Ayurved Gyan Sagar Health, Food & Beauty Tips In Hindi

  • Question & Answer
  • Beauty Tips
  • Food
  • Health Tips
  • आरिष्ट /आसव / क्वाथ
  • बटी / गुग्गुल / रस
  • चूर्ण
  • More
    • Privacy Policy
    • About Us
    • Contact Us
    • DMCA

अपतानिका ( Tetany ) रोग क्या है? जानें कारण, लक्षण और घरेलू एवं आयुर्वेदिक उपाय

By : Dr. P.K. Sharma (T.H.L.T. Ranchi)In : Health TipsRead Time : 2 MinUpdated On January 20, 2022

हेल्थ डेस्क- मांस पेशियों में ऐठन या दर्द होना टिटैनी का एक सामान्य लक्षण है.  टिटैनी होने का मुख्य कारण शरीर में कैल्शियम की कमी का होना है जिसे हाइपर्कैल्सीमिया भी कहते हैं.  टिटैनी आपके शरीर की किसी भी मांस पेशियों में हो सकती है.  टिटैनी होने पर मांस पेशियों में ऐठन और दर्द लगातार बना रहता है.

इसे भी पढ़ें-

हिस्टीरिया रोग क्या है ? जाने के कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपाय

जानें- बेहोशी होने के कारण, लक्षण और आपातकालीन उपचार

कमर दर्द ( कटि वेदना ) होने के कारण, लक्षण और घरेलू एवं आयुर्वेदिक उपचार

श्वसनीविस्फार ( ब्रोंकाइटिस ) होने के कारण, लक्षण और घरेलू एवं आयुर्वेदिक उपचार

कंपवात रोग क्या है? जाने कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपाय

वृक्क पथरी क्या है ? जाने कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपाय

प्रतिश्याय ( सर्दी ) क्यों हो जाती है ? जानें कारण, लक्षण और घरेलू एवं आयुर्वेदिक उपाय

चेचक क्या है ? जाने कारण, लक्षण और घरेलू एवं आयुर्वेदिक उपाय

आमाशय व्रण ( पेप्टिक अल्सर ) क्या है ? जाने कारण, लक्षण और घरेलू एवं आयुर्वेदिक उपाय

उन्डूकपुच्छशोथ ( Appendicitis ) क्या है? जानें कारण, लक्षण और घरेलू एवं आयुर्वेदिक उपाय

हैजा रोग क्या है ? जानें कारण, लक्षण और घरेलू एवं आयुर्वेदिक उपाय

सर्दियों में सिंघाड़ा खाने के फायदे

अपतानिका रोग को हस्तपाद आकर्ष, अल्प कैल्सियम रक्तता ( Hypocalcaemia ) आदि नामों से जानते हैं.

अपतानिका ( Tetany ) रोग क्या है? जानें कारण, लक्षण और घरेलू एवं आयुर्वेदिक उपाय

अपतानिका रोग क्या है?

हाथ-पैर या शरीर के किसी भी हिस्से में ऐंठन और दर्द होना अपतानिका रोग कहलाता है.

अपतानिक रोग होने के क्या कारण हैं ?

अपतानिका रोग में कैल्सियम की कमी हो जाती है. जिसके कारण शरीर में दौरे के रूप में टिटैनी होती है. कैल्सियम की कमी से मांसपेशियों तथा संज्ञावाही  वाततंत्रिकाओं में अक्षमता या विक्षोभशीलता बढ़ जाती है. इस रोग में प्रधान रूप से हाथ और बाहू की मांसपेशियों में आकुंचन के दौरे होने लगते हैं.

शरीर में कैल्शियम की कमी के कई कारण हो सकते हैं. जैसे- गर्भावस्था, स्तनपान, कुपोषण विटामिन डी की कमी और कुछ दवाएं भी हाइपर्कैल्सीमिया का कारण बनते हैं. यह अक्सर हाथ- पैरों में होता है. इससे प्रभावित हिस्से में सूजन भी आ सकती है. इसके अलावा गले में  टिटैनी होने से सांस लेने में भी परेशानी हो सकती है.

इसे भी पढ़ें-

अफारा (Flatulence ) रोग क्या है ? जाने कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपाय

जठर अत्यम्लता ( Hyperacidity ) क्या है ? जाने कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपाय

हिचकी क्या है? जाने कारण, लक्षण एवं घरेलू और आयुर्वेदिक उपाय

विटामिन डी क्या है ? यह हमारे शरीर के लिए क्यों जरूरी है ? जाने प्राप्त करने के बेहतर स्रोत

सेहत के लिए वरदान है नींबू, जाने फायदे

बच्चों को मिर्गी होने के कारण, लक्षण, उपचार एवं बचाव के तरीके

हींग क्या है ? जाने इसके फायदे और इस्तेमाल करने के तरीके

गठिया रोग संधिशोथ क्या है ? जाने कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपाय

