स्नायु दुर्बलता होने के कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपाय

हेल्थ डेस्क- स्नायु दुर्बलता होने पर थोड़ा सा भी मेहनत करने पर व्यक्ति थक जाता है. याददास्त शक्ति कमजोर हो जाती है. हंसी मजाक में भी या साधारण बातचीत में भी स्नायु दुर्बलता से ग्रसित व्यक्ति उत्तेजित हो जाता है तथा रोने लगता है. शारीरिक कमजोरी और सेक्स पावर की कमी आदि लक्षण होती हैं. यह रोग महिला व पुरुष दोनों में ही सामान्य रूप से होने वाला रोग है.

स्नायु दुर्बलता होने के कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपाय
स्नायु दुर्बलता होने के कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपाय

स्नायु दुर्बलता होने के कारण क्या है ?

बहुत चिंता करने से, थोड़ा या ज्यादा शारीरिक या मानसिक परिश्रम करने से, हस्तमैथुन अधिक करने से, स्वप्नदोष या दूसरी धातु संबंधी रोगों के होने से यह रोग हो जाया करता है. इसके अलावा कोई पुरानी बीमारी जो लंबे समय तक चलती रहती है उसके कारण स्नायु दुर्बलता की समस्या हो जाती है. जैसे मधुमेह, प्रमेह, महिलाओं में श्वेत या रक्तप्रदर इत्यादि. वही खानपान में पौष्टिक तत्वों की कमी, धूम्रपान, शराब इत्यादि का अत्यधिक सेवन करना आदि कारणों से स्नायु दुर्बलता की समस्या हो जाती है.

स्नायु दुर्बलता होने के लक्षण क्या है ?

स्नायु दुर्बलता होने के मुख्य लक्षण मानसिक कमजोरी है. व्यक्ति का सिर चकराता है. छाती की धड़कन बढ़ जाती है. स्मरण शक्ति कम हो जाती है. रोगी का किसी भी काम में मन नहीं लगता है. उसका मन हमेशा चंचल रहता है. रात को नींद भी नहीं आती है. व्यक्ति हमेशा सुस्त रहता है. शोरगुल सहन नहीं कर पाता है. यदि वह थोड़ा बहुत भी पढ़े- लिखे तो सिर में दर्द होने लगता है. उसकी आंखों के सामने काले बिंदु होते हुए दिखाई देते हैं. कान में आवाज आती है. जरा सी भी उत्तेजना से ही उसके दिल की धड़कन बढ़ जाती है. कब्ज की समस्या रहती है और भूख भी नहीं लगती है.

स्नायु दुर्बलता से ग्रसित व्यक्ति दिन प्रतिदिन कमजोर होता जाता है और उसके शरीर में खून की कमी हो जाया करती है. अच्छी से अच्छी चीजें खाने पीने पर भी व्यक्ति का वजन नहीं बढ़ता है बल्कि कुछ न कुछ भार कम ही होता जाता है.

स्नायु दुर्बलता रोग की पहचान क्या है ?

रोगी के शारीरिक और मानसिक लक्षणों से रोग की पहचान आसानी से हो जाती है.

अगर समय पर स्नायु दुर्बलता का इलाज न किया जाए तो क्या हो सकता है ?

यदि समय पर इस रोग का इलाज ना किया जाए और रोग लंबा चलता रहे तो पुरुषों में स्मृतिनाश यानि याददास्त शक्ति खत्म हो सकती है और महिलाओं में हिस्टीरिया के लक्षण हो जाते हैं. कई बार इससे महिला या पुरुष को तपेदिक होते भी देखा गया है.

स्नायु दुर्बलता से ग्रसित व्यक्ति को क्या खाना चाहिए ?

स्नायु दुर्बलता से ग्रसित व्यक्ति को लघुपाकी- पौष्टिक भोजन दें. दूध और चीनी के साथ मुर्गी के अंडे का पीला, पके फल, बादाम, पिस्ता, किशमिश, खजूर आदि पौष्टिक चीजें दें. सुबह शाम- सुबह टहलने के लिए कहें.

