महिला व पुरुष के बीच संभोग जिंदगी का एक अहम हिस्सा होता है. संभोग करने से न सिर्फ नई पीढ़ी का निर्माण होता है बल्कि इससे कई तरह के स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं. संभोग करना महिला व पुरुषों के लिए शारीरिक व मानसिक दोनों तरफ से शांति प्रदान करता है. लेकिन आयुर्वेद के अनुसार संभोग करने के कुछ नियम बताए गए हैं. अगर इस नियम के साथ संभोग किया जाए तो हमारे शरीर को किसी तरह की हानि होने की संभावना नहीं होती है. साथ ही हमारा शरीर स्वस्थ और बलवान रहता है.

तो चलिए जानते आयुर्वेद के अनुसार संभोग करने के नियम-
- युवावस्था में मैथुन करने की इच्छा होती है. प्रबल इच्छा होने पर उसको नहीं रोकना चाहिए. नियमित रूप से नारी से संभोग करें. नारी की चार अवस्थाएं होती है पहला- बाला अवस्था 16 से 20 वर्ष तक, दूसरा- तरुण अवस्था 20 से 30 वर्ष तक, तीसरा- प्रौढ़ावस्था 30 से 40 वर्ष तक, चौथा- वृद्धावस्था 50 वर्ष से ऊपर.
- वृद्धावस्था की नारी से संभोग नहीं करें, बाला स्त्री के साथ संभोग करने से बल बढ़ता है. कहते हैं कि ताजा मांस. नवीन अन्न, वाला स्त्री, दूध, घी आदि का सेवन और उष्ण जल से स्नान तत्काल बल देने वाला होता है.
- सडा मांस, वृद्धा नारी, तत्काल जमाया हुआ दही और सुबह काल में संभोग और निद्रा बल को हरण करती है. संभोग शिशिर और हेमंत ऋतु में इच्छा अनुसार करना चाहिए. वसंत और शरद ऋतु में तीन-तीन दिन में, वर्षा और ग्रीष्म ऋतु में 15 दिन में संभोग करें तो शरीर बलवान बना रहता है.
- संभोग अत्यंत गुप्त, रमणीय, सुगंधित और सुखदाई जगहों पर जहां गीता आदि सुनाई दे, वहां सुंदर पुष्प की शैया पर स्नान करके सुगंधित इत्र इत्यादि लगाकर पुष्पों की माला धारण कर सुंदर रेशमी वस्त्र पहनकर, पान खाकर, बाजीकर पदार्थों का सेवनकर कामातुर पुरुष कामातुर महिला के साथ जिसने भी सुंदर वस्त्र, आभूषण, सुगंधित पदार्थ आदि धारण किए हैं. उसके साथ संभोग करना आनंददायक होता है.
- नारी को कामचेष्टा तुरंत नहीं होती है यानी वह तुरंत संभोग के लिए उत्तेजित नहीं होती है. इसलिए पहले नारी को चुंबन, आलिंगन, मर्दन और मीठी- मीठी बातों से उत्तेजित करके पीछे धीरज से संभोग करना चाहिए. जैसे कि पुरुष तुरंत उत्तेजित होता है. यदि वह अधीर होकर शीघ्रता करेगा तो नारी को संतुष्ट नहीं कर पाएगा और नारी असंतुष्ट रह जाएगी जिससे आपस में तनाव होता रहेगा.
- प्रभात, संध्याकाल, मध्यकाल और त्यौहार में संभोग नहीं करना चाहिए. जो स्थान बड़े लोगों के समीप खुला हुआ या गंदा हो वहां संभोग नहीं करना चाहिए.
- भूखा, प्यासा, तुरंत भोजन किया हुआ हो, मल- मूत्र आदि वेगों से पीड़ित, बीमार, बालक, वृद्धवीर्य, गुप्त रोगों से पीड़ित और भयभीत पुरुष संभोग न करें.
- रजःस्वला ( मासिक धर्म में ) कामवेग रहीत, मलिन, अप्रिय, अपने से बड़ी उम्र वाली, रोगों से तथा योनि के रोगों से पीड़ित महिला, गर्भवती महिला जिनका 3 माह हो चुका है उनके साथ संभोग नहीं करना चाहिए.
- अपने पुत्र की, गुरु, ब्राम्हण और सन्यासिनी नारी से और वेश्या के साथ संभोग नहीं करना चाहिए.
