हेल्थ डेस्क- आजकल मर्दाना कमजोरी, स्वप्नदोष, शीघ्रपतन, शुक्राणु की कमी जैसी समस्याएं पुरुषों में आम होते देखी जा रही है. जिसके कारण शादी के बाद उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. पिता बनने में भी मुश्किलें आती है.

हालांकि आजकल मर्दाना कमजोरी को दूर करने के लिए लोग भी वियाग्रा जैसे उतेजक का सेवन करते हैं. जिसके सेवन से तत्काल तो उन्हें अच्छा महसूस होता है. लेकिन अधिक दिनों तक उत्तेजक दवाओं के सेवन करने से स्वास्थ्य प्रभावित होने लगता है. लंबे समय तक दवाओं का सेवन करने से एक दिन ऐसा समय आता है कि उनकी मर्दाना शक्ति बिल्कुल ही खत्म हो जाती है. ऐसे में उन्हें ज्यादा उतेजक औषधि नहीं बल्कि घरेलू एवं आयुर्वेदिक उपाय का सहारा लेना ज्यादा बेहतर और लाभदायक होता है.
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क्यों हो जाती है मर्दाना कमजोरी-
आज के समय में युवा वर्ग के लोगों में नशा का फैशन इस कदर बढ़ गया है कि मालूम ही नहीं है कि वह आने वाले भविष्य किस तरह से अपना नुकसान कर रहे हैं. बुरी आदतों के शिकार होने के कारण मर्दाना ताकत कमजोर होने लगती है. इनमें से कुछ है धूम्रपान, शराब, सिगरेट, गुटका, तंबाकू आदि ऐसी चीजें हैं जिनका सेवन नहीं करना चाहिए. इन चीजों के सेवन से मर्दाना ताकत बिल्कुल कमजोर हो जाती है.
इसके अलावा कुछ इन कारणों से भी मर्दाना कमजोरी हो जाती है जैसे- दिल के रोग, दवाओं का साइड इफेक्ट, जननांगों पर दबाव पड़ना, साइकिल अधिक चलाना, अवसाद, तनाव में रहना, इसके अलावा उम्र, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, मोटापा आदि कारणों से भी मर्दाना कमजोरी हो सकती है.
सारस्वतारिष्ट बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे
मर्दाना कमजोरी के लक्षण-
पुरुष को शारीरिक संबंध बनाने के बाद या पहले घबराहट महसूस होना.
शारीरिक संबंध के समय पुरुष की इंद्री में कठोरता में कमी आना.
शारीरिक संबंध बनाने के लिए उत्तेजित ना होना.
पुरुष के आत्मविश्वास में कमी आना.
पुरुष के लिंग का आकार सामान्य से छोटा होना.
शारीरिक संबंध के दौरान जल्द ही वीर्य स्वखलित हो जाना.
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मर्दाना शक्ति बढ़ाने के लिए चूर्ण बनाने की विधि-
अश्वगंधा 50 ग्राम.
शतावरी 50 ग्राम.
कौंच के बीज 50 ग्राम.
सेमल का गोंद 25 ग्राम.
सोठ 12.5 ग्राम.
सफेद मुसली 50 ग्राम.
काली मूसली 25 ग्राम.
गिलोय का सत्व 25 ग्राम.
गोखरू 50 ग्राम.
छोटी इलायची 12.5 ग्राम.
बड़ी इलायची 12.5 ग्राम.
लौंग 5 ग्राम.
दालचीनी 12.5 ग्राम.
जावित्री 12.5 ग्राम.
जायफल 12.5 ग्राम.
शतावर्यादि चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे
चूर्ण बनाने की विधि-
ऊपर बताए गए सभी जड़ी- बूटियों को अच्छी तरह से सुखाकर पीसकर पाउडर बना लें. अब इस पाउडर में रस सिंदूर 5 ग्राम, अभ्रक भस्म 5 ग्राम, बंग भस्म 20 ग्राम, शिलाजीत पाउडर 20 ग्राम सभी को अच्छी तरह से मिलाकर किसी कांच की शीशी में सुरक्षित रखें. आपका शक्ति वर्धक दवा तैयार है.
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सेवन करने की विधि-
इस चूर्ण में से एक चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम एक गिलास गाय के दूध में एक चम्मच घी मिलाकर प्रतिदिन सेवन करें. इसे लगातार एक सप्ताह तक सेवन करने से ही आपको लाभ नजर आने लगेगा. नियमित रूप से इसका सेवन 3 महीने तक करने से खोई हुई मर्दाना शक्ति पुनः वापस आ जाती है.
इस दवा के सेवन के दौरान खट्टे पदार्थों का सेवन ना करें एवं शारीरिक संबंध बनाने से कुछ दिनों तक दूर रहें तो इसका भरपूर लाभ प्राप्त होगा.
नोट- इसके साथ ही मकरध्वज वटी ( यह आयुर्वेदिक दवा दुकानों पर आसानी से मिल जाती है ) एक- एक गोली सुबह- शाम दूध के साथ सेवन करने से काफी लाभ होता है यह आजमाया हुआ उपाय है.
