विदारीकंदादि चूर्ण बनाने के लिए इन जड़ी-बूटियों की आवश्यकता होगी.
विदारीकंद- 50 ग्राम.
अश्वगंधा- 50 ग्राम.
बहमन सफेद- 50 ग्राम.
ईसबगोल की भूसी- 50 ग्राम.
सालम पंजा- 50 ग्राम.
छुहारा- 50 ग्राम.
सभी को लेकर कूट पीसकर कपड़े छान चूर्ण बनाकर सुरक्षित रख लें.
विदारीकंदादि चूर्ण के उपयोग एवं फायदे-
मात्रा- 3 से 5 ग्राम दूध के साथ सेवन करें.
विदारीकंदादि चूर्ण के फायदे-
- विदारीकंदादि चूर्ण के सेवन से पुरुषों की स्तंभन कारी शक्ति में वृद्धि होती है.
- इसके सेवन से वीर्य दोष दूर होता है एवं वीर्य गाढ़ा बनता है.
- शुक्राणु की कम या शुक्राणु कमजोर होने के कारण गर्भधारण कराने में परेशानी आ रही है तो ऐसे में पुरुषों को इसका सेवन करना फायदेमंद होता है.
- विदारीकंदादि चूर्ण का नियमित सेवन करने से शारीरिक कमजोरी दूर हो जाती है क्योंकि यह पौष्टिक एवं शक्ति दायक होता है.