स्पर्म काउंट बढ़ाने में इस दाल का पानी है काफी फायदेमंद, जानें अन्य घरेलू उपाय

हेल्थ डेस्क- आजकल के बदलते लाइफस्टाइल में अनियमित खान पान, खानपान में पौष्टिक तत्वों की कमी, बढ़ते तनाव, साथ ही धूम्रपान, शराब, सिगरेट इत्यादि का सेवन करना आदि के कारण पुरुषों में शारीरिक कमजोरी का होना आम बात हो गया है जिसका प्रभाव उनके पौरूष शक्ति पर पड़ता है क्योंकि किसी भी पुरुष की पौरूष शक्ति उसके स्वास्थ्य पर निर्भर करती है. इसलिए जरूरी है कि किसी भी प्रकार की शारीरिक समस्या होने पर उसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए बल्कि उचित उपचार करना चाहिए.

स्पर्म काउंट बढ़ाने में इस दाल का पानी है काफी फायदेमंद, जानें अन्य घरेलू उपाय

पौरूष शक्ति कम होने का मतलब है कि स्पर्म काउंट में भी कमी आ जाती है जिसके कारण पिता बनने में भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

  • आज हम स्पर्म काउंट बढ़ाने के लिए जिस दाल के बारे में बताने जा रहे हैं वह है मसूर का दाल. जी हां आपको बता दें कि मसूर दाल में प्रचुर मात्रा में फोलिक एसिड पाया जाता है जो पुरुषों की प्रजनन क्षमता के लिए काफी एक्टिव रूप से काम करत है. आप चाहे तो मसूर दाल को अपने लंच में या डिनर में शामिल कर सकते हैं. वहीं कई लोग इस पर मोटिलिटी के लिए मसूर दाल का पानी पी सकते हैं. इससे उन्हें सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेगा.
  • जिंक युक्त खाद पदार्थों का सेवन करने से भी शुक्राणुओं की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है. इन खाद्य पदार्थों में मुख्य रूप से बिन्स, तिल, मूंगफली, लहसुन जैसे फूड्स शामिल है. इन्हें आप अपने भोजन में अलग-अलग प्रकार से शामिल करके स्पर्म काउंट को बढ़ा सकते हैं.
  • स्पर्म काउंट को बढ़ाने में केला भी अहम भूमिका निभाता है जो आपको बहुत ही आसानी से मिल जाता है. यदि केले का नियमित रूप से सेवन किया जाए तो शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने में मदद मिलती है. क्योंकि आपको केले का सेवन रोजाना करने से शरीर को एनर्जी प्राप्त होती है.
  • यौन शक्ति और स्पर्म काउंट बढ़ाने में अंडा भी काफी मददगार माना जाता है. अंडे में विटामिन ई, प्रोटीन प्रचुर मात्रा में होते हैं और शुक्राणु कोशिका को मुक्त कणों से बचाते हैं.
  • अश्वगंधा एक जड़ी- बूटी है जो शुक्राणुओं की संख्या को बढ़ाने में काफी मदद करता है और वीर्य की मात्रा या शुक्राणु गतिशीलता को भी बढ़ाता है. इसके अलावा अश्वगंधा स्वस्थ टेस्टोस्टेरोन उत्पादन को भी बढ़ाता है. यह आपके समग्र स्वास्थ्य में सुधार करता है. जीवन शक्ति को बढ़ाता है और तनाव एवं चिंता को भी कम करने में मदद करता है. इसके लिए एक गिलास दूध में आधा चम्मच अश्वगंधा पाउडर मिलाएं कुछ महीनों तक इस मिश्रण को दिन में 2 बार पियें.
  • ग्रीन टी भी स्पर्म को बढ़ाने में मददगार है क्योंकि ग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा फर्टिलिटी को बढ़ाती है. मुक्त कणों को बेअसर कर देते हैं जिसकी वजह से शुक्राणु कोशिकाओं को नुकसान नहीं पहुचता है.
  • दमियना शुक्राणु की घटती संख्या के लिए बहुत ही फायदेमंद जड़ी बूटी है. यह तंत्रिकाओं को शांत करती है चिंता और मानसिक थकावट से राहत दिलाती है और मांसपेशियों को भी राहत देने में मददगार होती है. इसके लिए एक चौथाई चम्मच सूखी दमियना की पतियों को एक कप गर्म पानी में डाल दें फिर 5 से 10 मिनट तक उबालें. अब आंच से उतार कर छान लें. इसके बाद उसमें कुछ मात्रा में शहद को मिला दे. इस मिश्रण को पूरे दिन में 3 बार कुछ महीने तक के लिए पियें. आप इस जड़ी-बूटी को सप्लीमेंट की तरफ भी ले सकते हैं. लेकिन सेवन करने से पहले योग्य डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