इस पाउडर के सेवन से शीघ्रपतन, नपुंसकता, शुक्राणुओं की कमी इत्यादि दूर होकर शारीरिक कमजोरी दूर हो जाती है एवं शरीर हष्ट- पुष्ट और मजबूत बन जाता है.
इस चूर्ण का सेवन पुरुषों को 3 से 6 महीने तक नियमित रूप से दूध के साथ करना चाहिए.
पौरूष शक्ति बढ़ाने के अन्य घरेलू उपाय-
* केला पौरूष शक्ति बढ़ाने वाला फल माना जाता है. प्रतिदिन केले का सेवन करना पुरुषों के लिए फायदेमंद होता है. संभव हो तो केला खाने के बाद एक गिलास दूध पी लें.
* रोजाना अजवाइन की पत्तियां का सेवन स्वप्नदोष की समस्या के लिए एक बेहतरीन औषधि के रूप में काम करता है. इसके लिए अजवाइन की पत्तियों का जूस निकालकर शहद के साथ सेवन करना चाहिए.
* छुईमुई के बीजों के चूर्ण 3 ग्राम को दूध में मिलाकर प्रतिदिन रात को सोने से पहले सेवन करने से शारीरिक दुर्बलता दूर होती है.
* स्वस्थ सोच से ही शरीर स्वस्थ रहता है यह सच्चाई है. इन समस्याओं के लिए हमारे मन की भावनाएं भी काफी हद तक जिम्मेदार होती है. मन में हमेशा भोग- विलास की बात बने रहना या मन में हमेशा कामवासना के विचार करते रहना स्वप्नदोष और शीघ्रपतन जैसी समस्याओं का एक बड़ा कारण है. इसलिए हमेशा ऐसी बातों को सोचने से बचें.
* हमारी आदतें भी हमारे स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डालती है. यही कारण है कि कई बार गलत समय पर गलत चीजें और गलत तरीके से या गलत मात्रा में लेने से और अप्राकृतिक तरीकों से अपनी दिनचर्या रखने से समस्याएं पैदा होती है. इन सभी कारणों से न सिर्फ स्वास्थ्य पर असर पड़ता है बल्कि पौरूष शक्ति पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है. साथ ही आवश्यकता से अधिक भोजन करना भी पुरुषों में शारीरिक कमजोरी का एक बड़ा कारण बन सकता है.
* बहुत अधिक गरिष्ठ भोजन जैसे बर्गर, पिज्जा, फास्ट फूड पौरूष शक्ति को कमजोर करने का सबसे बड़ा कारण है. अधिक घी, दूध, मेवे, मलाई, मिठाई आदि का सेवन करना भी आयुर्वेद की दृष्टि से अच्छा नहीं माना जाता है. इसलिए इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए.
* रात को सोने से पहले लहसुन की दो कलियां खाकर पानी पी लें. फिर आंवला के चूर्ण में मिश्री मिलाकर सेवन करें. नियमित ऐसा करने से भी पौरुष शक्ति में बढ़ोतरी होती है.
* माखन फल का सेवन पौरुष शक्ति बढ़ाने में काफी मददगार होता है. इस फल में पाए जाने वाले हेल्थी विटामिन और फोलिक एसिड पौरूष शक्ति बढ़ाने के लिए एक बेहतरीन दवा का काम करते हैं. इस फल में विटामिन बी 6 होता है जो टेस्टोस्टेरोन हार्मोन को बढ़ाकर आपकी संभोग में रुचि लाने में मददगार होता है. साथ ही इसमें मौजूद फोलिक एसिड शरीर में ताकत और स्टेमिना बढ़ाने में मदद करता है.
* बादाम का सेवन सेहत के लिए फायदेमंद होने के साथ पौरुष शक्ति बढ़ाने के लिए घरेलू उपायों में से एक है. क्योंकि बादाम में फैटी एसिड पाए जाते हैं. साथ ही बादाम में कई जरूरी विटामिंस और मिनरल्स होते हैं जिसके कारण आपकी सेहत को ठीक रखने में मददगार होता है. बादाम में कामोद्दीपक गुण भी मौजूद होता है. बादाम के नियमित सेवन करने से पौरूष शक्ति बढ़ती है. इसके लिए रात को बादाम पानी में भिगोकर सुबह खाली पेट चबाकर खाएं और दूध पी लें.
* कद्दू के बीज पुरुष में फर्टिलिटी बढ़ाने में मदद करता है. इसमें कई प्रकार के पोषक तत्व और विटामिन पाए जाते हैं. कद्दू के बीज में विटामिन सी, बी, ई, विटामिन डी, कैलशियम, पोटैशियम और जिंक आदि पाए जाते हैं जो पौरुष शक्ति बढ़ाने के लिए आवश्यक होते हैं. इसके बीजों में पाए जाने वाला जिंक टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के निर्माण में मदद करता है. साथ ही पुरुषों में शुक्राणु की मात्रा बढ़ाकर नपुंसकता की समस्या को दूर करता है. इसके लिए प्रतिदिन एक मुठ्ठी कद्दू का बीज खाकर आप लाभ उठा सकते हैं.
नोट- यह पोस्ट शैक्षणिक उद्देश्य से लिखा गया है, किसी भी प्रयोग से पहले योग्य डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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