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सर्दियों में सिंघाड़ा खाने के फायदे

By : Dr. P.K. Sharma (T.H.L.T. Ranchi)In : FoodRead Time : 1 MinUpdated On December 6, 2021

हेल्थ डेस्क- सर्दियों की शुरुआत होते ही बाजार में सिंघाड़ा मिलना शुरू हो जाता है. सिंघाड़ा खाना कई लोगों को पसंद होता है तो वहीं कई लोगों को नापसंद भी होता है. लेकिन आपको बता दें कि सिंघाड़े का सेवन करना सेहत के लिए काफी लाभदायक होता है क्योंकि इसमें कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो हमारे सेहत के लिए लाभदायक होने के साथ ही बीमारियों से भी बचाव करते हैं.

  • अफारा (Flatulence ) रोग क्या है ? जाने कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपाय
  • जठर अत्यम्लता ( Hyperacidity ) क्या है ? जाने कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपाय
  • हिचकी क्या है? जाने कारण, लक्षण एवं घरेलू और आयुर्वेदिक उपाय
  • विटामिन डी क्या है ? यह हमारे शरीर के लिए क्यों जरूरी है ? जाने प्राप्त करने के बेहतर स्रोत
  • सेहत के लिए वरदान है नींबू, जाने फायदे

सिंघाड़ा क्या है ?

सिंघाड़ा पानी में आने वाली वनस्पति है. इसका उपयोग खाने के साथ-साथ औषधियों के रूप में भी किया जाता है. सिंघाड़े की खेती मध्यप्रदेश के प्रांत में बड़े पैमाने पर की जाती है. उड़ीसा, कश्मीर आदि प्रांतों में भी इसका उत्पादन होता है. भारत में उपवास के दौरान अक्सर सिंघाड़े के आटे से बनी हुई चीजें खाई जाती है. सिंघाड़ा एनर्जी, पानी का बेहतर स्रोत है. सिंघाड़े को उबालकर, रोस्ट करके, ड्राई करके पाउडर आदि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है.

सिंघाड़े का वर्णन आयुर्वेद में शृंगाटक नाम से वर्णित भावप्रकाश निघंटू, राजनिघंटु, धन्वंतरी निघंटू आदि में सिंघाड़े का उल्लेख मिलता है. इसका उपयोग और फायदे के बारे में बताएं गए हैं.

सिंघाड़े को अलग-अलग भाषाओँ में अलग-अलग नामों से जाना जाता है.

हिंदी में सिंघाड़ा, सिंघारा, शिंगोरा.

मराठी में सिंघाड़ा.

तेलुगु में पतिगड्डा.

मल्यालम में करिम्फोलाम.

संस्कृत में त्रिकोणफलं, जलफलं, पनियफलं, शृंगाटकम.

गुजराती में सिंगोड़ा.

बंगाली में सिंघारा.

सिंघाड़े के पोषक तत्वों की बात करें तो सौ ग्राम सिंघाड़ा में लगभग-

कार्ब्स 23 ग्राम, पोटैशियम 468 मिलीग्राम, फाइबर 15 ग्राम, कैल्शियम 17.6 मिलीग्राम, आयरन, जींक, आयोडीन और एंटीऑक्सीडेंट इत्यादि पाए जाते हैं.

सिंघाड़ा एनर्जी का बेहतर स्रोत होता है. सिंघाड़े में पानी की मात्रा 50% तक होता है इसमें पोटेशियम, जिंक होने से शरीर में पानी का रिटेंशन रहता है और एनर्जी लेवल जल्दी कम नहीं होता है. शायद इसीलिए हमारे पुरखों ने व्रत उपवास में सिंघाड़े को खाने के लिए चुना होगा.

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सिंघाड़े से बनाई जाने वाली कुछ रेसिपीज-

सिंघाड़े को उबालकर करके उपयोग में लाना चाहिए. ताकि पानी से आने वाले टॉक्सिन खत्म हो जाएं और पचने में भी आसान हो जाता है.

सिंघाड़े की पूरी.

सिंघाड़े की कचौड़ी.

सिंघाड़े की रोटी.

सिंघाड़ा और पनीर से बनी टिकी.

सिंघाड़े का हलवा.

