Ayurved Gyan Sagar Health, Food & Beauty Tips In Hindi

  • Question & Answer
  • Beauty Tips
  • Food
  • Health Tips
  • आरिष्ट /आसव / क्वाथ
  • बटी / गुग्गुल / रस
  • चूर्ण
  • More
    • Privacy Policy
    • About Us
    • Contact Us
    • DMCA

अफारा (Flatulence ) रोग क्या है ? जाने कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपाय

By : Dr. P.K. Sharma (T.H.L.T. Ranchi)In : Health TipsRead Time : 1 MinUpdated On December 4, 2021

हेल्थ डेस्क-  अफारा,  वायु का एकत्रित होना, आनाह, पेट का फूलना आध्मान,

 अफारा (Flatulence ) रोग क्या है ?

अफारा या गैस की समस्या अधिक पाई जाने वाली बीमारी है. यह गैस जब मुंह से डकार के रूप में निकलती है तब उसे आमाशयी आध्मान कहते हैं और जब यही गैस निचे से निकलती है तो इसे आंत्रीय आध्मान कहा जाता है.

अफारा (Flatulence ) रोग क्या है ? जाने कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपाय

जठरांत्र- पथ में गैस के जमा होने की अवस्था को फ्लेटयुलेंस कहते हैं.अजीर्ण, मन्दाग्नि के कारण पेट में गैस जमा होकर पेट फुल जाता है. तथा पेट में अफारा हो जाता है. जब तक गैस पेट से बाहर नही निकलती है तब तक काफी कष्ट और बेचैनी होती है. इसमें व्यक्ति का दिल तेजी से धड़कता है और सांस लेने में भी परेशानी होती है. मन घबराता है और पेट में दर्द एवं गैस जमा हो जाने के कारण उदर- प्रदेश की नसें तन जाती है.

अफारा होने के कारण क्या है ?

1 .डिस्पेप्सिया- भोजन का सही ढंग से पाचन नही होने से.

2 .पित की कमी के कारण- सेवन किये गए आहार के किन्वीकरण तथा दूषित वायु के ज्यादा उत्पन्न होने से.

3 .मलाबद्धता - कब्ज होने से.

4 .आँतों की शिथिलता के कारण पेट में जमा गैस का निष्कासन नही हो पाना.

5 .संक्रामक बीमारियों के कारण जैसे आंतरिक ज्वर, न्युमोनिया, मस्तिष्कावरणशोथ आदि में तीब्र विषमयता के कारण.

6 .वायुभक्षण या वायु निगरण.

7 .रुक्ष अंश युक्त खाद्य पदार्थ का ज्यादा मात्रा में सेवन करना.

8 . अमीबा रुग्णता.

9 .आमाशय, आंत एवं यकृत के पाचन में सहायक स्रावों का कमी होना.

10 .काइम में उपस्थित कार्बोहाइड्रेट्स और प्रोटीन के किन्वीकरण से भी गैस बंटी है.

11 .कुछ व्यक्तियों में अधिक मात्रा में अधोवायु निकलती है. अगर वह दुर्गंधित है तो समझना चाहिए की प्रोटीन्स का किन्वीकरण हो रहा है जिसके लिए छोटी आंत की गति का अधिक होना अथवा अग्नाशय रस की अल्पता या क्रियाक्षीणता उतरदायी है.

12 . ऐसे जो आंत की गति को बाधित करते हैं यकृत तथा फेफड़ों में रक्तप्रवाह की कमी से भी अफारा की स्थिति उत्पन्न हो जाती हैं.

इस प्रकार ये निम्न रोगों में अफारा के लक्षण के रूप में प्रकट होते हैं.

1 .अमाशय की अम्लीयता.

2 .पेचिस.

3 .संग्रहणी.

4 .अतिसार.

5 .यकृत सिरोसिस.

6 .पिताशय शोथ.

7 .आँतों में अवरोध.

8 .पायलोरिक ऑब्सट्रक्शन

9 .अमाशय की तीब्र विस्तृत रोग.

10 .कन्जेस्टिव हार्ट-फेल्योर.

11 .पल्मोनरी ट्यूबरक्लोसिस.

12 .श्वास रोग.

13 .क्रोनिक ब्रोंकाइटिस.

14 .हृदयशूल.

