लू लगना हो सकता है जानलेवा, जाने कारण, लक्षण, घरेलू उपचार और बचाव करने के तरीके

हेल्थ डेस्क- गर्मी का मौसम चरम सीमा पर है. इस मौसम में बच कर रहना काफी जरूरी हो जाता है क्योंकि गर्मी के कारण कई शारीरिक परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है. जैसे- सिर दर्द, पेट खराब होना, शरीर में जलन, पैर के तलवों में जलन होना, लू लगना इत्यादि.

लू लगना हो सकता है जानलेवा, जाने कारण, लक्षण, घरेलू उपचार और बचाव करने के तरीके
लू लगना हो सकता है जानलेवा, जाने कारण, लक्षण, घरेलू उपचार और बचाव करने के तरीके

गर्मी के मौसम में जो गर्म हवा चलती है उससे लू लगने का बहुत ज्यादा संभावना रहता है क्योंकि लू लगने से इंसान के शरीर में पानी की मात्रा कम हो सकती है जो कि कभी-कभी जानलेवा साबित हो सकता है. इसलिए लू लगने के लक्षण महसूस होते भी इसका इलाज कराना जरूरी हो जाता है. आज हम इस लेख के माध्यम से लू लगने के कारण, लक्षण, घरेलू उपचार और लू से बचने के तरीके बताने की कोशिश करेंगे.

लू लगने के कारण क्या है ?

जब गर्मियों में गर्म हवाएं चलती है और उसके संपर्क में हमारा शरीर आता है तो शरीर का तापमान बढ़ा देती है जिसके कारण कई तरह की समस्याएं होने लगती है. ज्यादा देर तक धूप में काम करना और शरीर में पानी की कमी होना लू लगने की मुख्य कारण है. बच्चे और बूढ़े लोग लू की चपेट में अधिक आते हैं. अधिकांश मामलों में लोगों को यह जल्दी पता ही नहीं चल पाता है कि उन्हें लू लग गई है. हालांकि इसका सटीक अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है इसलिए हर किसी को लू के लक्षणों की पूरी जानकारी होना आवश्यक है.

लू लगने के लक्षण क्या है ?

लू लगने पर हमारे शरीर में निम्न लक्षण या संकेत नजर आते हैं जैसे-

  • बुखार आना या शरीर का तापमान अधिक होना, कभी-कभी तो लू लगने से सिर्फ दोपहर के समय शरीर का तापमान बहुत अधिक हो जाता है.
  • हाथ- पैर व आंखों में जलन या समस्त शरीर में जलन होना.
  • पेट खराब होना या उल्टी होना.
  • सिर में दर्द होना.
  • कमजोरी या थकान महसूस होना.
  • चक्कर आना.
  • प्यास अधिक लगना और बार-बार मुंह सुखना.
  • बहुत पसीना आना या अचानक पसीना बिल्कुल ही बंद हो जाना.
  • शरीर में तेज दर्द या ऐठन होना.
  • पेशाब गर्म होना और पेशाब में जलन होना.
  • सांस लेने में तकलीफ होना.

लू लगने पर घरेलू उपचार क्या करें ?

1 .लू लगने पर व्यक्ति को तुरंत छायादार जगह पर या ठंडी जगह पर लिटा देना चाहिए. शरीर को ठंडा रखने के लिए शरीर पर ठंडे पानी की पट्टियाँ लगाएं. यदि उसे घर में रखे हैं तो घर के खिड़की- दरवाजे खोल दें और कूलर एसी की व्यवस्था है तो उसे चालू कर दें. अगर व्यक्ति लू लगने के कारण बेहोश हो गया है तो बिना देर किए डॉक्टर के पास ले जाएं.

2 .लू लगे व्यक्ति को ज्यादा से ज्यादा पानी पिलाएं. उसे नमक, नींबू और चीनी का घोल बनाकर पिलाएं.

3 .सिर को ठंडे पानी से धुलाई करें. अगर शरीर का तापमान अधिक बढ़ जाए तो थोड़ी देर में ठंडे पानी की पट्टी सिर पर देते रहें.

