योनि में घाव होने के कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपाय

हेल्थ डेस्क- कई महिलाओं को योनि के अंदर प्रायः घाव हो जाते हैं. जिनमें दर्द, जलन एवं सूजन हो जाता है.

योनि में घाव होने के कारण-

अधिकतर योनि में पेसरी के छूट जाने से घाव हो जाता है. इस घाव में संक्रमण पहुंचकर पीप पैदा हो जाता है. यह घाव नए शोध में पीप उत्पन्न होने तथा फुंसियों के फूट जाने से हो जाते हैं. योनि के अंदर अधिकत अम्लता के बढ़ने से भी घाव हो जाते हैं. भग या गर्भाशय ग्रीवा टीवी का प्रकोप होने पर भी योनि का भाग विक्रांत हो जाता है. Prolapse of the vagina में भी भाव बढ़ जाते हैं. गर्भाशय ग्रीवा की कार्सिनोमा की चिकित्सा एक्सरे द्वारा करने से भी योनि में घाव हो जाता है. अधिकांश महिलाएं गर्भपात कराने के लिए अपनी योनि में पोटेशियम परमैग्नेट की गोलियां रख लेती हैं जिनके इरिटेशन से भी योनि में घाव पैदा हो जाते हैं. उपदंश तथा सूजाक हो जाने से भी योनि में घाव पैदा हो जाती हैं.

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योनि में घाव होने के कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपाय

योनि में घाव होने के लक्षण-

घाव हो जाने पर योनि में दर्द एवं काफी जलन होती है. पेसरी से होने वाला घाव योनि के ऊपरी भाग की दीवार में होता है इनके घाव से पीप का डिस्चार्ज होता है. योनि Prolapse से होने वाले घाव में योनि का एपीथिलियम नष्ट हो जाता है वह स्थान लाल हो जाता है. साथ ही वहां से पीप का स्राव होता है. पोटेशियम परमैग्नेट की गोली से भी कभी-कभी योनि से तीव्र रक्तस्राव ही होने लगता है. वेजाइनल स्पैकुलम से योनि को फैला कर इन घावों को भलीभांति देखा जा सकता है.

योनि में घाव होने के कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपाय

योनि के घाव दूर करने के आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपाय-

1 .महिला की योनि को प्रतिदिन Savlon Lotion से धोया जाता है. इस कार्य के लिए डूस का भी प्रयोग करना सुविधाजनक रहता है.

2 .नीम के पत्तों के क्वाथ से योनि को प्रतिदिन डूस दें. साथ ही योनि में प्रतिदिन किसी अच्छे

क्षोभ रहित तेल अथवा मल्हम का प्रयोग स्थानिक रूप से करें.

3 .खून को साफ करने के लिए शुद्ध गंधक 240 से 480 मिलीग्राम की मात्रा में गाय के दूध के साथ महिला को सुबह- शाम सेवन कराया जाता है.

4 .50 ग्राम तिल का तेल लें अब इसमें 10 ग्राम  नीम के पत्ते व 10 ग्राम मेहंदी के सूखे पत्ते डालकर जला लें. अब इसमें 10 ग्राम मोम डालकर पिघला लें. फिर इसमें कमिला 10 ग्राम, मुर्दा शंख 4 ग्राम और काशगरी 4 ग्राम को खरल करके मिलाकर इसे मल्हम तैयार कर लें. इस मलहम इस्तेमाल करने से योनि, गर्भाशय, योनि कपाट के घाव, फुंसियां, खुजली में आराम आ जाता है और घाव जल्दी भर जाता है.

5 .कचनार गुग्गुल ( आयुर्वेदिक औषधि ) की 2- 2 गोली सुबह- शाम  और गंधक रसायन चूर्ण या वटी 2- 2 गोली सुबह- शाम एवं खदिरारिष्ट 10 से 20 ml सुबह- शाम सेवन करने से सभी तरह के चर्मरोग, दाद, दिनाय, उकवत, खुजली ठीक हो जाते है चाहे वह शरीर के किसी भी हिस्से में क्यों न हो.

जब तक घाव अच्छी तरह से ठीक ना हो जाए तब तक संभोग से दूर रहना चाहिए.

नोट- यह लेख शैक्षणिक उदेश्य से लिखा गया है किसी भी प्रयोग से पहले योग्य चिकित्सक की सलाह जरुर लें. धन्यवाद.

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I am an Ayurveda doctor and treat diseases like paralysis, sciatica, arthritis, bloody and profuse piles, skin diseases, secretory diseases etc. by herbs (Ayurveda) juices, ashes.

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