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रजोनिवृत्ति किसे कहते हैं ? जाने इसकी सही उम्र क्या है ?

By : Dr. P.K. Sharma (T.H.L.T. Ranchi)In : Health TipsRead Time : 1 MinUpdated On April 15, 2022

हेल्थ डेस्क- महिलाओं में मासिक धर्म का होना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो 12- 14 वर्ष की उम्र में शुरू होकर प्रायः 45 से 50 वर्ष की उम्र तक जारी रहता है. इसके बाद हमेशा के लिए बंद हो जाता है. महिलाओं में इस विशेष अवस्था तो परिवर्तन, आर्तवक्षय, अवस्था का बदलना, रजोनिवृत्ति या संधिकाल कहते हैं. इस अवस्था के पश्चात मासिक धर्म आना बंद हो जाता है. यह उत्पादक अंगों की एक प्रकार की वृद्धावस्था है.

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संतानहीन महिलाओं का मासिक धर्म प्रायः 40 से 50 वर्ष की उम्र से पहले ही बंद हो जाता है. इसके अतिरिक्त जिन महिलाओं में मासिक धर्म देर से शुरू होता है वह शीघ्र समाप्त हो जाता है. यदि संतान उत्पत्ति जारी रहे और कम से कम 40 वर्ष की उम्र के बाद एक संतान हो तो मासिक धर्म अधिक दिनों तक स्थाई रहता है. अनेक महिलाओं का मासिक धर्म 35 वर्ष की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते ही बंद हो जाता है. कुछ महिलाओं में रजोनिवृत्ति अचानक होती है और किन्हीं- किन्हीं में क्रमशः होती है. आयु की बढ़ती के साथ-साथ महिला की उत्पादन शक्ति क्रमशः हीन होती जाती है. रजोनिवृति के बाद भी कुछ महिलाओं में बहुत वर्षों तक कामवासना बनी रहती है. लेकिन ओव्यूलेशन के अभाव में वह गर्भधारण नहीं कर पाती है.

रजोनिवृत्ति किसे कहते हैं ? जाने इसकी सही उम्र क्या है ?

रजोनिवृत्ति के परिणाम स्वरूप महिला के जनन अंगों का शोष हो जाता है. डिम्बकोष सिकुड़ जाते हैं. उनके पृष्ठ पर झुर्रियां पड़ जाती है. गर्भाशय पेशियों की मात्रा कम होकर गर्भाशय परिमाण में छोटा हो जाता है. गर्भाशय की अंतः कला सूख जाती है. योनि की दीवार कोमल, पतली एवं शिथिल हो जाती है. योनिकों उथले हो जाते हैं. गर्भाशय ग्रीवा सिकुड़ जाती है. भग चपटी सी हो जाती है. श्रोणि के बांध ढीले पड़ जाते हैं. प्रजनन संबंधी यह संपूर्ण कमियां इस्ट्रोजेन की कमी के कारण लक्षित होती है.

महिलाओं का मासिक स्राव सदा के लिए बंद हो जाना यह सिद्ध करता है कि उनके डिंब ग्रंथि का नियमित कार्य समाप्त हो चुका है. लेकिन इसमें विचित्र का यह भी है कि कुछ महिलाओं में तो यह बिना किसी पूर्व सूचना के एकाएक बंद हो जाता है. लेकिन प्रायः महिलाओं का मासिक धर्म धीरे-धीरे बंद होता है. कुछ महीने के लिए रक्त का स्राव एकदम बंद हो जाने के बाद फिर से जारी हो जाता है और व्यतिक्रम के साथ चलकर कालांतर में एकदम बंद हो जाता है.

