सेहत के लिए वरदान है नींबू, जाने फायदे

हेल्थ डेस्क- नींबू का इस्तेमाल ज्यादातर लोग भोजन के स्वाद को बढ़ाने के लिए ही करते हैं. इसे दाल, सब्जी, सलाद आदि में डालकर लोग खाते हैं तो कुछ लोग शरबत के स्वाद को बढ़ाने के लिए नींबू का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि नींबू ना सिर्फ आपके खानपान को स्वादिष्ट बनाता है बल्कि कई औषधीय गुणों से भरपूर होता है. नींबू का नियमित सेवन करना आपको कई बीमारियों से दूर रखने के साथ ही छुटकारा भी दिला सकता है ?

तो चलिए जानते हैं नींबू के फायदे-

1 .नींबू में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में होता है इसलिए इसका नियमित सेवन करना रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है जिससे हमारे शरीर की कई बीमारियों से रक्षा होती है.

2 .नींबू का सेवन ह्रदय स्वास्थ्य के लिए भी काफी लाभदायक होता है क्योंकि विटामिन सी भरपूर मात्रा में होने से यह दिल की बीमारी और स्ट्रोक का खतरा कम करता है. वैसे नींबू में सिर्फ विटामिन सी ही नहीं बल्कि फाइबर और प्लांट कंपाउंड पाए जाते हैं जो हृदय के खतरे को कम करने में मददगार होते हैं.

3 .नींबू वजन को भी नियंत्रित करने में काफी मददगार होता है क्योंकि जब आप नींबू पानी का सेवन करते हैं तो इससे कैलोरी तेजी से बर्न होती है जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है.

4 .एनीमिया जैसी समस्या से रक्षा करने में भी नींबू का पानी पीना मददगार है. वैसे नींबू में कुछ हद तक आयरन पाया जाता है लेकिन इससे भी ज्यादा इसमें विटामिन सी और साइट्रिक एसिड पाया जाता है. एक्सपर्ट का कहना है कि विटामिन सी और साइट्रिक एसिड शरीर में आयरन ओब्जर्शन में मदद करता है इसलिए यह एनीमिया से भी बचाव करने में मददगार होता है.

5 .नींबू पाचन क्रिया को स्वस्थ रखने में काफी मददगार होता है क्योंकि नींबू में घुलनशील फाइबर और सरल शर्करा मौजूद होता है. नींबू में मुख्य फाइबर पेक्टिन है जो घुलनशील फाइबर का ही एक रूप है. घुलनशील फाइबर आपके स्वास्थ्य में सुधार कर सकते हैं और शर्करा और स्टार्च के पाचन को धीमा कर सकते हैं. इन प्रभाव परिणाम स्वरूप रक्त शर्करा का स्तर कम हो सकता है. हालांकि नींबू से फाइबर के लाभ प्राप्त करने के लिए आपको ना सिर्फ इसका रस पीना चाहिए बल्कि पल्प का भी सेवन करना चाहिए.

पुरुषों को नियमित करना चाहिए इन चीजों का सेवन, कभी नही होगी कमजोरी की समस्या 

6 .किडनी स्टोन से जूझ रहे लोगों के लिए भी नींबू पानी का सेवन करना लाभदायक हो सकता है. मुख्य रूप से किडनी स्टोन शरीर से बिना किसी परेशानी के निकल जाता है लेकिन कुछ मामलों में यूरिन को ब्लॉक कर देते हैं जो अत्यधिक कष्ट कारक बनता है. नींबू पानी पीने से शरीर को रिहाइड्रेट होने में मदद मिलती है और यह यूरिन को पतला रखने में मदद करता है. साथ ही यह किडनी स्टोन बनने के किसी भी तरह के खतरे को कम करता है.