सिंघाड़ा की बर्फी आदि अनेक रेसिपीज इससे बनाई जाती है. इसके साथ ही लोग कच्चा सिंघाड़ा खाना पसंद करते हैं.

सिंघाड़ा खाने के फायदे-

1 .जिन लोगों को नाक से खून आता है उन्हें बरसात के मौसम के बाद कच्चे सिंघाड़े का सेवन करना फायदेमंद होता है.

2 .पेशाब में जलन, रुक रुक कर पेशाब आना जैसी बीमारियों में सिंघाड़े का सेवन करना फायदेमंद होता है.

3 .सिंघाड़े में कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं जिससे इसके सेवन से शरीर शक्तिशाली और हृष्ट- पुष्ट बनता है.

4 .एड़िया फटने की समस्या शरीर में मैगनीज की कमी की वजह से होती है लेकिन सिंघाड़ा ऐसा फल है जिसमे पोषक तत्वों में मैग्नीज ग्रहण करने की क्षमता होती है.

5 .सिंघाड़ा सूजन और दर्द में मरहम की तरह काम करता है. शरीर के किसी भी अंग में सूजन होने पर सिंघाड़े के छिलके को पीसकर पेस्ट बनाकर लगाने से राहत मिलता है.

6 .जॉन्डिस के मरीजों के लिए सिंघाड़े का सेवन करना काफी फायदेमंद होता है क्योंकि यह शरीर से जहरीले पदार्थों को बाहर निकालने में मददगार होता है.

7 .कच्चे सिंघाड़े की शक्कर और नारियल के साथ चबाकर खाने से शरीर को जबरदस्त ऊर्जा मिलती है. माना जाता है कि यह नुस्खा शारीरिक स्फूर्ति प्राप्त करने के लिए काफी फायदेमंद होता है.

8 .सिंघाड़े के आटे में बबूल गोंद, देसी घी और मिश्री मिलाकर लगभग 30 ग्राम की मात्रा प्रतिदिन दूध के साथ सेवन करने से वीर्य की दुर्बलता दूर होती है और शुक्राणु में भी बढ़ोतरी होती है. इसके सेवन से मर्दाना ताकत में बढ़ोतरी होती है. हालांकि नियमित सिंघाड़े को हलवे के रूप में भी सेवन करना लाभदायक होता है.

सर्दियों में सिंघाड़ा खाने के फायदे

9 .सिंघाड़े में कैल्शियम प्रचुर मात्रा में मौजूद होने के कारण इसके सेवन से हड्डियों और दांतों को मजबूती मिलती है.

10 .बच्चे को जन्म देने के बाद अक्सर महिलाओं में कमजोरी आ जाती है. इस कमजोरी को दूर करने के लिए महिलाओं को सिंघाड़े का हलवा खाना काफी फायदेमंद होता है क्योंकि यह शरीर में हुई कमजोरी को दूर कर देता है.

11 .गला से संबंधित बीमारियों के लिए सिंघाड़ा काफी फायदेमंद होता है. गला खराब होने पर या गला बैठने पर सिंघाड़े के आटे में दूध मिलाकर पीना फायदेमंद होता है. गले में टॉन्सिल की समस्या होने पर सिंघाड़ा का सेवन करना काफी लाभदायक होता है.

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12 .यदि मांसपेशियां कमजोर है या शरीर में दुर्बलता आ गई है तो सिंघाड़े का सेवन करना चाहिए क्योंकि सिंघाड़े कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं जिससे शरीर की दुर्बलता और कमजोरी दूर हो जाती है.

13 .बवासीर रोग में सिंघाड़े का सेवन करना काफी लाभदायक होता है क्योंकि सिंघाड़े में फाइबर प्रचुर मात्रा में होता है जिससे पाचन अच्छी तरह से होकर बवासीर में लाभ होता है. साथ में सिंघाड़े के सेवन से बवासीर में आ रही खून बंद हो जाती है.

14 .जो लोग अस्थमा के रोगी है उनके लिए सिंघाड़ा काफी फायदेमंद होता है. अस्थमा के रोगियों को एक चम्मच सिंघाड़े के आटे को ठंडे पानी में मिलाकर सेवन करना चाहिए. नियमित सेवन करने से अस्थमा रोग में लाभ होता है.

15 .सिंघाड़ा ल्यूकरिया, दस्त, खून में खराबी जैसी बीमारियों को दूर करता है.

