Bloggers अक्सर हो जाते हैं इन बिमारियों के शिकार, जानें ब्लॉगर के लिए बेस्ट हेल्थ टिप्स

हेल्थ डेस्क- ब्लॉगिंग कई लाभ तो है, ब्लॉगिंग से नाम के साथ पैसा भी आता है. लेकिन इसके कई नुकसान भी हैं. ब्लॉगिंग करने वालों को कई समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है. ब्लॉगिंग की शुरुआत में स्मार्ट वर्क के साथ-साथ हार्ड वर्क भी करना पड़ता है. जिस वजह से ब्लॉगर बहुत सी समस्याओं का शिकार हो जाते हैं. इस लेख में हम ब्लॉगर के लिए बेस्ट हेल्थ टिप्स के बारे में बात करेंगे.

Bloggers अक्सर हो जाते हैं इन बिमारियों के शिकार, जानें ब्लॉगर के लिए बेस्ट हेल्थ टिप्स
Bloggers अक्सर हो जाते हैं इन बिमारियों के शिकार, जानें ब्लॉगर के लिए बेस्ट हेल्थ टिप्स

आपने जरूर सुना होगा की स्वास्थ्य ही धन है वास्तव में स्वास्थ्य से बढ़कर कोई दौलत नहीं है. काम करने के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ होना जरूरी होता है. यदि व्यक्ति मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ ना हो तो कोई काम करने में सफलता हासिल नहीं कर सकता है.

ब्लॉगर बनना बहुत ही आसान है. लेकिन एक सफल ब्लॉगर बनना उतना ही कठिन है. लेख लिखने में ज्यादा समस्या नहीं होती है लेकिन जब नया लेख लिखना पड़ता है तो लगभग 3 से 4 घंटे लगातार काम करना पड़ता है. यदि इस तरह से प्रतिदिन दो लेख लिखा जाए तो लगभग 8 घंटे कंप्यूटर की स्क्रीन को देखना पड़ता है. इससे बहुत सारे समस्याओं का सामना करना पड़ता है.

तो चलिए जानते हैं विस्तार से-

1 .आंखों की समस्या-

ब्लॉगिंग का मतलब है कंप्यूटर और इंटरनेट के साथ एक गहरा संबंध है हमे लगातार कंप्यूटर स्क्रीन को देखना होता है. लेख प्रसारित करने से पहले कई काम करना होता है. जिसके लिए लगातार कंप्यूटर स्क्रीन पर ही काम करना होता है. जब हम इतना ज्यादा समय कंप्यूटर स्क्रीन पर देखते हैं तो धीरे-धीरे आंख से पानी आने लगता है. यदि आप इसका इलाज समय पर नहीं करवाते हैं तो आपको बहुत बड़ी समस्या हो सकती है.

आंखों की समस्या से कैसे बचें-

1 .कंप्यूटर पर काम करते समय हर 40 से 60 मिनट पर 5 से 10 मिनट के लिए आराम कर लें.

2 .कंप्यूटर मॉनिटर की ब्राइटनेस को कम रखें.

3 .फल और हरी सब्जियां नियमित आहार में शामिल करें क्योंकि इसमें विटामिन ए होते हैं जो आंखों के लिए लाभदायक होते हैं.

4 .मॉनिटर के ज्यादा नजदीक नहीं रहे इसमें जितना हो सके दूरी बनाकर रखें.

5 .आंखों के डॉक्टर से आंखों में कोई समस्या होने पर चेकअप तुरंत कराएं इसके अलावे समय-समय पर चेकअप करवाते रहें.

2 .पीठ दर्द-

यह समस्या ज्यादातर ब्लॉगर को होती है जो कुछ ज्यादा समय कंप्यूटर स्क्रीन के सामने देते हैं. कुर्सी पर लगातार गलत तरीके से बैठने पर यह समस्या हो जाती है.

पीठ दर्द से बचने के उपाय-

1 .नियमित मॉर्निंग वॉक और एक्सरसाइज की आदत डालें.

2 .कुछ- कुछ देर में बैठने के पोजीशन में बदलाव करते रहें.

3 .कंप्यूटर के सामने ठीक से पीछे बैठें.

4 .बैठने के लिए ऐसे कुर्सी का इस्तेमाल करें जिसमें आपका शरीर राहत महसूस करता हो.

