हेल्थ डेस्क- आजकल के बदलते लाइफस्टाइल में अनियमित खानपान, खानपान में पौष्टिक तत्वों की कमी, जंक फूड, फास्ट फूड का सेवन करना, मानसिक तनाव इत्यादि के कारण महिला व पुरुष बांझपन की समस्या तेजी से बढ़ रही है, इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए सबसे अच्छा तरीका है कि एक दूसरे को बिना दोष दिए एक ऐसे उपाय किए जाएं जो प्रजनन क्षमता बढ़ाने में मदद कर सके.

बांझपन क्या है?
बाँझपन एक वह समस्या है जिसमें दंपति एक वर्ष या उससे अधिक समय के प्रयास के बाद भी गर्भधारण करने में असमर्थ होते हैं. यह समस्या न केवल दंपति को प्रभावित करती है बल्कि उनके विस्तार परिवार को भी प्रभावित करती है.
बांझपन के कारण-
पुरुषों में बाँझपन के ये कारण हो सकते हैं?
* शुक्राणुओं की संख्या अधिक कमी होना.
* वीर्य में शुक्राणु की उत्पत्ति का ना होना.
* शुक्राणुओं की गति की समस्या.
* शुक्राणुओं के आकार की समस्या.
* पोषण की कमी होना.
* अस्वस्थ जीवन शैली जैसे- धूम्रपान, शराब, नशीली दवाओं का सेवन करना.
* रासायनिक और हानिकारक पर्यावरणीय परिस्थितियां.
* शुक्राणुओं की गुणवत्ता की समस्याएं भी एक बाँझपन का करण हो सकता है लो क्वालिटी और शुक्राणु संबंधित कोई अन्य समस्या भी पुरुषों को पिता बनने से रोकती है.
महिलाओं में बांझपन के क्या कारण हो सकते हैं?
* फैलोपियन ट्यूब में रुकावट होना.
* हार्मोन में असंतुलन होना.
* मासिक धर्म का अनियमित होना.
* गर्भाशय में समस्या होना
* प्रोलेक्टिन के स्तर में बढ़ोतरी होना.
* पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम का होना.
* पोषण की कमी.
* उम्र का ज्यादा होना.
प्रजनन क्षमता बढ़ाने की घरेलू उपाय-
1 .लहसुन-
लहसुन में कई गुणकारी तत्व मौजूद होते हैं जो स्वास्थ्य संबंधी अनेक समस्याओं को दूर करने में सक्षम भी हैं. इसमें मौजूद एलीसीन पुरुषों में शुक्राणु मात्रा और गुणवत्ता को बढ़ाने में मदद करता है. यह खाद पदार्थ प्राकृतिक रूप से फर्टिलिटी क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है. जिससे शारीरिक क्षमता में बढ़ोतरी होती है. इसके लिए आप रोजाना दो कच्चे लहसुन की कलियों का सेवन कर सकते हैं.
2 .अंगूर का रस-
पुरुषों की प्रजनन क्षमता बढ़ाने के लिए विटामिन सी बहुत ही लाभदायक है. अंगूर के रस में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो पुरुषों की प्रजनन क्षमता को बढ़ावा देता है. इसके साथ ही अंगूर का रस वास्तव में एक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में जाना जाता है. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट के रूप शुक्राणुओं को अतिरिक्त शक्ति व सुरक्षा प्रदान करते हैं और साथ में शुक्राणुओं को डिम्ब में पहुंचने और निषेचित करने तक जीवित रहने की क्षमता प्रदान करते हैं.
3 .अनार-
अनार को एक स्वस्थ जीवन के पूरक के रूप में माना जाता है. यह फल महिलाओं में प्रजनन क्षमता की वृद्धि को बढ़ाने में मददगार होता है. अनार शारीरिक रक्त को गर्भाशय तक पूर्ण रूप से पहुंचने में मदद करता है. जिससे गर्भाशय की परत मोटी और मजबूत बनती है और इससे गर्भपात की संभावनाएं कम हो जाती है. एक मजबूत और स्वस्थ गर्भाशय के कारण शिशु के स्वास्थ्य को भी ठीक रहने में मदद मिलती है.
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4 .अश्वगंधा-
अश्वगंधा बहुत ही प्रचलित जड़ी- बूटी है जो महिलाओं के साथ- साथ पुरुषों में भी प्रजनन क्षमता को बढ़ाने के लिए जानी जाती है. इसके अलावा यह प्राकृतिक हर्ब शारीरिक इम्युनिटी को बढ़ाने में मदद करती है. यह आगे की गहराई तक जाता है और अश्वगंधा हर्ब शरीर में आंतरिक रूप से अंतः स्रावी तंत्र में प्रभाव डालता है और साथ ही उसे सामान्य स्थिति में लाता है. इसके लिए अश्वगंधा चूर्ण को आधा चम्मच की मात्रा में सुबह- शाम दूध के साथ सेवन करना चाहिए.
