अर्जुनारिष्ट बनाने के लिए आपको इन जड़ी- बूटियों की आवश्यकता होगी. अर्जुन छाल 2 किलो, काली द्राक्ष डेढ़ किलो, पहले अर्जुन छाल को 32 किलो पानी में भिगोकर पका लें. जब 8 किलो पानी शेष रह जाए तो छानकर उसमें काली द्राक्ष और महुए के फूल 500 ग्राम डालकर पकाएं. जब उबलने लगे तो उतार […]
कुमारी आसव बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे
हेल्थ डेस्क- कुमारी आसव एक हर्बल पदार्थों से बनी हुई आयुर्वेदिक औषधि है जो मानव की कार्यशैली में सुधार कर स्वास्थ्य की गुणवत्ता को बनाए रखती है. यह दवा एक पॉली लिक्विड दवा है जिसे मौखिक रूप से सेवन किया जाता है और जिसमे पहले से 5 से 10% स्वयं निर्मित अल्कोहल होता है जो […]
खदिरारिष्ट बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे
खदिरारिष्ट बनाने के लिए जड़ी- बूटियों की आवश्यकता होगी. खदिरारिष्ट बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे खैर छाल 500 ग्राम, देवदार 500 ग्राम, बाकूची 120 ग्राम, दारूहल्दी 250 ग्राम, कचनार छाल 250 ग्राम, गिलोय 250 ग्राम, त्रिफला 200 ग्राम. इन सभी चीजों को अधकुटा करके 30 लीटर पानी में डालकर पकाएं. जब 8 लीटर पानी […]
चंदनासव बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे
चंदनासव बनाने के लिए जड़ी- बूटियों की आवश्यकता होगी. चंदनासव बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे सफेद चंदन, नागर मोथा, नीलोफर, पद्माख, लोध, मजीद, फुल प्रियंगु, लाल चंदन, अनंत मूल, चिरायता, वट वृक्ष की छाल, पीपल वृक्ष की छाल, कचूर, कचनार का छाल, शहतरा, आम की गुठली, मोचरस 75-75 ग्राम. सभी को अधकुटा करके 32 […]
सारस्वतारिष्ट बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे
सारस्वतारिष्ट बनाने के लिए इन जड़ी- बूटियों की आवश्यकता होगी. सारस्वतारिष्ट बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे ब्रह्मी 250 ग्राम, शतावर, शंखपुष्पी, विदारीकंद, वाराहिकंद, हरड़ छाल, खस, सोठ, सौंफ- 250- 250 ग्राम को 12 लीटर पानी में भिगोकर रखें. 12 घंटे बाद इसे आंच पर चढ़ाकर पकाएं जब चौथाई भाग पानी बचे तो छानकर बरनी […]
विजयसार क्या है ? इससे बने ग्लास में पानी पीने से क्या लाभ होता है ? डायबिटीज के मरीज जरूर पढ़ें
हेल्थ डेस्क- रोगों को दूर करने के लिए आयुर्वेद में जड़ी- बूटियों, रस- भस्मों इत्यादि का इस्तेमाल किया जाता है. आयुर्वेद में जटिल से जटिल बीमारियों का इलाज संभव है. उन्हीं जड़ी- बूटियों में से एक है विजयसार का पेड़ जिसका इस्तेमाल डायबिटीज, गठिया, मोटापा, अर्थराइटिस, त्वचा एवं बालों के रोग, हाथीपाँव, ब्रोंकाइटीस, लीवर से […]
महासुदर्शन चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे
हेल्थ डेस्क- आयुर्वेद के विभिन्न औषधियों में से महासुदर्शन चूर्ण एक है. इस औषधि का निर्माण चिरायता सहित कई जड़ी- बूटियों को मिलाकर बनाया गया है. महासुदर्शन चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे. महासुदर्शन चूर्ण खतरनाक बुखार से जुड़े लक्षणों जैसे कि अपच, भूख न लगना, स्वेदजनक, आहार में अरुचि और मतली ( जी […]
लवंगादि चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे
हेल्थ डेस्क- लवंगादि चूर्ण एक आयुर्वेदिक औषधि है जिसमें लवंग के अलावे कई जड़ी- बूटियों को मिलाकर तैयार किया जाता है. इसमें मुख्य रूप से लवंग का मात्रा अधिक है इसलिए इसे लवंगादि चूर्ण के नाम से जाना जाता है. लवंगादि चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे. इस लेख के माध्यम से हम लवंगादि […]
त्रिफला चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे
हेल्थ डेस्क- आयुर्वेद चिकित्सा का इतिहास 5000 वर्षों से अधिक पुराना है. सदियों से आयुर्वेदिक उपचार में औषधीय गुण रखने वाली जड़ी- बूटियों का प्रयोग किया जाता रहा है. त्रिफला चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे. इन्हीं जड़ी- बूटियों में से एक है त्रिफला. आयुर्वेदिक औषधियों की बात जहां होती है वहां पर त्रिफला […]