7 .हाई ब्लड शुगर वाले के लिए यह बेहतर विकल्प माना जाता है. नींबू पानी पीना उनके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है. खास तौर पर उनके लिए जो डायबीटिक है या वजन कम करना चाहते हैं. यह शुगर को गंभीर स्तर तक पहुंचाए बिना शरीर को रिहाइड्रेट और एनर्जेटिक रखता है.

8 .यह खराब हुए गले को भी ठीक करने में मदद करता है. इसके लिए पानी को गुनगुना करके नींबू का रस निचोड़ कर पीना चाहिए. इससे गले की खराबी या फैरिंजाइटिस में लाभ होता है.

9 .नींबू पानी मसूड़ों से संबंधित समस्याओं को भी राहत पहुंचाने में मदद करता है. नींबू पानी में एक चुटकी नमक मिलाकर पीने से अच्छा लाभ होता है.

10 .कैंसर से बचाव करने में भी नींबू पानी काफी मददगार होता है. शोध बताते हैं कि नींबू अपने एंटीट्यूमर गुणों के साथ कैंसर के खतरे को भी कम कर सकता है.

11 .नींबू पानी स्ट्रेस और ब्लड प्रेशर से भी राहत पहुंचाने में मददगार होता है. यदि आप तनाव, डिप्रेशन और अवसाद जैसी समस्या से जूझ रहे हैं तो नींबू पानी पीने से आपको तुरंत राहत मिलता है.

सोना, चांदी आदि धातु से बने गहने पहनने के क्या स्वास्थ्य लाभ होते हैं? जरुर जानिए  

12 .नींबू पानी का नियमित सेवन से त्वचा को जवान बनाए रखने में भी मदद करता है क्योंकि नींबू एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है साथ ही त्वचा को हाइड्रेट भी रखता है.

* अगर त्वचा के लिए नींबू की बात करें तो यह बहुत ही लाभदायक है. नींबू के प्राकृतिक अम्ल बहुत ही सरल तरीके से मृत कोशिकाओं को निकालते हैं. उम्र के साथ होने वाली झुर्रियों को कम करते हैं, अनचाहे धब्बे को कम करना और चेहरे पर होने वाली दाग व ब्लैकहेड्स की समस्या से छुटकारा दिलाते हैं. नींबू में मौजूद तेल को सोख लेता है तथा छिद्र को बंद करता है.

* ताजा नींबू से रस निकालकर उसमें पानी मिलाएं. अब इसको प्रभावित हिस्से पर लगाएं और 15 मिनट तक रहने दें इसके बाद ठंडे पानी से धो लें. यह कील की समस्या को दूर करने में मददगार होगा. इस तरह से नियमित इस्तेमाल करने पर कील की समस्या दूर हो जाती है. इसके अलावा आप प्रतिदिन नींबू पानी का सेवन करते हैं तो आपका आंतरिक शरीर सही रहता है और आपको कील- मुंहासे जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलती है.

* नींबू की मदद से आप त्वचा को गोरा भी बना सकते हैं. इसके लिए 3 चम्मच पानी में 2 चम्मच नींबू का रस मिलाकर इसको अच्छे से मिलाएं और उसके बाद चेहरे और गर्दन पर लगाएं. इसके बाद इसे 30 मिनट तक रहने दें और फिर पानी से धो ले. इस प्रक्रिया को दिन में कई बार दोहराएं ताकि आपको अच्छे परिणाम मिल सके. आप चाहे तो इसमें एक चम्मच शहद भी मिला सकते हैं जिससे आपको जलन महसूस नहीं होगी. साथ ही त्वचा के लिए शहद भी काफी लाभदायक होता है.

* कई बार काले मस्से हो जाते हैं. अगर आप भी काले मस्सों की समस्या से परेशान हो तो ताजा नींबू के रस को काले मस्सों पर सीधा लगाएं. नींबू के रस में मौजूद एसिड काले मस्से को निकालता है. यदि आप काले मस्से हटाने का प्रयास कर रही है तो यह उपाय काफी लाभदायक साबित होगा.

