रोग परिचय- बवासीर को अर्श, हेमोरॉइड्स, piles आदि नामों से जाना जाता है. जब गुदाद्वार के अंदर चारों ओर की शिराओं जो श्लैश्मिककला के नीचे रहती है में उग्र दाह हो जाता है, परिणाम स्वरूप वहां छोटे-छोटे अर्बुदों की तरह प्रतीति होने लगती है. यह प्रसरित शिराओं के गुच्छे ही अर्श ( बवासीर ) कहलाते हैं, […]
Archives for February 2021
छाती में जलन होने के कारण, लक्षण और घरेलू एवं आयुर्वेदिक उपचार
रोग परिचय- छाती में जलन होने को हृद-दाह, पायरोसिस बर्निंग पेन (Pyrosis Burning pain ) के नाम से भी जाना जाता है. छाती में जलन होने के कारण, लक्षण और घरेलू एवं आयुर्वेदिक उपचार . यह रोग पेट के ऊपरी भाग में दोनों ओर की पसलियों के बीच के भाग में भीतर दाह या जलन […]
अग्निमांद्य रोग होने के कारण, लक्षण और घरेलू एवं आयुर्वेदिक उपाय
रोग परिचय- अग्निमांद्य, भूख की कमी, मंदाग्नि, अजीर्ण, भोजन का ठीक प्रकार से पाचन का न होना, भूख न लगना तथा सामान्य बोलचाल की भाषा में इसे बदहजमी भी कहते हैं. इसे हाइपोक्लोरहाइड्रिया के नाम से भी जाना जाता है. अग्निमांद्य रोग होने के कारण, लक्षण और घरेलू एवं आयुर्वेदिक उपाय. अग्निमांद्य एक ऐसा शाब्दिक […]
रैबीज ( जलसंत्रास ) होने के कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपाय
परिचय- अलर्क विष, जलसंत्रास, जलांतक, रैबीज (Rabbies ) भारत में प्रत्येक साल लगभग हजारों लोग कुत्ता काटने के फल स्वरुप होने वाली जानलेवा बीमारी रैबीज के कारण मृत्यु के मुंह में समा जाते हैं. रैबीज ( जलसंत्रास ) होने के कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपाय. कुत्ता काटने की समस्या कितनी विकराल है यह […]
खांसी होने के कारण, लक्षण और घरेलू एवं आयुर्वेदिक उपचार
रोग परिचय- श्वसन संस्थान संबंधी रोगों में सबसे पहला लक्षण खांसी के रूप में मिलता है. यह कोई स्वतंत्र रोग नहीं है बल्कि यह दूसरे रोगों का लक्षण मात्र है. इसका समावेश ब्रोंकाइटिस के अंतर्गत किया जाता है. खांसी आवाज करती हुई विस्फोटक निःश्वसन के रूप में होती है जो बंद कंठ द्वार के विरूद्ध निकलती […]