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ऐसा भी देखने में आया है कि कुछ महिलाएं मासिक धर्म के स्थाई रूप से बंद हो जाने के बाद भी अचानक गर्भ धारण कर लेती हैं. इसका कारण यह माना जा सकता है कि परिवर्तन की बेचैनी की अवधि मासिक धर्म के बिल्कुल बंद हो जाने के साथ ही समाप्त नहीं होती, महिला के डिंब कोष अब भी सचेष्ट रहते हैं. भले ही स्राव न निकले लेकिन ओवरी से निरंतर डिम्ब बाहर निकलते रहते हैं. यह पुरुष शुक्राणुओं से मिलकर गर्भ स्थापना करते हैं. मासिक धर्म के बिल्कुल बंद हो चुकने के बाद 1 या 2 वर्ष तक ऐसा हो सकता है कि डिम्ब ग्रंथियां महिला के महीन ओवम का निर्माण करती रहे. इन ओवम में गर्भ स्थापना की शक्ति रहती है. इस प्रकार देखा जाता है कि ऐसी अवस्था में गर्भ स्थित होकर पूर्ण स्वस्थ संतान उत्पन्न होती है. यह मानने योग्य बात है कि मासिक धर्म के स्थाई रूप से बंद हो जाने पर भी कुछ महीने 1 वर्ष या 2 वर्ष तक प्रकृति की ओर से गर्भ- स्थिति की आखिरी कोशिश होती है.

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कुछ विद्वानों का विचार है कि अनेक महिलाओं में रजोनिवृत्ति काल अर्थात मासिक धर्म बंद होने पर कोई भी लक्षण नहीं मिलता है. केवल एक ही लक्षण मिलता है और वह यह है कि महिला को प्रति महीने जो रक्तस्राव आता था वह बंद हो गया है. कुछ विद्वानों के विचार से निम्नलिखित लक्षणों में से कम से कम 15% महिलाओं ने इन लक्षणों का पाया जाना अनिवार्य सा होता है.

प्रकृति या स्वभाव में परिवर्तन- महिला की मानसिक अवस्था चंचल होती है, स्वभाव में चिड़चिड़ापन आ जाता है, जरा- जरा सी बातों में महिला बिगड़ती है या रोने लगती है तथा कोई भी बात बर्दाश्त नहीं कर सकती, दिल दुखी हो जाता है कुछ महिलाएं तो इस कारण से विक्षिप्त तक होती पाई जाती हैं.

हॉट फ्लशेज- मासिक धर्म बंद होने वाली महिला को ऐसा आभास होता है कि वह आंच के सहारे खड़ी है. साथ ही शरीर में थोड़ी जलन या गर्मी का भी आभास होता है.

श्वासकृच्छ्ता- यह मनोवैज्ञानिक होता है.

श्कीरम या थकान की अनुभूति होती है.

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चिंताशीलता- कुछ विद्वानों का कहना है कि रजोनिवृत्ति काल में सभी परिवर्तन अन्केतः स्रावों के परिवर्तन से ही परिणाम है. उनके अनुसार इस काल में होने वाले सभी लक्षणों को निम्न भागों में बांटा जा सकता है.

1 .अंतः स्रावी या प्रजननांगी लक्षण.

2 .मनोदशा जन्य लक्षण.

3 .चयापचयी लक्षण.

4 .वाहिनीप्रेरक लक्षण.

5 .वातिक लक्षण.

6 .महास्रोतिय लक्षण-

रजोनिवृत्ति यानी मासिक धर्म का बंद होने पर उपर्युक्त लक्षण महिलाओं में मिलती है.

नोट- उपर्युक्त जानकारी के अनुसार रजोनिवृति की कोई उम्र सीमा नही है बल्कि महिला के स्थिति के अनुसार यह समय होता है. यह लेख शैक्षणिक उद्देश्य से लिखा गया है. अधिक जानकारी के लिए योग्य स्त्री रोग विशेषज्ञ से सलाह लें. धन्यवाद.

Hashtag: मासिक धर्म किस उम्र में बंद होता है? रजोनिवृति की उम्र क्या है. रजोनिवृत्ति किसे कहते हैं ?

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-: Note :-

The information given on this website is based on my own experience and Ayurveda. Take the advice of a qualified doctor (Vaidya) before any use. This information is not intended to be a substitute for any therapy, diagnosis or treatment, as appropriate therapy according to the patient's condition may lead to recovery. The author will not be responsible for any damage caused by improper use. , Thank you !!

Dr. P.K. Sharma (T.H.L.T. Ranchi)

मैं आयुर्वेद चिकित्सक हूँ और जड़ी-बूटियों (आयुर्वेद) रस, भस्मों द्वारा लकवा, सायटिका, गठिया, खूनी एवं वादी बवासीर, चर्म रोग, गुप्त रोग आदि रोगों का इलाज करता हूँ।

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