16 .सिंघाड़े में प्रचुर मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो शरीर को फ्री रेडिकल्स जैसे हानिकारक मॉलिक्यूल से बचाता है. फ्री रेडिकल्स जमा होने से शरीर प्राकृतिक रूप से सुरक्षित नहीं रह जाता है और इससे ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ता है. इसकी वजह से क्रॉनिक डिजीज, दिल की बीमारी, टाइप 2 डायबिटीज और कई तरह के कैंसर होने की संभावना अधिक हो जाती है. सिंघाड़े में मुख्य रूप से फेरूलिक एसिड, गैलोकैटेचीन गैलेट, एपिक्टिन गैलेट और कैटेचिन जैसे एंटीऑक्सीडेंट भरपूर होते हैं.

16 .कोलेस्ट्रोल और ब्लड प्रेशर बढ़ने से स्ट्रोक, दिल की बीमारी होने की संभावना अधिक हो जाती है. सिंघाड़े में पोटेशियम की मात्रा अधिक होती है और इसे खाने से हाई ब्लड प्रेशर कम होता है. शोध के मुताबिक पोटैशियम दिल की बीमारियों से बचाता है और पोटेशियम स्ट्रोक की संभावना 24% तक कम कर देता है.

17 .सिंघाड़ा वजन को कम करने में भी काफी मददगार होता है क्योंकि इसमें पानी की मात्रा ज्यादा होती है और कैलोरी भी कम होता है जो वजन कम करने में लाभदायक है. सिंघाड़े के सेवन से लंबे समय तक भूख नहीं लगती है अगर आपको बहुत जल्दी- जल्दी भूख लगने की समस्या है तो अपने कार्ब्स की जगह सिंघाड़े का सेवन करें. इससे आपका बढ़ा हुआ वजन नियंत्रण में आ जाएगा.

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18 .थायराइड की बीमारी आयोडीन की कमी के कारण होता है और सिंघाड़े में प्रचुर मात्रा में आयोडीन मौजूद होता है. इसलिए यह आपकी थायराइड संबंधी समस्याओं को दूर कर देता है. साथ ही सिंघाड़े में विटामिन ए, विटामिन सी, मैग्नीज, थायमिन, कार्बोहाइड्रेट, टैनिन, सिट्रिक एसिड, रिबोफ्लेविन, एमिलोज, फास्फोराइलेज आदि पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो कि आपके शरीर के लिए काफी लाभदायक होते हैं.

सिंघाड़ा खाने में सावधानियां-

एक स्वस्थ व्यक्ति को प्रतिदिन 5 से 10 ग्राम ताजे सिंघाड़े का सेवन करना चाहिए, यह पाचन प्रणाली के लिहाज से भारी होता है इसलिए ज्यादा खाना नुकसानदायक भी हो सकता है. इससे पेट में भारीपन और गैस बनने की समस्या हो सकती है. सिंघाड़ा खा कर तुरंत पानी बिल्कुल नहीं पीना चाहिए क्योंकि पेट में दर्द हो सकता है. कब्ज की समस्या हो तो सिंघाड़े का सेवन कम करें.

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नोट- इस लेख में दी गई जानकारी शैक्षणिक उद्देश्य से है इन्हें आजमाने और अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें. धन्यवाद.

Hashtag: सर्दियों में सिंघाड़ा खाने के फायदे सिंघाड़ा क्या है ? सिंघाड़ा खाने के फायदे- सिंघाड़े से बनाई जाने वाली कुछ रेसिपीज-

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The information given on this website is based on my own experience and Ayurveda. Take the advice of a qualified doctor (Vaidya) before any use. This information is not intended to be a substitute for any therapy, diagnosis or treatment, as appropriate therapy according to the patient's condition may lead to recovery. The author will not be responsible for any damage caused by improper use. , Thank you !!

Dr. P.K. Sharma (T.H.L.T. Ranchi)

मैं आयुर्वेद चिकित्सक हूँ और जड़ी-बूटियों (आयुर्वेद) रस, भस्मों द्वारा लकवा, सायटिका, गठिया, खूनी एवं वादी बवासीर, चर्म रोग, गुप्त रोग आदि रोगों का इलाज करता हूँ।

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