* चेहरे पर पड़ी झुर्रियों को दूर करने के लिए एक चम्मच नींबू के रस में एक चम्मच शहद मिलाएं और इसमें कुछ बूंदे बादाम का तेल डालें और अच्छे से मिलाएं और इसे चेहरे और गर्दन पर लगाएं. कुछ दिन इस्तेमाल करने से झुर्रियोंकी समस्या से निजात मिलेगी.

* त्वचा को साफ करने के लिए नींबू का रस एक प्राकृतिक उपाय है. इसमें सिट्रिक अम्ल होता है जो मृत कोशिकाओं की ऊपरी परत हटाने में मदद करता है. नींबू का रस चीनी व पानी मिलाकर मिश्रण तैयार कर लें और चेहरे पर लगाएं.

* नींबू आपकी त्वचा पर रौनक लाता है इसके लिए नींबू का रस, बादाम का तेल और शहद का मिश्रण तैयार कर ले और इसे त्वचा पर लगाकर 15 मिनट के लिए छोड़ दें. इसके बाद साफ पानी से धो लें या फिर एक गिलास गर्म दूध में थोड़ा सा नींबू का रस, ग्लिसरीन मिलाकर त्वचा पर लगाएं और उसको रात भर के लिए रहने दें. सुबह उठकर साफ पानी से धो लें.

नोट- यह पोस्ट शैक्षणिक उद्देश्य से लिखा गया है किसी भी बीमारी के दौरान नींबू का प्रयोग करने से पहले योग्य डॉक्टर की सलाह जरूर लें. धन्यवाद.

इसे भी पढ़ें-

हिस्टीरिया रोग क्या है ? जाने के कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपाय

जानें- बेहोशी होने के कारण, लक्षण और आपातकालीन उपचार

कमर दर्द ( कटि वेदना ) होने के कारण, लक्षण और घरेलू एवं आयुर्वेदिक उपचार

श्वसनीविस्फार ( ब्रोंकाइटिस ) होने के कारण, लक्षण और घरेलू एवं आयुर्वेदिक उपचार

कंपवात रोग क्या है? जाने कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपाय

वृक्क पथरी क्या है ? जाने कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपाय

प्रतिश्याय ( सर्दी ) क्यों हो जाती है ? जानें कारण, लक्षण और घरेलू एवं आयुर्वेदिक उपाय

बुढ़ापे में भी मर्दाना कमजोरी दूर करने के 9 घरेलू उपाय

चेचक क्या है ? जाने कारण, लक्षण और घरेलू एवं आयुर्वेदिक उपाय

आमाशय व्रण ( पेप्टिक अल्सर ) क्या है ? जाने कारण, लक्षण और घरेलू एवं आयुर्वेदिक उपाय

उन्डूकपुच्छशोथ ( Appendicitis ) क्या है? जानें कारण, लक्षण और घरेलू एवं आयुर्वेदिक उपाय

हैजा रोग क्या है ? जानें कारण, लक्षण और घरेलू एवं आयुर्वेदिक उपाय

सर्दियों में सिंघाड़ा खाने के फायदे

अफारा (Flatulence ) रोग क्या है ? जाने कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपाय

जठर अत्यम्लता ( Hyperacidity ) क्या है ? जाने कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपाय

हिचकी क्या है? जाने कारण, लक्षण एवं घरेलू और आयुर्वेदिक उपाय

विटामिन डी क्या है ? यह हमारे शरीर के लिए क्यों जरूरी है ? जाने प्राप्त करने के बेहतर स्रोत

सेहत के लिए वरदान है नींबू, जाने फायदे

बच्चों को मिर्गी होने के कारण, लक्षण, उपचार एवं बचाव के तरीके

हींग क्या है ? जाने इसके फायदे और इस्तेमाल करने के तरीके

गठिया रोग संधिशोथ क्या है ? जाने कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपाय

