Ayurved Gyan Sagar Health, Food & Beauty Tips In Hindi

  • Question & Answer
  • Beauty Tips
  • Food
  • Health Tips
  • आरिष्ट /आसव / क्वाथ
  • बटी / गुग्गुल / रस
  • चूर्ण
  • More
    • Privacy Policy
    • About Us
    • Contact Us
    • DMCA

हींग क्या है ? जाने इसके फायदे और इस्तेमाल करने के तरीके

By : Dr. P.K. Sharma (T.H.L.T. Ranchi)In : Health TipsRead Time : 1 MinUpdated On November 25, 2021

हेल्थ डेस्क- हींग का इस्तेमाल हर घर में भोजन के स्वाद को बढ़ाने के लिए किया जाता है. लेकिन हींग न सिर्फ भोजन के स्वाद को बढ़ाता है बल्कि यह हमारे स्वास्थ्य की रक्षा करता है क्योंकि हींग में कई औषधि गुण मौजूद होते हैं. चलिए जानते हैं विस्तार से-

हींग क्या है ?

एशिया में पाए जाने वाले सौंफ प्रजाति फेरुला फोईटिस नामक पौधे का चिकना रस है. यह पौधा ईरान, अफगानिस्तान, तुर्की बलूचिस्तान आदि के पहाड़ी इलाकों में अधिक होती है. भारत में हींग की खेती बहुत कम की जाती है. इस पौधे की टहनिया लगभग 6 से 10 फुट तक ऊची हो जाती है. इस पर हरापन लिए पीले रंग के फूल निकलते हैं. इसकी जड़ों को काटा जाता है जहां से एक दूधिया रंग का रस निकलता है फिर इसे जमा कर लेते हैं. जब यह रसूख जाता है तो भूरे रंग के गोंद जैसा हो जाता है जिसे हींग कहते हैं.

असली हींग पहचान करने के तरीका क्या है ?

* ग्राह्य हींग रूमीमस्तानी के समान रंग वाली होती है.

* गरम घी में हींग डालने पर लावा के सामान हो जाती है एवं लालिमा लिए हुए भूरे रंग एवं बादामी रंग की होने पर अच्छी मानी जाती है.

* जब हींग को जल में घोली जाती है तो सफेद रंग की दिखाई पड़ती है.

* असली हींग में लहसुन के समान गंध आती है.

* हींग स्वाद में कड़वी होती है.

* जल के साथ हींग को मिलाने पर पिताभ दूधिया बनता है अगर इसमें क्षार में मिला दिया जाए तो यह हरिताभ पीली हो जाती है.

* गंधक के एसिड के संपर्क में आने से हींग का लाल रंग का मिश्रण भूरे रंग में बदल जाता है इस मिश्रण को जल में साफ करने से वैगनी रंग का हो जाता है.

* जब ताजी कटी हुई हींग के टुकड़ों पर नाइट्रिक एसिड डाला जाता है तो यह हरे रंग की हो जाती है.

मर्दाना शक्ति बिल्कुल खत्म हो चुकी है उनके लिए अमृत समान गुणकारी है यह चूर्ण, जानें बनाने और सेवन करने की विधि 

हींग के फायदे और इस्तेमाल करने के तरीके-

पेट संबंधी समस्याओं के लिए-

सदियों से ही पेट से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए हींग का इस्तेमाल किया जाता है. पेट फूलना, पेट में दर्द होना, पेट में गैस बनना, कब्ज एवं अपच को दूर करने के लिए आप हींग का इस्तेमाल कर सकते हैं. हींग में एंटीमाइक्रोबियल्स गुण पाए जाते हैं जो पेट के संक्रमण की संभावना को कम करता है. इसके लिए आप एक कप पानी एक मसूर दाल के बराबर हींग को घोल कर पी सकते हैं. साथ ही पानी के साथ नाभि के आस- पास इसकी मालिश कर सकते हैं.

उच्च रक्तचाप को करता है नियंत्रित-

उच्च रक्तचाप एक घातक बीमारी है यदि समय पर इसका उपचार न किया जाए तो यह जानलेवा साबित हो सकती है. ऐसे में अगर आप हींग का उपयोग करते हैं तो उच्च रक्तचाप को काफी हद तक कम किया जा सकता है.