  • मेथी का इस्तेमाल हर घर में भोजन के स्वाद को बढ़ाने के लिए किया जाता है. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि मेथी न सिर्फ भोजन के स्वाद को बढ़ाता है बल्कि इसमें कई तरह के औषधीय गुण मौजूद होते हैं. मधुमेह को नियंत्रित करने से लेकर शुक्राणु बढ़ाने के लिए यह मददगार हो सकते हैं. अगर प्रतिदिन 500 मिलीग्राम मेथी दाने का सेवन पुरुष नियमित करें तो सेक्स हार्मोन टेस्टोस्टेरोन के लेबल में महत्वपूर्ण वृद्धि देखी जा सकती है. साथ ही सेक्स जनित इच्छा, सेक्स परफॉर्मेंस, उत्तेजना में सुधार के साथ-साथ सेक्स गतिविधि में तीव्रता से जुड़ी परेशानियों का भी निवारण हो सकता है.
  • माका रूट एक लोकप्रिय भोजन माना जाता है. परंपरागत रूप से इसका उपयोग कामेच्छा और प्रजनन क्षमता को बढ़ाने के लिए आयुर्वेद में किया जाता है. पुरुषों में कई अध्ययनों से यह पता चला है कि 3 महीने के लिए 1.30 ग्राम सूखे माका रूट का पाउडर सेवन करने से आत्म यौन इच्छा या कामेच्छा में सुधार हुआ है.
  • अध्ययन से यह भी पता चलता है कि माका रूट यौन प्रदर्शन में सुधार कर सकता है. माइल्ड इरेक्टाइल डिस्फंक्शन वाले पुरुषों में 2.5 ग्राम सूखे माका रूट पाउडर खाने से इरेक्टाइल डिस्फंक्शन थोड़ा सुधार देखा जा सकता है.
  • स्वस्थ पुरुषों ने 3 महीने के लिए प्रतिदिन 1.75 ग्राम माका रूट पाउडर लेने सेवियर स्पर्म काउंट और गतिशीलता में वृद्धि हुई है.
  • तालमखाना सबसे लोकप्रिय आयुर्वेदिक औषधियों में से एक है. तालमखाना भी नपुंसकता और प्राकृतिक रूप से स्पर्म काउंट बढ़ाने के लिए बेहतर आयुर्वेदिक समाधान है.
  • तालमखाना की बीजों में जीवाणु नाशक, कामोद्दीपक, मूत्र वर्धक गुण होते हैं. इसके बीज यौन दुर्बलता, शीघ्रपतन, स्तंभन दोष और ओलिगोस्पर्मिया यानी स्पर्म काउंट में कमी के उपचार के लिए लाभदायक होते हैं. तालमखाने के सेवन से पुरुषों के अंगों में रक्त प्रवाह को बढ़ाता है जिसके कारण बेहतर प्रदर्शन होती है. पुरुष बांझपन का प्रमुख कारण शुक्राणु की संख्या कम होना और यह जड़ी- बूटी से बढ़ाने में मदद करती है.
  • शिलाजीत का सेवन कई तरह के रोगों से छुटकारा दिलाने में मददगार होने के साथ ही पुरुष बांझपन विशेष रूप से स्तंभन दोष के आयुर्वेदिक उपचार में किया जाता है. यह पुरुषों के रक्त परिसंचरण में सुधार करके पुरुषों को लंबे समय तक सेक्स का आनंद लेने में मदद करता है.
  • आपको बता दें कि शिलाजीत में कई खनिज और साथ ही कार्बनिक कंपाउंड मौजूद होते हैं जिन्हें फोलिक एसिड के रूप में जाना जाता है. इसके सेवन से पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन, शुक्राणु जनन, शुक्राणु गतिशीलता और शुक्राणुओं की संख्या में बढ़ोतरी होती है. शिलाजीत तनाव से राहत देता है और यह एक उत्कृष्ट कामोद्दीपक औषधि माना जाता है.
  • विटामिन सी की कमी हमारे शरीर में कई तरह के रोग उत्पन्न करते हैं. इसके अतिरिक्त खराब जीवनशैली, बढ़ती उम्र और पर्यावरण प्रदूषण भी शरीर के नीति सिस्टम को कमजोर बना देते हैं. इन सब का मिलाजुला प्रभाव उसकी प्रजनन क्षमता पर विपरित होता है. इस विपरीत प्रभाव के असर को कम करने के लिए विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थों का नियमित सेवन करना बहुत जरूरी है.
  • इसके नियमित सेवन से या फिर विटामिन सी की 1000 मिलीग्राम सप्लीमेंट दिन में 2 बार सेवन करने से 2 महीने में शुक्राणुओं 92% तक की वृद्धि संभव हो सकती है. विटामिन सी प्राप्त करने के लिए आंवला, संतरा, अंगूर, मुनक्का, शिमलामिर्च आदि का नियमित सेवन किया जा सकता है.

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शुक्राणु बढ़ाने के तरीका के लिए कुछ सुझाव-

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I am an Ayurveda doctor and treat diseases like paralysis, sciatica, arthritis, bloody and profuse piles, skin diseases, secretory diseases etc. by herbs (Ayurveda) juices, ashes.

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