3 .आलसी होना-

कंप्यूटर पर काम करते- करते अवसर हम सुस्त हो चुके होते हैं. इसका कोई इलाज नहीं है. यह एक सामान्य समस्या है जो लगभग सभी ब्लॉगर के साथ होता है. ब्लॉगिंग के अलावा भी कई हमारे पास कई काम होता है लेकिन हमारे सुस्ती की वजह से कोई काम में मन नहीं लगता है. समय के साथ इसका असर इतना बढ़ जाता है कि हम ब्लॉगिंग में भी समय देना कम कर देते हैं.

आलस से छुटकारा पाने के उपाय-

1 .देर रात तक काम करना या टाइम पास करना बंद कर दें.

2 .प्रतिदिन मॉर्निंग वॉक की आदत डालें इसलिए सुबह जल्दी उठे.

3 .भरपूर और अच्छी नींद लें जिससे शरीर स्वस्थ रहेगा.

4 .आउटडोर गेम्स में इंटरेस्ट हो तो जरूर खेलें.

5 .पानी ज्यादा से ज्यादा पिएं.

4 .सिर दर्द-

ब्लॉगिंग करने वाले लोगों में सिर दर्द का होना एक बहुत ही आम समस्या है जो लगभग सभी ब्लॉगर के साथ होता है. सिर दर्द होने पर कोई काम भी करने का दिल नहीं करता है. यह समस्या कभी- कभी होता है लेकिन इसे नजरअंदाज करते रहने से यह समस्या गंभीर हो सकती है.

सिर दर्द से बचने के उपाय-

1 .भरपूर और अच्छी नींद लें और सोने का समय सही रखें यानी समय पर सोएं और समय पर उठें.

2 .कंप्यूटर पर काम करते समय 1 घंटे में 5 से 10 मिनट का रेस्ट जरूर लें. यानी इधर-उधर कंप्यूटर से हटकर टहलें.

3 .मॉनिटर की ब्राइटनेस हमेशा कम रखें क्योंकि आंखों पर ज्यादा रोशनी पड़ती है जिसके कारण सिरदर्द की समस्या उत्पन्न होती है.

4 .पानी अधिक से अधिक पिएं.

5 .गर्दन दर्द-

कंप्यूटर स्क्रीन पर लगातार एक ही अवस्था में बने रहने के कारण ब्लॉगर को अक्सर गर्दन दर्द की समस्या होना आम है.

गर्दन दर्द से बचने के उपाय-

1 .सुबह के समय जल्दी उठकर मॉर्निंग वॉक करें और एक्सरसाइज करें.

2 .लगातार काम करने से बचें. कुछ देर पर कंप्यूटर को छोड़कर इधर-उधर टहलने की आदत डाल दें.

3 .सही कुर्सी का इस्तेमाल करें.

4 .कुर्सी पर गलत तरीके से बैठने से भी गर्दन में दर्द होता है इसलिए गलत तरीके से ना बैठें.

6 .मोटापे का शिकार होना-

मोटापे का शिकार होने का मुख्य वजह नियमित आहार नहीं लेना है और शारीरिक श्रम नहीं करना है. ब्लॉगर के पास शारीरिक श्रम कुछ भी नहीं होता है. लगातार कंप्यूटर पर काम करने के लिए बैठे रहना होता है. ऐसे में धीरे-धीरे उनकी चर्बी बढ़ जाती है जिसके कारण मोटापे का शिकार हो जाते हैं.

मोटापे से बचने के कुछ उपाय-

1 .प्रतिदिन सुबह में मॉर्निंग वॉक और एक्सरसाइज करें.

2 .प्रतिदिन कुछ न कुछ शारीरिक मेहनत वाली काम भी करें.

3 .नियमित समय पर नाश्ता, भोजन करें.

4 .सुबह खाली पेट पानी पिएं इसके अलावे दिन में अधिक पानी पिने की आदत डालें.