हींग में कोमोरिन की मौजूदगी के कारण या ब्लड को पतला करके ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है जिस कारण धमनियों में खून नहीं जम पाता है और उच्च रक्तचाप नियंत्रण में रहता है. इसके अलावा हींग में पोटेशियम की मात्रा होने के कारण यह है स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों की संभावना को भी कम करता है और एक अच्छे ह्रदय स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देता है.

मस्तिष्क के लिए है फायदेमंद-

मस्तिष्क स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए हींग काफी फायदेमंद मानी जाती है क्योंकि हींग में एंटीऑक्सीडेंट तत्व मौजूद होते हैं जो रक्त वाहिकाओं की सूजन को कम करने में मदद करते हैं. यही कारण है कि सिरदर्द की समस्या से निजात पाया जा सकता है.

हींग का इस्तेमाल माइग्रेन की समस्या को भी दूर करने में मददगार होता है. इसके लिए एक गिलास गर्म पानी में चुटकी भर हींग मिलाकर दिन में दो बार पीना चाहिए. इससे किसी भी तरह के सिरदर्द से राहत पाया जा सकता है.

मासिक धर्म के दर्द से दिलाए राहत-

मासिक धर्म के दौरान दर्द होना एक आम समस्या है. ज्यादातर महिलाएं इस दर्द को सहन करने में असमर्थ होती है और इस दर्द को दूर करने के लिए पेन किलर दवाओं का सेवन कर लेती है. लेकिन यदि हींग का उपयोग करें तो इस दर्द से राहत मिलता है. मासिक धर्म के दौरान हींग का सेवन करने से रक्त प्रवाह सुचारू रूप से हो सकता है.

इसके अलावा मासिक धर्म के दौरान हींग का सेवन करने की यह प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन के स्तर को भी नियंत्रित रखता है. मासिक धर्म का चक्र नियंत्रण में रहता है. इसके लिए एक कप पानी में मसूर दाल के बराबर हींग को घोलकर पीना चाहिए.

पुरुषों को नियमित करना चाहिए इन चीजों का सेवन, कभी नही होगी कमजोरी की समस्या

कैंसर के खतरे करता है कम-

अपने एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण कैंसर जैसी गंभीर बीमारी होने की संभावना बहुत हद तक कम करने में हींग मददगार है. यदि नियमित रूप से हींग का सेवन किया जाए तो यह कैंसर कोशिकाओं के विकास को अवरुद्ध कर सकती है.

इसके साथ ही फ्री रेडिकल्स से होने वाली क्षति से हमारे शरीर की रक्षा करता है. टेस्ट ट्यूब अध्ययन में हींग में एक ऐसी क्षमता दिखाई गई है जो स्तन कैंसर एवं यकृत कैंसर सहित अन्य कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने में मदद करती है.

प्रजनन स्वास्थ्य के लिए लाभदायक-

हींग के नियमित सेवन करने से महिला और पुरुष दोनों के प्रजनन स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है क्योंकि हींग में कई ऐसे गुण पाए जाते हैं जो पुरुषों में नपुंसकता के इलाज में काफी फायदेमंद माने गए हैं.

अगर नियमित रूप से भोजन में हींग का सेवन किया जाए तो इससे महिला और पुरुष दोनों में बांझपन के लक्षणों को काफी हद तक कम किया जा सकता है.

कृमि रोग में-

तीक्ष्ण गुण, उष्ण वीर्य और कटु स्वभाव के कारण पेट के कीड़ों का शमन करती है. गुदा के कीड़ों एवं उदावृत में इसकी वर्ती बनाकर गुदा में रखी जाती है. हींग का प्रयोग बस्ती स्वरूप भी करते हैं. जिससे मलाशय में उपस्थित कीड़े खत्म होते हैं.

