरी कम- 10 ग्राम.
शंखजीरक भस्म अथवा गोदंती भस्म- 10 ग्राम.
सभी को कूट पीसकर चूर्ण बनाकर सुरक्षित रख लें.
प्रद्रांतक चूर्ण की उपयोग एवं फायदे-
मात्रा- 1 से 2 ग्राम दिन में दो-तीन बार चावल के धोवन के साथ सेवन करें.

प्रदरांतक चूर्ण के फायदे-
- प्रदरांतक चूर्ण के सेवन से रक्त प्रदर एवं श्वेत प्रदर में अच्छा लाभ होता है.
- इसके सेवन से महिलाओं का गर्भाशय शुद्ध एवं पुष्ट होता है.
- महिलाओं में होने वाले कमर दर्द को ही दूर करने में यह चूर्ण गुणकारी है.
- मासिक धर्म के दौरान होने वाले कष्टों से छुटकारा दिलाने में यह चूर्ण अतिगुणकारी है इसके लिए अशोकारिष्ट के साथ इसका सेवन करना चाहिए.