नोट- उपर्युक्त इन 14 समस्याओं के कारण भी पेट में गैस ( अफारा ) हो सकती है ?

इसके अलावा कुछ ऐसे आहार जिनके अधिक सेवन से अफारा की समस्या हो सकती है जैसे- मटर, चना, अरहर की दाल, अधिक मसालेदार भोजन इत्यादि. हालाँकि सामान्य रूप से ये गैस बाहर निकल जाती है.लेकिन पेट की मांसपेशियां कमजोर होने पर यह आँतों में फसकर अफारा का कारण बंटी है.

अफारा रोग के लक्षण क्या है ?

1 .व्यक्ति का पेट फुल जाता है.

2 .घबराहट और बेचैनी होती है.

3 .पेट की नसें तन जाती है.

4 .सांस लेने में परेशानी होती है.

5 .कब्जियत की समस्या होती है.

6 .छाती में जलन एवं छाती में गैस के दबाव के कारण ह्रदय की धड़कन बढ़ जाती है.

7 .व्यक्ति पेट में गुड़गुडाहट महसूस करता है.

8 .डकार के साथ गुदा मार्ग से हवा ( पाद ) निकलती है.

9 .मल त्याग के समय भी मल के साथ वायु आवाज के साथ निकलती है.

10 .सिर दर्द, नाड़ी दुर्बलता आदि लक्षण उत्पन्न होते हैं.

अफारा का निदान क्या है ?

उपर्युक्त लक्षण देखकर इसका निदान आसानी से हो जाता है.

पेट पर हलके हाथों से ठोकने पर ध्वनि निकलती है जैसे की ढोल को हल्के- हल्के बजाया जा रहा हो.

सापेक्ष्य निदान-

ह्रदय की धड़कन तथा ह्रदय की गति में अतालबद्धता और ह्रदय से सम्बंधित अन्य लक्षण भी मिलते हैं. जिनको देखकर ह्रदय की विकृति का संदेह होने लगता है.लेकिन ह्रदय में कोई विकार नही होता है. पेट में गैस के अधिक भर जाने से वह डायाफ्राम को ऊपर धकेल देती है. जिससे ह्रदय पर दबाव पड़ती है और ह्रदय के कार्य में बाधा पड़ने से ह्रदय की धड़कन तथा अतालबद्धता उत्पन्न हो जाती है.

  • सेहत के लिए वरदान है नींबू, जाने फायदे

अफारा का भावीफल-

1 . यह बहुत कठिनाई से नियंत्रण में आने वाला बीमारी है.

2 .पेट की गैस उठकर जब ह्रदय पर दबाव डालती है तब ह्रदय की धड़कन तथा बेचैनी अधिक हो जाती है.

3 .पेट की गैस उठकर जब मस्तिष्क में चली जाती है तो सिर दर्द तथा चक्कर की समस्या होने लगती है.

4 . अधिक दिनों तक इस रोग को बने रहने से कमजोरी एवं नाड़ी दुर्बलता की समस्या हो जाती है.

  • विटामिन डी क्या है ? यह हमारे शरीर के लिए क्यों जरूरी है ? जाने प्राप्त करने के बेहतर स्रोत

अफारा का सामान्य चिकित्सा-

अफारा में निम्न बातों को ध्यान में रखते हुए चिकित्सा की आवश्यकता होती है.

1 .आँतों की शिथिलता को दूर करना.

2 .आमाशय तथा पक्वाशय में संचित सेंद्रिय विषों एवं दूषित गैस को आत्मसात कर निष्क्रिय बनाना.

3 .इस प्रकार जमा हुए दूषित मल एवं गैस को अनुलोमक( पेट साफ करने वाले ) औषधियों के द्वारा बाहर निकालना.

4 . खानपान में तेल मसालों एवं गरिष्ठ चीजों का सेवन बंद कर दें.

5 .सुबह एक ग्लास ठंढा पानी पीना चाहिए और थोड़ी देर टहलना चाहिए. इससे गैस नही बनेगी जिससे अफारा की समस्या नही होगी.

  • हिचकी क्या है? जाने कारण, लक्षण एवं घरेलू और आयुर्वेदिक उपाय

अफारा (Flatulence ) दूर करने के घरेलू एवं आयुर्वेदिक उपाय-

1 .थोड़े से पानी खाने वाला सोडा आधा चम्मच और आधे नींबू का रस मिलाकर पीने से अफारा खत्म होती है और गैस बनना बंद हो जाता है.