4 .आम का पन्ना, बेल का शरबत या अन्य ठंडी फलों का जूस पिलाएं.

5 .तला, भुना या बाहर का कुछ भी उसे खाने को ना दें.

6 .लस्सी का सेवन कराएं.

7 .हल्का और बिना मसाले वाला भोजन दें.

8 .लू से पीड़ित व्यक्ति को गन्ने का रस पिलाना अधिक फायदेमंद होता है.

9 .नारियल पानी या खस का शरबत पिलाना लाभदायक होता है.

10 .हाथ- पैर की मालिश करें जिससे रक्त संचरण प्रभावित होता है.

11 .पुदीने के करीब 30-40 पत्ते को लेकर 2 ग्राम जीरा और 2 लौंग को पीसकर आधा गिलास पानी में मिलाकर व्यक्ति को हर 4 घंटे में पिलाना चाहिए. इससे लू का असर जल्दी खत्म हो जाता है.

12 .आंवले का चूर्ण 1 ग्राम, मीठा सोडा आधा ग्राम और 3 ग्राम मिश्री सौंफ के रस ( शर्बत ) के साथ सेवन कराने से लू लगे व्यक्ति को जल्दी राहत मिलता है.

13 .कच्चे आम को आग में भून कर पानी में मसलकर छानकर उसमें स्वादानुसार चीनी और जीरा मिलाकर पिलाना लाभदायक होता है. यदि प्रतिदिन इसका सेवन किया जाए तो लू लगने का खतरा नहीं के बराबर हो जाता है.

इस प्रकार से लू से पीड़ित व्यक्ति का घरेलू उपचार से इलाज किया जाए तो रोगी व्यक्ति का कुछ ही समय में ठीक हो जाता है.

लू से बचने के उपाय-

  • गर्मियों के दिनों में हल्का भोजन करें.
  • ज्यादा देर तक धूप में रहना हो तो छाते या तोलिए का इस्तेमाल करें.
  • अधिक मात्रा में पानी पिए, बाहर जाते समय पानी की बोतल साथ में रखें और प्यास लगते हैं पानी पिए.
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  • घर से बाहर निकलने से पहले पूरी बांह वाले कपड़े पहने और नंगे पैर बाहर ना निकले.
  • हल्के रंगों वाले सूती कपड़े पहने, सिंथेटिक या पॉलिस्टर कपड़ों से परहेज करें.
  • घर से बाहर धूप में बिल्कुल भी खाली पेट ना निकलें.
  • घर से बाहर निकलते समय पानी या कोई ठंडा शरबत पीकर बाहर निकलें जैसे- आम पन्ना, शिकंजी, खस का शरबत इत्यादि.
  • गर्मी के दिनों में बार-बार पानी पीते रहना चाहिए ताकि शरीर में जल की मात्रा कम ना हो. पानी में नींबू और नमक मिलाकर दिन में 2-3 बार पीते रहने से लू लगने का खतरा नहीं रहता है.
  • गर्मी के दिनों में प्याज का अधिक सेवन करना चाहिए एवं बाहर जाते समय कटे प्याज को जेब में रखना चाहिए ऐसा करने से लू लगने का खतरा नहीं रहता है.
  • तेज धूप से आते ही और ज्यादा पसीना आने पर तुरंत ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए या एसी या कूलर के पास तुरंत नहीं बैठना चाहिए.

नोट- यह लेख शैक्षणिक उद्देश्य से लिखा गया है किसी भी प्रयोग से पहले और अधिक जानकारी के लिए योग्य चिकित्सक की सलाह लें. यदि लू लगने का लक्षण दिखाई दे तो डॉक्टर से संपर्क करें. धन्यवाद.

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I am an Ayurveda doctor and treat diseases like paralysis, sciatica, arthritis, bloody and profuse piles, skin diseases, secretory diseases etc. by herbs (Ayurveda) juices, ashes.

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