7 .विटामिन डी की कमी होना-

एक ब्लॉगर जो सिर्फ ब्लोगिंग का ही काम करता है उसकी जिंदगी AC रूम में टेबल पर कंप्यूटर और एक कुर्सी जिस पर साहब को विराजमान होकर काम करना है. लाइफस्टाइल तो ऐसी हो जाती है कि महीनों तक उगते हुए सूरज का दर्शन ही नहीं कर पाते हैं. उन्हें पता होता है कि सूर्य की रोशनी हमारे स्वास्थ्य के लिए कितनी जरूरी होती है. लेकिन डॉलर ( पैसा ), ट्रैफिक और लेख में ऐसे उलझ जाते हैं कि सब कुछ भूल जाते हैं. सूरज की रोशनी भी हमारे लिए काफी जरूरी होती है क्योंकि इससे हमारे शरीर को विटामिन डी मिलती है. विटामिन डी की कमी के कारण बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ता है जैसे हड्डियों में दर्द, मांसपेशियों में कमजोरी, बिना अधिक मेहनत किए थकान होना, दिन में जरूरत से ज्यादा नींद आना इत्यादि.

विटामिन डी की कमी से कैसे बचें-

1 .प्रतिदिन सुबह 1 से 2 घंटा सूरज की रोशनी में जरूर बैठे.

2 .सही समय दिन के 11:00 बजे से 1:00 बजे तक होता है.

3 .आहार में वैसे फलों और सब्जियों को शामिल करें जिससे अन्य विटामिन्स के अलावे विटामिन दि भी मिले.

ब्लॉगर के लिए कुछ हेल्थ टिप्स-

1 .काम करने के लिए ऑफिस में काम करें जिससे एक टाइम फॉलो कर सको.

2 .यदि घर से काम करते हैं तो दिन की टाइम फिक्स रखें यानी एक समय निश्चित रखें कि इतना समय से इतना समय तक ही हमें काम करना है.

3 .हमेशा एक अच्छा कुर्सी का इस्तेमाल करें जिससे आप कंफर्टेबल महसूस करते हो.

4 .काम करने के चक्कर में रात को देर से ना सोएं और सुबह जल्दी उठें.

5 .एक नियमित चार्ट बनाएं और उस चार्ट के अनुसार समय के साथ काम करें.

मेरे ब्लॉगर दोस्तों मैं उम्मीद करता हूं कि यह लेख आपको काफी पसंद आया होगा. कहा जाता है कि जान है तो जहान है इसलिए पहले स्वस्थ इसके बाद ही सब कुछ है. लेख अच्छी लगे तो शेयर जरूर करें. धन्यवाद.

यह भी पढ़ें-

दाड़िमपुष्प चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग और फायदे

सितोपलादि चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

हिस्टीरिया रोग क्या है ? जाने के कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपाय

जानें- बेहोशी होने के कारण, लक्षण और आपातकालीन उपचार

कमर दर्द ( कटि वेदना ) होने के कारण, लक्षण और घरेलू एवं आयुर्वेदिक उपचार

श्वसनीविस्फार ( ब्रोंकाइटिस ) होने के कारण, लक्षण और घरेलू एवं आयुर्वेदिक उपचार

कंपवात रोग क्या है? जाने कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपाय

वृक्क पथरी क्या है ? जाने कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपाय

प्रतिश्याय ( सर्दी ) क्यों हो जाती है ? जानें कारण, लक्षण और घरेलू एवं आयुर्वेदिक उपाय

बुढ़ापे में भी मर्दाना कमजोरी दूर करने के 9 घरेलू उपाय

चेचक क्या है ? जाने कारण, लक्षण और घरेलू एवं आयुर्वेदिक उपाय

आमाशय व्रण ( पेप्टिक अल्सर ) क्या है ? जाने कारण, लक्षण और घरेलू एवं आयुर्वेदिक उपाय

उन्डूकपुच्छशोथ ( Appendicitis ) क्या है? जानें कारण, लक्षण और घरेलू एवं आयुर्वेदिक उपाय

हैजा रोग क्या है ? जानें कारण, लक्षण और घरेलू एवं आयुर्वेदिक उपाय

सर्दियों में सिंघाड़ा खाने के फायदे

अफारा (Flatulence ) रोग क्या है ? जाने कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपाय

जठर अत्यम्लता ( Hyperacidity ) क्या है ? जाने कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपाय

हिचकी क्या है? जाने कारण, लक्षण एवं घरेलू और आयुर्वेदिक उपाय

विटामिन डी क्या है ? यह हमारे शरीर के लिए क्यों जरूरी है ? जाने प्राप्त करने के बेहतर स्रोत

