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गर्भावस्था में अभक्ष्य ( मिट्टी आदि ) पदार्थ खाने की आदत छुड़ाने के आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपाय

By : Dr. P.K. Sharma (T.H.L.T. Ranchi)In : Health TipsRead Time : 1 MinUpdated On March 31, 2022

हेल्थ डेस्क- गर्भावस्था के दौरान कई ऐसी महिलाएं होती है जो अभक्ष्य पदार्थ खाने लगती है यानी जो नहीं खाने लायक चीजें होती है उन्हें वह खाना पसंद करती है, जिसके कारण उनके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है. महिला के शरीर में खून कम बनने लगता है और खून की कमी से पीड़ित हो जाती है. ऐसी अवस्था में महिला विभिन्न प्रकार के अखाद्य पदार्थ जैसे- मुल्तानी मिट्टी, चूल्हे की मिट्टी, पके हुए मिट्टी, मिट्टी के कुल्हड़, खड़िया, दिवाल पोतने वाली मिट्टी, लकड़ी का कोयला, बालों का गुच्छा, बर्फ, रंग, कच्चे स्टार्च, चारकोल, राख, कगज, चौक, कपड़ा, बेबी पाउडर, कॉफी ग्राउंड्स, अंडे का छिलका आदि खाना पसंद करती है. उन्हें यह सब चीजें खाना अच्छा लगता है.

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गर्भावस्था में अभक्ष्य ( मिट्टी आदि ) पदार्थ खाने की आदत छुड़ाने के आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपाय

मिट्टी खाने से गर्भवती महिला के स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ सकता है ?

1 .पेट में संक्रमण और रोग-

मिट्टी खाने से गर्भवती महिला के पेट में संक्रमण होने का खतरा अधिक हो जाता है. मिट्टी में बहुत से कीटाणु होते हैं जो पेट में जाकर बढ़ना शुरू कर देते हैं और यह पेट के अनेक रोग उत्पन्न कर देते हैं. साथ ही इससे पाचन शक्ति भी कमजोर होती है और कब्ज आदि की समस्या हो जाती है जो गर्भावस्था में परेशानी का कारण बन सकता है.

2 .दांत खराब होना-

गर्भावस्था में ऐसे भी दांतों का ज्यादा ध्यान रखना पड़ता है क्योंकि शरीर में लगातार कैल्शियम की कमी होती रहती है. ऐसे में मिट्टी खाने से दांतों के ज्यादा खराब होने की संभावना बनी रहती है. साथ ही इससे कई बार दांतों की ऊपरी परत भी घिसनें का डर रहता है जिससे सेंसिटिवीटी की दिक्कत बढ़ जाती है.

3 .पोषक तत्व शरीर तक नहीं पहुंचना-

मिट्टी या अखाद्य पदार्थ खाने के कारण आंतें कमजोर हो जाती है और ऐसे में उन्हें पोषक तत्वों को सोखने की क्षमता कम हो जाती है. साथ ही मिट्टी खाने से पूरा दिन पेट भरा रहने का एहसास रहता है जिससे महिला खाना नहीं खाती है तो उन्हें पोषक तत्व कहां से मिल पाएगी.

4 .शरीर में आंतरिक घाव या रक्त स्राव होना-

कभी-कभी आप जल्दबाजी में या क्रेविंग के चलते मिट्टी के साथ-साथ कुछ ऐसी चीजें भी खा सकते हैं जो आपको अंदरूनी घाव कर सकता है जैसे कांच, पिन इत्यादि.

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गर्भावस्था में मिट्टी खाने से बच्चे पर क्या असर पड़ता है ?

गर्भावस्था में मिट्टी खाने से मां के साथ-साथ गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी मिट्टी खाने का काफी बुरा प्रभाव पड़ता है और कभी-कभी यह बच्चे के लिए जानलेवा हो सकता है.

1 .बच्चे के विकास में बनता है बाधक-

गर्भावस्था में मिट्टी खाने से बच्चे के शरीर तक पोषक तत्वों को नहीं पहुंचने देती है और बच्चे के शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से प्रभाव पड़ता है. साथ ही यह बच्चे में वजन बढ़ने की गति को कम कर देता है और बहुत सारे मामलों एक बेहद बीमार शिशु के जन्म के लिए भी मिट्टी खाना उत्तरदाई है.

2 .हो सकता है समय से पहले शिशु का जन्म-

कभी-कभी मिट्टी खाने के कारण आपके शरीर में कुछ आवश्यक तत्वों की कमी होने के कारण समय के पहले प्रसव हो सकता है.

