Diabetes Control- मधुमेह को जड़ से खत्म कर सकता है यह फूल, प्रतिदिन चबाएं 3- 4 पत्तियां

हेल्थ डेस्क- आज के समय में मधुमेह रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है जो खराब लाइफ स्टाइल के कारण हो रही है. पहले तो मधुमेह 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को ही देखी जाती थी. लेकिन जेनेटिक होने के कारण अब कम उम्र के लोग भी मधुमेह के शिकार हो रहे हैं. अगर समय रहते मधुमेह को नियंत्रित कर लिया जाए तो इसके बढ़ने की संभावना को कम किया जा सकता है. वैसे तो मधुमेह को नियंत्रण में रखने के लिए लोग लौकी, नीम की पत्तियां, करेले के जूस, गिलोय जैसे कई घरेलू नुस्खे अपनाते हैं. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे फूल के बारे में बताने जा रहे हैं जिसकी पत्तियों को प्रतिदिन चबाया जाए तो मधुमेह को सदा नियंत्रण रखा जा सकता है.

Diabetes Control- मधुमेह को जड़ से खत्म कर सकता है यह फूल, प्रतिदिन चबाएं 3- 4 पत्तियां

जी हां, हम जिस फूल के बारे में बात कर रहे हैं वह है सदाबहार का फूल. सदाबहार के फूल में मौजूद हाइपोग्लेमिक गुण ब्लड शुगर को कम करने में मदद करता है. इस फूल के अर्क को लेने से बीटा- पेन्क्रियाज फिर से इंसुलिन का उत्पादन होना शुरू हो जाता है. यह स्टार्च के ग्लूकोज में ब्रेक होने में भी मदद करता है. जिससे ब्लड शुगर लेवल में कमी आने लगती है.

तो चलिए जानते हैं मधुमेह को नियंत्रित रखने के लिए सदाबहार का इस्तेमाल कब और कैसे किया जाता है ?

सदाबहार क्या है ?

Diabetes Control- मधुमेह को जड़ से खत्म कर सकता है यह फूल, प्रतिदिन चबाएं 3- 4 पत्तियां
Diabetes Control- मधुमेह को जड़ से खत्म कर सकता है यह फूल, प्रतिदिन चबाएं 3- 4 पत्तियां

सदाबहार एक पौधा है जो आमतौर पर भारत में पाया जाता है और यह मेडागास्कर का मूल निवासी है. यह एक झाड़ीदार पौधा है जो सजावटी पौधे के रूप में घर एवं बाग- बगीचों में लगाया जाता है. फूलों के साथ चिकने चमकदार और गहरे रंग के पत्ते टाइप 2 मधुमेह के लिए प्राकृतिक औषधि के रूप में काम करते हैं.

आयुर्वेद विशेषज्ञों के मुताबिक सदाबहार के फूल और पत्तियों का इस्तेमाल ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है. यदि आप मधुमेह के मरीज हैं तो सुबह के समय फूलों से बनी हर्बल चाय पी सकते हैं या अच्छे परिणाम के लिए सदाबहार की तीन- चार पतियों को चबाकर खा सकते हैं.

आयुर्वेद के अनुसार मधुमेह एक मेटाबॉलिक कफ प्रकार का विकार है जिसमें पाचन अग्नि कम होने लगती है और ब्लड शुगर लेवल बढ़ने लगता है. ब्लड शुगर में स्पाइक्स को नियंत्रित करने के लिए आयुर्वेद में सदाबहार फूल का उपयोग करने की सलाह दी गई है. वैसे सदाबहार का उपयोग आयुर्वेद और चीनी दवाओं में बहुत पहले से ही किया जाता रहा है.

सदाबहार का उपयोग मधुमेह, मलेरिया, गले में खराश और ल्युकेमियां जैसी स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हर्बल उपचार है. इसमें दो एक्टिव कंपाउंड मौजूद होते हैं एल्कोलॉइड और टैनिन. ऐसा माना जाता है कि पौधे में 100 से ज्यादा अल्कलॉइड होते हैं जिनमें से विन्क्रिस्टाइन और विन्ब्लास्टाइन अपने औषधीय लाभों के लिए जाने जाते हैं.

मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए सदाबहार को कब और कैसे उपयोग कर सकते हैं ?

पहला तरीका- सदाबहार की ताजी पत्तियों को अच्छी तरह से साफ करके सुखाकर पीसकर पाउडर बना लें और कांच के बर्तन में सुरक्षित रख लें. अब मधुमेह को नियंत्रण में रखने के लिए सुबह खाली पेट एक चम्मच सूखे पत्तों का चूर्ण ताजे फलों की रस या पानी के साथ सेवन करें.

दूसरा तरीका- सदाबहार की 3-4 पतियों को दिनभर में चबाएं.

तीसरा तरीका- सदाबहार के फूलों को तोड़कर पानी में उबाल लें. अब इसे छान लें और मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए इस कड़वे तरल को सुबह खाली पेट पी लें.

चौथा तरीका- सदाबहार और नीम की 7-7 पत्तियों को पीसकर एक कप पानी में घोलकर छान लें और सुबह खाली पेट पी लें. ऐसा नियमित सेवन करते रहने से मधुमेह ( ब्लड शुगर लेबल ) नियंत्रित रहेगा.

नोट- यह लेख शैक्षणिक उद्देश्य से लिखा गया है. वैसे तो सदाबहार का इस्तेमाल करना नुकसानदायक नहीं है फिर भी इस्तेमाल करने से पहले योग्य चिकित्सक की सलाह जरूर लें. धन्यवाद.

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I am an Ayurveda doctor and treat diseases like paralysis, sciatica, arthritis, bloody and profuse piles, skin diseases, secretory diseases etc. by herbs (Ayurveda) juices, ashes.

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