2 .पीसी हुई हल्दी और थोड़े से नमक को गुनगुने पानी के साथ सेवन करने से गैस से तुरंत राहत मिलती है जिससे अफारा की समस्या दूर होती है.

3 .काली मिर्च और सेंधा नमक 2- 2 ग्राम एवं चुटकी भर हींग को पीसकर चूर्ण बना लें. इस चूर्ण की 2-3 ग्राम की मात्रा में सेवन करने से पेट दर्द एवं अफारे में लाभ होता है.

4 .एक से डेढ़ चम्मच की मात्रा में आंवले का चूर्ण पानी के साथ सेवन करने से पेट में बनने वाले एसिडिटी से मुक्ति पाई जा सकती है.

5 .अजवाइन को बारीक पीसकर 10 ग्राम शहद में 3 ग्राम मिला दे और रोगी को पिलाएं. इससे 15-20 मिनट में पेट दर्द कम होता है और अफारा, गैस एवं बदहजमी से राहत मिलती है.

6 .घी में सेका हुआ हींग, सेंधा नमक, पीपल, काली मिर्च और सोठ को बराबर मात्रा में लेकर पीसकर चूर्ण बना लें. अब इस चूर्ण में से 3 ग्राम की मात्रा में गुनगुने जल के साथ सेवन करने पेट का अफारा और पेट दर्द शांत होता है. इसके साथ ही पानी के साथ पेट पर लेप करने से निश्चित ही अफारा एवं पेट दर्द शांत हो जाती है.

7 .25 ग्राम बड़ी इलायची और 25 ग्राम कालीमिर्च को पीसकर चूर्ण बना लें. अब इसमें से 3 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम भोजन के बाद सेवन करने से पेट दर्द और पित का प्रकोप खत्म हो जाता है एवं अफारा से राहत मिल जाती है.

8 .मूली का नियमित सेवन करने से कब्ज दूर होता है एवं पेट साफ होता है जिससे एसिडिटी, खट्टी डकार एवं अफारे से राहत मिलता है.

9 .एक चम्मच नींबू का रस और एक चम्मच अदरक के रस में थोड़ी सी शक्कर मिलाकर पीने से पेट दर्द एवं अफारे से राहत मिलता है.

  • जठर अत्यम्लता ( Hyperacidity ) क्या है ? जाने कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपाय

10 .पुदीने और नींबू का रस एक- एक चम्मच लें. अब इसमें आधा चम्मच अदरक का रस और थोड़ा सा काला नमक मिलाकर सेवन करें. इससे पेट दर्द, गैस और अफारे की समस्या से छुटकारा मिलती है.

11 .सोठ का चूर्ण 3 ग्राम और एरंड का तेल 8 ग्राम सेवन करने से कब्ज के कारण होने वाला अफारा ठीक हो जाता है. इसके अलावा सोंठ का चूर्ण लगभग 1 ग्राम और 1 ग्राम काला नमक मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से अफारा में अच्छा लाभ होता है.

12 .3 ग्राम अदरक और 10 ग्राम गुड़ एक साथ सेवन करने से अफारा से राहत मिलता है.

13 .लहसुन का पिसा हुआ मिश्रण लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग को घी के साथ सेवन करने से गैस निकलकर अफारा से मिलता है.

14 .जायफल का चूर्ण, सोंठ का चूर्ण और जीरे को पीसकर पाउडर बना लें. अब इस पाउडर को आधा चम्मच की मात्रा में भोजन करने से पहले पानी के साथ सेवन करने से अफारा, गैस पैदा नहीं होने देता है.

  • जानिए खांसी क्या है ? कितने प्रकार की होती है और लक्षण एवं आयुर्वेदिक उपचार

अफारा के लिए आयुर्वेदिक औषधि-

1 .स्वादिष्ट विरेचन चूर्ण- इस चूर्ण को रात को खाना खाने के बाद 5 से 15 ग्राम की मात्रा में सेवन करने से सुबह पेट साफ हो जाता है. गैस नही बंटी है.

2 . काली द्राक्ष 13 दाने को रात को पानी में डालकर रखें और सुबह द्राक्ष खाकर पानी को पी लें और लघु भोजन करें इससे गैस नही बनेगा जिससे अफारा की समस्या नही होगी.