3 .बीमार या मृत शिशु का जन्म-

कई बार ज्यादा मिट्टी खाने के कारण गर्भ में ही शिशु की हालत बिगड़ सकती है और उसकी जान भी जा सकती है.

उपर्युक्त अखाद्य पदार्थों के खाने से महिला के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है. अतः उसकी इस बुरी आदत छुड़ाना बहुत जरूरी हो जाता है. इसके लिए महिला को छोटी इलाइची, लौंग, किशमिश, टॉफी, चॉकलेट, पिपरमिंट की गोलियां, लेमनचूस आदि सेवन कराना चाहिए. इससे महिला को अखाद्य पदार्थ खाने की आदत छूट जाती है.

गर्भावस्था में अभक्ष्य ( मिट्टी आदि ) पदार्थ खाने की आदत छुड़ाने के आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपाय

लेकिन यदि उपर्युक्त चीजो एक सेवन से भी अखाद्य पदार्थ खाने की लत यदि महिला को नहीं छूट रही है तो उन्हें इनके बुरे परिणामों के बारे में समझाना चाहिए एवं इन आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपायों का सेवन कराना लाभदायक हो सकता है.

गर्भवस्था में अखाद्य पदार्थ खाने की आदत छुड़ाने के आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपाय-

1 .महिला को एलादि वटी की एक- दो गोली प्रतिदिन चूसने को दें. इससे अच्छा लाभ मिलता है.

2 .मीठा अनार एवं मिश्री मिलाकर चूसने से भी अखाद्य पदार्थ खाने की आदत में सुधार होता है.

3 .पिपरमिंट की गोली- एक- एक गोली प्रति 4 घंटे पर गर्भवती महिला को चूसने को दें. इससे अखाद्य पदार्थ खाने की लत में सुधार हो जाती है.

4 .सफेद जीरा, सौंफ, आमला, अदरक, धनिया, पुदीना, अनारदाना, पित्त पापड़ा सभी को बराबर मात्रा में लेकर पीसकर चूर्ण बनाकर पानी की मदद से चने के बराबर गोलियां बना लें. इसमें से एक- दो गोली गर्भवती महिला को चूसने के लिए दें.

5 .नींबू को चूसना भी फायदेमंद होता है.

गर्भावस्था में अभक्ष्य ( मिट्टी आदि ) पदार्थ खाने की आदत छुड़ाने के आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपाय

नोट- 1 .अगर आप मिट्टी खाने की आदत नहीं छूट पा रही है. यह लत बढ़ती ही जा रही है तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. डॉक्टर उचित तरह से खून की जांच करते हुए आपको सही सलाह देंगे.

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2 .गर्भावस्था के दौरान अपने शरीर में किसी भी तरह के पोषक तत्व जैसे आयरन, कैल्शियम आदि की कमी न होने दें और जरा सी भी किसी अजीब सी क्रेविंग होने पर अपनी जांच तुरंत करवाएं.

3 .मिट्टी खाने की बार-बार इच्छा हो रही है तो इसका विकल्प खोजें जैसे कि अगर मॉर्निंग सिकनेस के चलते आप मिट्टी खा रही है तो उसकी जगह माउथ फ्रेशनर, सौंफ आदि खाएं तो मिट्टी खाने का मन नहीं करेगा.

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4 .साथ ही अपने आसपास के लोगों को इसके बारे में बताएं और उन्हें अपनी इस आदत पर टोकने को कहें. इस आदत को बिल्कुल भी मजाक न समझें और ना ही अनदेखा करें अन्यथा आपके साथ- साथ आपके शिशु का भी स्वास्थ्य खराब होता चला जाएगा.

नोट- यह लेख शैक्षणिक उद्देश्य से लिखा गया है. अधिक जानकारी एवं किसी भी प्रयोग से पहले योग्य डॉक्टर की सलाह जरूर लें. धन्यवाद.

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-: Note :-

The information given on this website is based on my own experience and Ayurveda. Take the advice of a qualified doctor (Vaidya) before any use. This information is not intended to be a substitute for any therapy, diagnosis or treatment, as appropriate therapy according to the patient's condition may lead to recovery. The author will not be responsible for any damage caused by improper use. , Thank you !!

Dr. P.K. Sharma (T.H.L.T. Ranchi)

मैं आयुर्वेद चिकित्सक हूँ और जड़ी-बूटियों (आयुर्वेद) रस, भस्मों द्वारा लकवा, सायटिका, गठिया, खूनी एवं वादी बवासीर, चर्म रोग, गुप्त रोग आदि रोगों का इलाज करता हूँ।

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