आयुर्वेद के अनुसार संभोग करने के नियम 

संज्ञास्थापन में हींग के फायदे-

भ्रम, प्रलाप, पागलपन, मृगी एवं स्मृतिभ्रंश ( याददास्त की कमी ) में हींग के इस्तेमाल से संज्ञा की उत्पत्ति होती है. संज्ञा से तात्पर्य ज्ञान या स्थिति से है. हींग तीक्ष्ण एवं उष्णता के अपने गुणों के कारण कफ और तम का आवरण दूर करके संज्ञाव: एवं प्राणव: स्रोतस का शोधन करती है जिससे प्राणवायु और उदान वायु का अनुलोमन होता है एवं संज्ञा की प्राप्ति होती है. इसके लिए हींग को शहद के साथ मिलाकर सेवन करना चाहिए.

वात रोगों में-

वातरोग जैसे- गठिया, लकवा, साइटिका, अपतंत्रक आदि में हींग का सेवन फायदेमंद होता है. यह उष्ण होने से उत्तेजक और दर्द को दूर करने वाले गुणों से परिपूर्ण होती है. शरीर में वायु के कारण अधिकतर दर्द होता है. यह शरीर से वायु का शमन करती है. इसके लिए हींग को अजवाइन के साथ मिलाकर सेवन करना फायदेमंद होता है.

हींग सेवन की मात्रा क्या है ?

हींग को शोधन करके सेवन करना चाहिए, इसके लिए इसे घी में भुना जाता है. इसके बाद पीसकर चूर्ण बना लें. हींग के चूर्ण को 125 मिलीग्राम से 500 मिलीग्राम तक सेवन किया जा सकता है.

नोट- यह लेख शैक्षणिक उद्देश्य से लिखा गया है. किसी भी प्रयोग से पहले योग्य डॉक्टर की सलाह जरूर लें. धन्यवाद.

Hashtag: असली हींग पहचान करने के तरीका क्या है ? हींग के फायदे और इस्तेमाल करने के तरीके- हींग क्या है ? हींग क्या है ? जाने इसके फायदे और इस्तेमाल करने के तरीके हींग सेवन की मात्रा क्या है ?

शेयर
  • Facebook
  • Twitter
  • Pin It
  • Email
  • LinkedIn
  • WhatsApp

Read Also

  • महिलाओं के लिए घर बैठे मोटापा कम करने के आसान उपाय, MOTAPA KAM KARNE KE UPAY

    महिलाओं के लिए घर बैठे मोटापा कम करने के आसान उपाय, MOTAPA KAM KARNE KE UPAY

  • सभी प्रकार के यौन समस्याओं के लिए रामबाण इलाज है रूमी मस्तगी, जाने सेवन करने की विधि और फायदे

    सभी प्रकार के यौन समस्याओं के लिए रामबाण इलाज है रूमी मस्तगी, जाने सेवन करने की विधि और फायदे

  • टाइफाइड बुखार क्या है ? जाने होने के कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपचार

    टाइफाइड बुखार क्या है ? जाने होने के कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपचार

-: Note :-

The information given on this website is based on my own experience and Ayurveda. Take the advice of a qualified doctor (Vaidya) before any use. This information is not intended to be a substitute for any therapy, diagnosis or treatment, as appropriate therapy according to the patient's condition may lead to recovery. The author will not be responsible for any damage caused by improper use. , Thank you !!

Dr. P.K. Sharma (T.H.L.T. Ranchi)

मैं आयुर्वेद चिकित्सक हूँ और जड़ी-बूटियों (आयुर्वेद) रस, भस्मों द्वारा लकवा, सायटिका, गठिया, खूनी एवं वादी बवासीर, चर्म रोग, गुप्त रोग आदि रोगों का इलाज करता हूँ।

Reader Interactions

Comments ( 0 )

See Comments»

Leave a Reply 😃 Cancel reply

Primary Sidebar

Recent Posts

  • How to control the ever increasing obesity?
  • How beneficial is bay leaf water in fatty liver? Know other advantages
  • I need a detailed plan to lose 30 pounds in 10 weeks. Can anyone suggest such a scheme?
  • What diet should I eat to reduce belly fat ?
  • If you want to reduce the increased uric acid, then use celery like this.

Categories

  • ASTROLOGY
  • Beauty Tips
  • Food
  • Health Tips
  • OTHER
  • Question & Answer
  • Uncategorized
  • आरिष्ट /आसव / क्वाथ
  • चूर्ण
  • बटी / गुग्गुल / रस
  • भस्म




Footer

Copyright © 2023 · -Ayurvedgyansagar.com