स्नायु दुर्बलता से ग्रसित व्यक्ति को क्या नहीं करना चाहिए ?

स्नायु दुर्बलता से ग्रसित व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक परिश्रम से बचाकर रखें, चिंता, शोक और हस्तमैथुन नहीं करने दे एवं अधिक शारीरिक संबंध बनाना भी नुकसानदायक है.

स्नायु दुर्बलता दूर करने की घरेलू एवं आयुर्वेदिक उपाय-

1 .लौह तत्व की कमी- यदि हमारे भोजन में लौह तत्व की कमी होगी और शरीर को उचित मात्रा में लौह तत्व प्राप्त नहीं होता है हमारी याददास्त शक्ति कमजोर होने लगेगी, चेतना का अभाव रहेगा, इसके लिए आहार किसी न किसी प्रकार से लौह तत्व का उचित मात्रा में सेवन करें.

2 .विटामिन बी 6 तथा तांबे की कमी- अगर किसी के भोजन में विटामिन बी 6 तथा ताम्बे की कमी या दोनों में से किसी एक की कमी हो तो दिमाग की कोशिकाएं प्रभावित होने लगती है. इसमें असमानता महसूस होने लगती है. इसलिए आहार यह दोनों तत्व लेते रहें. यह जरूरत विशेषकर 55 वर्ष की उम्र के लोगों को होती है.

3 .विटामिन ई की कमी- यदि हमारे शरीर में विटामिन ई की कमी रहेगी तो हृदय रोग के लक्षण भी पैदा होते नजर आएंगे. अतः संतुलित आहार लेते समय इस बात का ध्यान रखें कि जो हम ले रहे हैं उसमें विटामिन ई प्रचुर मात्रा में हो. इसका कमी होने के कारण पार्किन्सन रोग होने का भी खतरा रहता है.

4 .फास्फोरस तत्व- यदि किसी को रात में अच्छी तरह से नींद नहीं आती है तो दिमाग कमजोर होने लगता है उसे अजमोद का सेवन कराएं. इसमें प्रचुर मात्रा में फास्फोरस तत्व मौजूद होता है.

5 .बादाम की गिरी- बादाम की गिरी को रात भर पानी में भिगोकर रखें. इसे सुबह चबा- चबाकर खाने से स्मरण शक्ति में वृद्धि होती है और स्नायु तंत्र मजबूत होते हैं. याददाश्त शक्ति बढ़ाने के लिए बादाम की गिरी का सेवन करना लाभदायक होता है.

6 .सलाद के पत्ते- यदि किसी को घबराहट रहती है, धड़कन बड़ी तेजी से चलती हो तो ऐसे में सलाद के पत्ते व पत्तों का रस का सेवन कराना चाहिए. नारियल का सेवन कराना घबराहट को पूरी तरह से दूर करने और मनोबल को बढ़ाने में मददगार होता है. यदि थकावट रहती हो तो नारियल का सेवन करना लाभदायक होता है.

7 .तेल मालिश- तेल की मालिश करने की नाड़ी तंत्र मजबूत होती है. इसलिए नियमित रूप से तेल की मालिश करना चाहिए.

8 .स्नायु दुर्बलता दूर करने के लिए आवश्यकतानुसार धातु पौष्टिक चूर्ण, वसंत कुसुमाकर रस, महायोगराज गुग्गुल, रसोनादि वटी, चंद्रप्रभा वटी, विषतिन्दुक वटी, ब्राह्मी वटी या चूर्ण इत्यादि का सेवन चिकित्सक के परामर्शानुसार करना लाभदायक होता है.

नोट- यह लेख शैक्षणिक उद्देश्य से लिखा गया है. किसी भी प्रयोग से पहले योग्य चिकित्सक की सलाह जरूर लें. धन्यवाद.

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I am an Ayurveda doctor and treat diseases like paralysis, sciatica, arthritis, bloody and profuse piles, skin diseases, secretory diseases etc. by herbs (Ayurveda) juices, ashes.

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