सेहत के लिए वरदान है नींबू, जाने फायदे

बच्चों को मिर्गी होने के कारण, लक्षण, उपचार एवं बचाव के तरीके

हींग क्या है ? जाने इसके फायदे और इस्तेमाल करने के तरीके

गठिया रोग संधिशोथ क्या है ? जाने कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपाय

पुरुषों को नियमित करना चाहिए इन चीजों का सेवन, कभी नही होगी कमजोरी की समस्या

सोना, चांदी आदि धातु से बने गहने पहनने के क्या स्वास्थ्य लाभ होते हैं? जरुर जानिए

दूध- दही नहीं खाते हैं तो शरीर में कैल्शियम की पूर्ति के लिए करें इन चीजों का सेवन

मर्दाना शक्ति बिल्कुल खत्म हो चुकी है उनके लिए अमृत समान गुणकारी है यह चूर्ण, जानें बनाने और सेवन करने की विधि

स्पर्म काउंट बढ़ाने में इस दाल का पानी है काफी फायदेमंद, जानें अन्य घरेलू उपाय

एक नहीं कई बीमारियों का रामबाण दवा है आंवला, जानें इस्तेमाल करने की विधि

रात को सोने से पहले पी लें खजूर वाला दूध, फायदे जानकर हैरान रह जाएंगे

महिला व पुरुषों में प्रजनन क्षमता बढ़ाने के कारगर घरेलू उपाय

दिल और दिमाग के लिए काफी फायदेमंद है मसूर दाल, मोटापा को भी करता है नियंत्रित

कई जटिल बीमारियों का रामबाण इलाज है फिटकरी, जानें इस्तेमाल करने के तरीके

पेट में कृमि ( कीड़ा ) होने के कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपाय

पित्ताशय में पथरी होने के कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपाय

 

जानें- स्वास्थ्य रक्षा की सरल विधियां क्या है ?

सारस्वतारिष्ट बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

बाजीकरण चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

अश्वगंधादि चूर्ण बनाने की विधि उपयोग एवं फायदे

शतावर्यादि चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

स्वादिष्ट विरेचन चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

शतपत्रादि चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

लवण भास्कर चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

अमृतारिष्ट बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

गंधक रसायन चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

महामंजिष्ठादि क्वाथ बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

योगराज और महायोगराज गुग्गुल बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

आयुर्वेद के अनुसार किस ऋतु में कौन सा पदार्थ खाना स्वास्थ्य के लिए हितकर होता है, जानें विस्तार से

ब्रेन ट्यूमर होने के कारण, लक्षण और घरेलू एवं आयुर्वेदिक उपचार

श्रीखंड चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

ब्राह्मी चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

बिल्वादि चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

तालीसादि चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

सितोपलादि चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

दाड़िमपुष्प चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग और फायदे

मुंहासे दूर करने के आयुर्वेदिक उपाय

सफेद बालों को काला करने के आयुर्वेदिक उपाय

गंजे सिर पर बाल उगाने के आयुर्वेदिक उपाय

कर्पूरासव बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

वासासव बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

मृगमदासव बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

द्राक्षासव बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

अर्जुनारिष्ट बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

खदिरारिष्ट बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

चंदनासव बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

महारास्नादि क्वाथ बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

रक्तगिल चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

नारसिंह चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

कामदेव चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

शकाकलादि चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

विदारीकंदादि चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

प्रद्रांतक चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

माजूफलादि चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

मुसल्यादि चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

सारिवादि चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

कंकोलादि चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

प्रवालादि चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

जातिफलादि चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

अद्रकासव बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

लोहासव बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

औषधि प्रयोग के लिए पेड़- पौधों से कब लेना चाहिए फल, फूल, छाल, पत्ते व जड़ी- बूटियां ?

दिल की धड़कन रोग क्या है ? जाने कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपाय

अपतानिका ( Tetany ) रोग क्या है? जानें कारण, लक्षण और घरेलू एवं आयुर्वेदिक उपाय

शरीर की कमजोरी, थकान, खून की कमी दूर कर मर्दाना ताकत को बेहतर बढ़ाती है ये 12 चीजें

Share on:

I am an Ayurveda doctor and treat diseases like paralysis, sciatica, arthritis, bloody and profuse piles, skin diseases, secretory diseases etc. by herbs (Ayurveda) juices, ashes.

Leave a Comment