- हस्तमैथुन, गुदामैथुन, बकरी आदि पशुओं से मैथुन नहीं करना चाहिए.
- संभोग के दौरान या उत्तेजित होकर स्वखलित होते हुए वीर्य को कभी भी नहीं रोकें, क्योंकि इसे रोकने से पथरी हो जाएगी.
- संभोग के बाद शर्करा सहित दूध, लड्डू आदि स्निग्ध पदार्थों का सेवन करें और आराम से सोयें.
- मैथुन करना स्वास्थ्य एवं मानसिक तनाव को ठीक रखने में मददगार होता है. लेकिन अधिक मैथुन करने से दर्द, टीबी, कृशता आदि रोग होते हैं अतः नियमित और युक्ति पूर्वक संभोग करें.
- सेक्स से आई कमजोरी दूर करने के घरेलू उपाय क्या है ?1 .गाजर-सेक्स से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में गाजर का जूस बहुत ही लाभदायक होता है. सर्दियों के दिनों में गाजर बहुत आसानी से मिल जाता है और इसका जूस तैयार किया जा सकता है. गाजर का जूस आपके शरीर में खून बनाता है और ताकत देता है. गाजर के जूस को नियमित सेवन करने से सेक्स पावर बढ़ने के साथ साथ सेक्स की इच्छा भी जागृत होती है.2 .अनार-अनार का जूस सेहत के लिए काफी लाभदायक होता है. अनार के जूस पीने से कई तरह की बीमारियों को दूर करने में मदद मिलती है. इसमें एंटी ऑक्सीडेंट पाया जाता है जो हमारे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन लेवल को बेहतर बनाने का काम करता है. अनार का जूस का नियमित सेवन करने से मर्दाना कमजोरी या सेक्स आई कमजोरी को दूर करने में मदद मिलती है.3 .चुकंदर-चुकंदर का सेवन किसी भी रूप में करना सेहत के लिए लाभदायक होता है. यह हमारे शरीर में खून बनाने का काम करता है. इसके नियमित सेवन करने से हमारे शरीर में ताकत आती है जिससे सेक्स से आई कमजोरी या किसी भी तरह से आई कमजोरी को दूर करने में मदद मिलती है. इसके सेवन शरीर को एक खास तरह का मिनरल मिलता है जो सेक्स हार्मोन के लिए बेहद लाभदायक होता है.
4 .हल्दी वाला दूध-
हल्दी और दूध का मिश्रण एक चमत्कारी दवा की तरह काम करता है. आपने बड़े- बुजुर्गों से भी सुना होगा कि हल्दी वाला दूध पीना सेहत के लिए काफी लाभदायक होता है. रात को सोने से पहले एक गिलास दूध में एक चम्मच हल्दी का पाउडर डालकर उबालें और इसे पी लें. हल्दी में यौन शक्ति बढ़ाने के लिए विशेष गुण पाए जाते हैं.
5 .कौंच बीज चूर्ण-
यौन से संबंधित कई सारी समस्याओं को दूर करने के लिए कौंच बीज का चूर्ण काफी असरकारक औषधि है. कौंच के बीज के चूर्ण का सेवन करने के संभोग के समय वीर्य को रोकता है. लिंग को मजबूत बनाए रखता है. शारीरिक शक्ति को बढ़ाता है. इसके लिए एक चम्मच कौंच बीज चूर्ण को एक गिलास दूध में उबालकर ठंडा होने पर सोने से 1 घंटे पहले इसका सेवन करें.
6 .अश्वगंधा-
यौन संबंधित समस्याओं को दूर करने के लिए अश्वगंधा का इस्तेमाल आयुर्वेद में सदियों किया जाता रहा है. अश्वगंधा का सेवन से पुरुषों को काफी ताकत मिलती है. अश्वगंधा यौन शक्ति को बढ़ाता है और वीर्य को गाढ़ा बनाता है. आपको बता दें कि अश्वगंधा की तासीर गर्म होती है इसलिए इसका अधिक प्रयोग करने से बचें. इसके लिए एक चम्मच अश्वगंधा चूर्ण को एक गिलास दूध में उबालकर और स्वादानुसार इसमें शक्कर मिलाकर सेवन करें. काफी लाभ होगा.
- नोट- यह लेख शैक्षणिक उदेश्य से लिखा गया है किसी भी प्रयोग से पहले योग्य चिकित्सक की सलाह जरुर लें. धन्यवाद.
स्रोत- आयुर्वेद ज्ञान गंगा.
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