हेल्थ डेस्क- आज के समय में डायबिटीज एक आम बीमारी बनती जा रही है. जिसकी मुख्य वजह खराब लाइफस्टाइल और गलत खानपान है. पहले के समय में 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में यह बीमारी देखी जाती थी. लेकिन आज युवा वर्ग के लोग भी इस बीमारी की चपेट में तेजी से आ रहे हैं. यह बीमारी ना सिर्फ पुरुषों को हो रही है बल्कि महिलाएं भी इस बीमारी से ग्रसित हो रही हैं.
डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो किसी को एक बार हो जाए तो इसे ठीक नहीं किया जा सकता है. लेकिन इसे नियंत्रण में रखकर एक स्वस्थ जिंदगी जिया जा सकता है. डायबिटीज को नियंत्रित रखने के लिए कुछ लोग दवाइयों का सहारा लेते हैं तो कुछ लोग आयुर्वेदिक एवं घरेलू जड़ी- बूटियों की मदद से इसे नियंत्रित रखते हैं. इन्ही में से एक है कलौंजी. जिसका इस्तेमाल करके भी बढ़े हुए शुगर लेवल को नियंत्रण में किया जा सकता है.

आज हम आपको इस लेख के माध्यम से कलौंजी शुगर लेवल को किस तरह नियंत्रित करती है और इसका सेवन कैसे करना चाहिए, के बारे में बताएंगे.
कलौंजी क्या है ? What is Kalonji ?
कलौंजी बीज या कलौंजी को आशीष के बीज भी कहते हैं क्योंकि इन्हें सबसे महत्वपूर्ण चिकित्सक हर्ब माना जाता है. यह काले बीज कलौंजी के झाड़ियों में मिलते हैं. जिन्हें संपूर्ण भारत में उगाया जाता है. यदि लगभगतिल जितने बड़े होते हैं. हालांकि इनका आकार अंडाकार की तुलना में त्रिकोण होता है. कलौंजी बेहतरीन दवा के अलावा बेहतरीन मसाला है जिसका प्रयोग अचार के साथ- साथ कई तरह के व्यंजन बनाने में भी इस्तेमाल किया जाता है.
कलौंजी में निगैला और मेलाटिन नामक तत्व मौजूद होते हैं यह दो सामग्री ऐसे हैं जो कलौंजी को चिकित्सक गुण प्रदान करते हैं. यह पदार्थ एक साथ कामकर पाचन को स्वस्थ रखने में और शरीर को साफ रखने में मददगार होते हैं. साथ ही यह एंटीहिस्टामिनिक की तरह भी काम करता है जो एलर्जी के नकारात्मक असर को कम करने में मदद करता है.
कलौंजी भरपूर मात्रा पॉली अनसैचुरेटेड फैटी एसिड प्रदान करते हैं जो स्वास्थ्य में मुख्य भाग निभाते हैं. साथ ही यह प्रक्रिया को संतुलित रखने में, इंसुलिन की मात्रा को संतुलित रखने में, कोलेस्ट्रोल को कम करने में, शरीर में बहाव को संतुलित रखने में, स्वस्थ लीवर रखने में मददगार होता है.
कलौंजी खाने के स्वाद को बढ़ाने के अलावा मधुमेह के रोगियों के लिए काफी लाभदायक माना जाता है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं जो कि टाइप -2 डायबिटीज के लिए बहुत लाभदायक होते हैं. वहीं कई शोध के अनुसार अगर मधुमेह के मरीज खाने में कलौंजी को शामिल करेंगे तो उससे उनका शुगर लेवल नियंत्रित हो सकता है.
सेवन करने की विधि-
1 .सबसे पहले कलौंजी के बीजों को अच्छी तरह से सुखाकर पीस लें. उसके बाद एक चम्मच की मात्रा में एक गिलास पानी में डालकर धीरे-धीरे करके पिए. प्रतिदिन ऐसा करने से आपको काफी लाभ होगा.
2 .एक चम्मच कलौंजी को एक गिलास पानी में डालकर उबालें. जब पानी आधा रह जाए तो कलौंजी सहित पानी को पी लें. इससे ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित हो सकता है.
3 .बिना दूध की काली चाय में एक चम्मच कलौंजी का तेल मिलाएं और फिर इसे गर्म करें और इस चाय को रोजाना सुबह और रात को सोने से पहले पिएं. ऐसा करने से आपको काफी लाभ होगा.
नोट- यह लेख शैक्षणिक उद्देश्य से लिखा गया है. किसी भी प्रयोग से पहले योग्य चिकित्सक की सलाह जरूर लें. धन्यवाद.
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