3 .छोटी हरे को घी या एरंड तेल में तलकर चूर्ण बना लें. अब इस चूर्ण को 1 से 2 ग्राम की मात्रा में पानी या दूध के साथ सेवन करें.

4 .एक चम्मच त्रिफला चूर्ण रात को खाना के बाद गुनगुने पानी के साथ सेवन करें.

5 .एरंड तेल रात को खाना के बाद 1-2 चम्मच पिय्रें.

6 .लवणभास्कर चूर्ण, हिंग्वाष्टक चूर्ण आदि का सेवन करें.

7 .शंख बटी, अग्निकुमार रस, लशुनादि बटी, संजीवनी बटी, बिषतिन्दुक बटी, चित्रकादि बटी, द्राक्षासव, कुमार्यासव, पंचारिष्ट इत्यादि का सेवन करना फायदेमंद होता है.

सोना, चांदी आदि धातु से बने गहने पहनने के क्या स्वास्थ्य लाभ होते हैं? जरुर जानिए

नोट- यह लेख शैक्षणिक उदेश्य से लिखा गया है किसी भी प्रयोग से पहले योग्य चिकित्सक की सलाह जरुर लें. धन्यवाद.

Hashtag: अफारा (Flatulence ) दूर करने के घरेलू एवं आयुर्वेदिक उपाय- अफारा (Flatulence ) रोग क्या है ? अफारा का निदान क्या है ? अफारा का सामान्य चिकित्सा- अफारा के लिए आयुर्वेदिक औषधि- अफारा रोग के लक्षण क्या है ? अफारा होने के कारण क्या है ?

शेयर
  • Facebook
  • Twitter
  • Pin It
  • Email
  • LinkedIn
  • WhatsApp

Read Also

  • पुरुषों को 40 की उम्र में भी मिलेगी 26 साल जैसी ताकत, एक बार 5 दिन आजमाकर देखें यह घरेलू नुस्खा

    पुरुषों को 40 की उम्र में भी मिलेगी 26 साल जैसी ताकत, एक बार 5 दिन आजमाकर देखें यह घरेलू नुस्खा

  • उन्माद ( पागलपन ) होने के कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक उपाय

    उन्माद ( पागलपन ) होने के कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक उपाय

  • महिला व पुरुषों में कामेच्छा बढ़ाने के साथ ही कई यौन समस्याओं को चुटकियों में दूर कर देता है यह आयुर्वेदिक औषधि

    महिला व पुरुषों में कामेच्छा बढ़ाने के साथ ही कई यौन समस्याओं को चुटकियों में दूर कर देता है यह आयुर्वेदिक औषधि

-: Note :-

The information given on this website is based on my own experience and Ayurveda. Take the advice of a qualified doctor (Vaidya) before any use. This information is not intended to be a substitute for any therapy, diagnosis or treatment, as appropriate therapy according to the patient's condition may lead to recovery. The author will not be responsible for any damage caused by improper use. , Thank you !!

Dr. P.K. Sharma (T.H.L.T. Ranchi)

मैं आयुर्वेद चिकित्सक हूँ और जड़ी-बूटियों (आयुर्वेद) रस, भस्मों द्वारा लकवा, सायटिका, गठिया, खूनी एवं वादी बवासीर, चर्म रोग, गुप्त रोग आदि रोगों का इलाज करता हूँ।

Reader Interactions

Comments ( 0 )

See Comments»

Leave a Reply 😃 Cancel reply

Primary Sidebar

Recent Posts

  • How to control the ever increasing obesity?
  • How beneficial is bay leaf water in fatty liver? Know other advantages
  • I need a detailed plan to lose 30 pounds in 10 weeks. Can anyone suggest such a scheme?
  • What diet should I eat to reduce belly fat ?
  • If you want to reduce the increased uric acid, then use celery like this.

Categories

  • ASTROLOGY
  • Beauty Tips
  • Food
  • Health Tips
  • OTHER
  • Question & Answer
  • Uncategorized
  • आरिष्ट /आसव / क्वाथ
  • चूर्ण
  • बटी / गुग्गुल / रस
  • भस्म




Footer

Copyright © 2023 · -Ayurvedgyansagar.com