पुरुषों को नियमित करना चाहिए इन चीजों का सेवन, कभी नही होगी कमजोरी की समस्या

सोना, चांदी आदि धातु से बने गहने पहनने के क्या स्वास्थ्य लाभ होते हैं? जरुर जानिए

दूध- दही नहीं खाते हैं तो शरीर में कैल्शियम की पूर्ति के लिए करें इन चीजों का सेवन

मर्दाना शक्ति बिल्कुल खत्म हो चुकी है उनके लिए अमृत समान गुणकारी है यह चूर्ण, जानें बनाने और सेवन करने की विधि

स्पर्म काउंट बढ़ाने में इस दाल का पानी है काफी फायदेमंद, जानें अन्य घरेलू उपाय

एक नहीं कई बीमारियों का रामबाण दवा है आंवला, जानें इस्तेमाल करने की विधि

रात को सोने से पहले पी लें खजूर वाला दूध, फायदे जानकर हैरान रह जाएंगे

महिला व पुरुषों में प्रजनन क्षमता बढ़ाने के कारगर घरेलू उपाय

दिल और दिमाग के लिए काफी फायदेमंद है मसूर दाल, मोटापा को भी करता है नियंत्रित

कई जटिल बीमारियों का रामबाण इलाज है फिटकरी, जानें इस्तेमाल करने के तरीके

पेट में कृमि ( कीड़ा ) होने के कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपाय

पित्ताशय में पथरी होने के कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपाय

 

जानें- स्वास्थ्य रक्षा की सरल विधियां क्या है ?

सारस्वतारिष्ट बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

बाजीकरण चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

अश्वगंधादि चूर्ण बनाने की विधि उपयोग एवं फायदे

शतावर्यादि चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

स्वादिष्ट विरेचन चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

शतपत्रादि चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

लवण भास्कर चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

अमृतारिष्ट बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

गंधक रसायन चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

महामंजिष्ठादि क्वाथ बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

योगराज और महायोगराज गुग्गुल बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

आयुर्वेद के अनुसार किस ऋतु में कौन सा पदार्थ खाना स्वास्थ्य के लिए हितकर होता है, जानें विस्तार से

ब्रेन ट्यूमर होने के कारण, लक्षण और घरेलू एवं आयुर्वेदिक उपचार

श्रीखंड चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

ब्राह्मी चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

बिल्वादि चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

तालीसादि चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

सितोपलादि चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

दाड़िमपुष्प चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग और फायदे

मुंहासे दूर करने के आयुर्वेदिक उपाय

सफेद बालों को काला करने के आयुर्वेदिक उपाय

गंजे सिर पर बाल उगाने के आयुर्वेदिक उपाय

कर्पूरासव बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

वासासव बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

मृगमदासव बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

द्राक्षासव बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

अर्जुनारिष्ट बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

खदिरारिष्ट बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

चंदनासव बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

महारास्नादि क्वाथ बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

रक्तगिल चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

नारसिंह चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

कामदेव चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

शकाकलादि चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

विदारीकंदादि चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

प्रद्रांतक चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

माजूफलादि चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

मुसल्यादि चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

सारिवादि चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

कंकोलादि चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

प्रवालादि चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

जातिफलादि चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

अद्रकासव बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

लोहासव बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

औषधि प्रयोग के लिए पेड़- पौधों से कब लेना चाहिए फल, फूल, छाल, पत्ते व जड़ी- बूटियां ?

दिल की धड़कन रोग क्या है ? जाने कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपाय

अपतानिका ( Tetany ) रोग क्या है? जानें कारण, लक्षण और घरेलू एवं आयुर्वेदिक उपाय

शरीर की कमजोरी, थकान, खून की कमी दूर कर मर्दाना ताकत को बेहतर बढ़ाती है ये 12 चीजें

Share on:

I am an Ayurveda doctor and treat diseases like paralysis, sciatica, arthritis, bloody and profuse piles, skin diseases, secretory diseases etc. by herbs (Ayurveda) juices, ashes.

Leave a Comment