5 .दालचीनी-
दालचीनी का इस्तेमाल मसाले के रूप में हर घर में किया जाता है. लेकिन यह कई औषधीय गुणों से भरपूर होता है इसके सेवन से गर्भावस्था की संभावना को बढ़ाने में मदद मिलती है. पी.सी.ओ.एस बाँझपन के प्रमुख कारणों में से एक है जिसका उपचार दालचीनी के सेवन से किया जा सकता है. दालचीनी में मौजूद पी.सी.ओ.एस से ग्रसित महिलाओं के मासिक धर्म की गड़बड़ी को दूर करने के साथ-साथ अंडाशय के कार्य को उचित करने में मदद करता है. यह प्राकृतिक पदार्थ महिलाओं में प्रजनन क्षमता को प्रभावित करने वाले कई अन्य कारक जैसे मासिक धर्म का ना होना, गर्भाशय में फाइब्रेट, एंडोमेट्रियोसिस और कई अन्य समस्याओं का इलाज सरलता से कर सकता है. इसके अलावा दालचीनी यीस्ट संबंधी संक्रमण से बचने में भी मदद करता है. इस के पाउडर को प्रतिदिन गुनगुने पानी में मिलाकर पीने और साथ ही आहार में शामिल करने की सलाह दी जाती है.
6 .शतावरी-
महिलाओं की प्रजनन क्षमता को बढ़ाने के लिए शतावरी बहुत ही अच्छा जड़ी- बूटी है और प्रजनन तत्वों पर इसका प्रभाव अधिक सकारात्मक होता है. यह महिलाओं में एस्ट्रोजन के प्रवाह को बढ़ाता है. मासिक धर्म को नियंत्रित करता है. साथ ही गर्भाशय के डिम्बाणुओं को पोषित करके फर्टिलिटी को बढ़ाने में मदद करता है. शतावरी के सेवन से तनाव को भी कम करने में मदद मिलती है. इसके लिए प्रतिदिन 1 से 2 ग्राम शतावरी के पाउडर का सेवन दूध के साथ महिलाओं को करना चाहिए.
7 .जिनसेंग-
पुरूषों में बांझपन होने के दो मुख्य कारण शुक्राणुओं की संख्या में कमी और कम गतिशीलता होती है. शुक्राणुओं की कम गतिशीलता का मतलब शुक्राणुओं का अंडाशय में अंडे तक पहुंचने में असमर्थ होना. पुरुष बांझपन की आयुर्वेदिक दवा के रूप में जिनसेंग का उपयोग किया जा सकता है. जिनसेंग में इन दोनों प्रकार की समस्याओं को दूर करने की क्षमता होता है. पुरुषों के यौन स्वास्थ्य को बढ़ाने के लिए जिनसेंग प्रभावी औषधियों में से एक है. जिनसेंग सेक्स ड्राइव बढ़ाने एवं प्रदर्शन सुधारने, स्तंभन दोष को दूर करने और शुक्राणुओं की संख्या और गतिशीलता को उत्तेजित करने में मददगार होता है. पुरुषों के बाँझपन संबंधी लक्षणों को कम करने के लिए जिनसेंग की दो किस्में जिन में एशियाई और अमेरिकी जिनसेंग का सेवन करने की सलाह दी जाती है.
8 .शिलाजीत-
शिलाजीत का सेवन करना हमारे शरीर में कई तरह की बीमारियों से छुटकारा दिलाने में मददगार हो सकता है. यौन कमजोरी को दूर करने के लिए भी आयुर्वेद में शिलाजीत का सेवन करने की सलाह दी गई है. शिलाजीत एक चिपचिपा गोंद की तरह दिखाई देने वाला पदार्थ है. यह हिमालय के पहाड़ों में चट्टानों के बीच से निकलता है. शिलाजीत को यौन कमजोरी दूर करने वाली ज्ञात अन्य सभी औषधियों से अधिक प्रभावी माना जाता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि शिलाजीत में 85 से अधिक आयनिक खनिज, विटामिन और फुलविक एसिड होते हैं. यह सभी घटक जिनीटोरीनरी सिस्टम के समग्र कार्य में सुधार करने में मददगार होते हैं. इसके अलावा शिलाजीत का नियमित सेवन एनिमिया और अन्य यौन समस्याओं को रोकने में मदद करता है. शिलाजीत पुरुष बांझपन के लक्षणों को कम करने की सबसे अच्छी आयुर्वेदिक औषधियों में से एक है.
नोट- यह पोस्ट शैक्षणिक उद्देश्य से लिखा गया है किसी भी प्रयोग से पहले योग्य चिकित्सक की सलाह अवश्य लें. धन्यवाद.
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