हेल्थ डेस्क- अगर किसी भी कारण से आपकी मर्दाना ताक़त में कमी हो गयी है या फिर आपको नपुंसकता की समस्या होने लगी है तो आप यह आयुर्वेदिक दवा खुद ही घर में बना कर सेवन सकते हैं.
आजकल के बदलते लाइफ स्टाइल में अनियमित खानपन, खानपान में पौष्टिक तत्वों की कमी, फास्ट फूड का अधिक सेवन, धुम्रपान आदि करने के कारण ज्यादातर पुरुषों में शारीरिक कमजोरी की समस्या हो जाती है. जिसका प्रभाव उनके मर्दाना ताकत पर पड़ने लगता है जिसके कारण शारीरिक संबंध के दौरान शीघ्रपतन, वीर्य में शुक्राणुओं की कमी जैसी समस्याएं होने लगती है. इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए ज्यादातर लोग वियाग्रा जैसी दवाओं का सेवन करते हैं जो सेहत के लिए नुकसानदायक होता है. यदि वियाग्रा का इस्तेमाल छोड़कर खान-पान का ध्यान रखा जाए और पौष्टिक चीजों का सेवन किया जाए साथ ही घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल किया जाए तो बिना साइड इफेक्ट मर्दाना कमजोरी दूर कर नपुंसकता को ख़त्म करना बहुत ही आसान हो जाएगा.

मर्दाना कमजोरी के कारण क्या हो सकते हैं ?
मर्दाना कमजोरी होने के कई शारीरिक और मानसिक कारण हो सकते हैं जैसे कि –
1. टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन की कमी के कारण.
2. ब्लड प्रेशर या डिप्रेशन की दवाईयों के सेवन के कारण.
3. खून की नसों में होने वाली बीमारियों के कारण.
4. नसों की कमजोरी के कारण.
5. सिगरेट और शराब पीने के कारण.
6. तनाव और डिप्रेशन की वजह से.
7. कामकाज की चिंता के कारण.
8. रिश्तों में तनाव की वजह से.
9. इसके अलावा मर्दाना कमजोरी के और भी कई कारण हो सकते हैं जिनमें प्रोस्टेट रोग, मधुमेह, दिल की बीमारी जैसे रोग शामिल हैं.
मर्दाना कमजोरी होने के लक्षण क्या हैं ?
मर्दाना कमजोरी में आपको निम्नलिखित लक्षण नजर आ सकते हैं, जैसे कि-
यौन इच्छा में कमी होना.
आत्मविश्वास की कमी होना.
कामोत्तेजना की कमी होना.
सम्भोग करने से पहले घबराहट महसूस होना.
शीघ्रपतन (कम समय में ही वीर्य का स्वखलित हो जाना)
इरेक्शन पाने या रखने में असमर्थता.
पुरुष की इंद्री का छोटा होना और कठोरता का कम होना.
जबरदस्त मर्दाना ताकत बढ़ाने और नपुंसकता को खत्म करने के लिए कौन सी दवाई लें ?
जबरदस्त मर्दाना ताकत बढ़ाने और नपुंसकता को खत्म करने के लिए निम्न जड़ी- बूटियों से दवाई बनाकर सेवन कर सकते हैं ?
दवाई बनाने के लिए सामग्री-
जायफल – 20 ग्राम.
अश्वगंधा – 50 ग्राम.
सफ़ेद मुसली-50 ग्राम.
जावित्री – 15 ग्राम.
दालचीनी – 25 ग्राम.
छोटा गोखरू (कॅंटीला) – 15 ग्राम.
केसर – 02 ग्राम.
ब्राह्मी – 20 ग्राम.
सालम पंजा – 50 ग्राम.
कौन्च बीज – 30 ग्राम.
शोधित शिलाजीत – 120 ग्राम.
बंग भस्म- 10 ग्राम.
दवा बनाने की विधि-

सबसे पहले शोधित शिलाजीत को पानी की कुछ बूँदों का उपयोग करते हुए मुलायम कर लें और केसर डाल कर छोड़ दें.
अब पत्थर के खरल में जायफल, अश्वगंधा, जावित्री, दालचीनी, छोटा गोखरू, ब्राह्मी, सालम पंजा और कौन्च बीज को महीन होने तक खरल करें.
अब शोधित शिलाजीत वाले मिश्रण में यह सब खरल किया हुआ मिश्रण मिला लें और लगभग 20-30 मिलीलीटर पानी डालकर छोटी- छोटी 300 गोलियाँ बनाकर छाया में सुखाकर कांच के बोतल में सुरक्षित रख लें.
दवा बनाते समय सावधानियाँ-
- इस दवा को तैयार करने के लिए पत्थर के खरल का ही उपयोग में लें, धातु का नही.
- साधारण शिलाजीत ना लें, केवल शोधित शिलाजीत का ही उपयोग करें.
- यह दवाई बनाते समय सभी घटकों की बताई गई मात्रा ही लें क्योंकि यह एक बाजीकरण योग है.
दवा सेवन करने का तरीका-
सुबह के समय भरपेट नाश्ता करने के एक घंटे बाद गुनगुने दूध या गुनगुने पानी के साथ 02 गोलियाँ और रात्रि के समय भोजन करने के एक घंटे बाद गुनगुने दूध के साथ 02 गोलियाँ लें.
दवाई सेवन के दौरान परहेज और सावधानियां-
- यह दवा सिर्फ़ गुनगुने दूध या गुनगुने पानी के साथ ही लें, ठंडे या साधारण पानी या दूध के साथ ना लें.
- यह दवा लेने के बाद एक घंटे तक कुछ भी खाना या पीना नही है.
- अंडा- माँस मछ्ली का सख़्त परहेज है.
- शराब और नशा करने वालों के लिये यह दवा वर्जित है.
- दवा सेवन के दौरान आम का आचार, खटाई से बने पदार्थ का सेवन न करें.
- दवा सेवन के दौरान कुछ दिनों ( 20- 25 दिन ) तक ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं तो यह दवा काफी फायदेमंद साबित होगा.
- खाली पेट यह दवा ना लें.
यह दवा कौन सेवन कर सकता है ?

- यह दवा 15 वर्ष के उम्र से लेकर 75 वर्ष तक के उम्र के लोग सेवन कर सकते हैं.
- यह दवा मधुमेह ( डायबिटीज ) से पीड़ित लोग भी सेवन कर सकते हैं.
- अल्सर और हर्निया के रोगी यह द्वा न लें क्योंकि यह दवा बाजीकरण है.
इस दवा के सेवन से क्या- क्या लाभ है ?
यह आयुर्वेद में वर्णित और अनुभवित सिद्ध बाजीकरण योग है जो पुरुष अंग की कमजोर रक्त वाहिनियों को मजबूत कर शारीरिक कमज़ोरी, पौरुष कमज़ोरी को दूर कर नपुंसकता को ख़त्म करता है.
नोट- यह लेख शैक्षणिक उदेश्य से लिखा गया है. किसी भी प्रयोग से पहले योग्य चिकित्सक की सलाह जरुर लें.