पुरुषों को नियमित करना चाहिए इन चीजों का सेवन, कभी नही होगी कमजोरी की समस्या

सोना, चांदी आदि धातु से बने गहने पहनने के क्या स्वास्थ्य लाभ होते हैं? जरुर जानिए

दूध- दही नहीं खाते हैं तो शरीर में कैल्शियम की पूर्ति के लिए करें इन चीजों का सेवन

मर्दाना शक्ति बिल्कुल खत्म हो चुकी है उनके लिए अमृत समान गुणकारी है यह चूर्ण, जानें बनाने और सेवन करने की विधि

स्पर्म काउंट बढ़ाने में इस दाल का पानी है काफी फायदेमंद, जानें अन्य घरेलू उपाय

एक नहीं कई बीमारियों का रामबाण दवा है आंवला, जानें इस्तेमाल करने की विधि

रात को सोने से पहले पी लें खजूर वाला दूध, फायदे जानकर हैरान रह जाएंगे

महिला व पुरुषों में प्रजनन क्षमता बढ़ाने के कारगर घरेलू उपाय

दिल और दिमाग के लिए काफी फायदेमंद है मसूर दाल, मोटापा को भी करता है नियंत्रित

अपतानिका ( Tetany ) रोग क्या है? जानें कारण, लक्षण और घरेलू एवं आयुर्वेदिक उपाय

टिटैनी होने की सबसे बड़ी वजह हाइपोथायरायडिज्म है. इसके लिए हाइपोथायरायडिज्म को समझना भी आवश्यक है. आपकी गर्दन में मटर के दाने की तरह चार ग्रंथियां होती है. इन्हें पैराथायराइड ग्रंथियां कहा जाता है. हाइपोथायरायडिज्म तब होता है जब यह ग्रंथियां शरीर में पर्याप्त मात्रा में पैराथायराइड हार्मोन नहीं बनाती है. यह हार्मोन नहीं बनने पर इन सभी का बैलेंस बिगड़ जाता है.

नसों, मांस पेशियों और दिल के ठीक से काम करने के लिए कैल्शियम की आवश्यकता होती है. कैल्शियम कम होने से ही मांस पेशियों में दर्द, झुनझुनी और हार्ट से संबंधित समस्याएं शुरू हो जाती है. इस बीमारी का इलाज आसानी से किया जा सकता है. लेकिन इसके लिए एक योग्य डॉक्टर यह सुनिश्चित करते हैं कि आपके शरीर में पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम और विटामिन डी बने. कैल्शियम की मात्रा को ठीक रखने के लिए अपने आहार को संतुलित करें. आहार लेने के साथ समय- समय पर खून की जांच भी आवश्यक है. अगर आप डॉक्टर की कहे अनुसार चलते हैं तो आप जल्द ही स्वस्थ हो सकते हैं.

इसे भी पढ़ें-

कई जटिल बीमारियों का रामबाण इलाज है फिटकरी, जानें इस्तेमाल करने के तरीके

पेट में कृमि ( कीड़ा ) होने के कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपाय

पित्ताशय में पथरी होने के कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपाय

 

जानें- स्वास्थ्य रक्षा की सरल विधियां क्या है ?

सारस्वतारिष्ट बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

बाजीकरण चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

अश्वगंधादि चूर्ण बनाने की विधि उपयोग एवं फायदे

शतावर्यादि चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

स्वादिष्ट विरेचन चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

शतपत्रादि चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

अपतानिका रोग के लक्षण क्या है ?

1 .आकुंचन के वेग के समय हाथ की अंगुलियों में प्रसार होता है, लेकिन हथेली संकुचित रहती है और एक दूसरे के साथ लग जाती है. अंगुलियां भी अंगूठे के साथ लगी रहती है.

2 .पैर में जब स्तंभ का प्रभाव होता है तब वह ऊपर और अंदर की ओर जकड़ा हुआ तथा अंगुलियों में एवं तलुवे की ओर संकुचित होता है.

3 .स्तंभ का वेग कुछ सेकंड रहता है. इसके पश्चात मांस पेशियां शिथिल हो जाती है.

4 .शरीर की अनेक मांस पेशियों में हल्के- हल्के कंपन होते हैं.

5 .तापक्रम प्रायः सामान्य रहता है. कभी-कभी हल्का बुखार हो सकता है.

6 .6 महीना से 2 वर्ष के बालकों में श्वासकृच्छता के लक्षण मिलते हैं. इसमें शीत लगने से गले में स्तम्भ हो जाता है. साथ ही श्वास अवरुद्ध के कारण बालक का शरीर नीला पड़ जाता है.

7 .मानसिक अशांति, चिंतनशीलता और स्मृति मन्दता,. विचार शक्ति की कमी आदि लक्षण भी मिल सकते हैं.

8 .बालकों में आक्षेप के लक्षण अधिक होते हैं.

9 .इस रोग में त्वचा शुष्क तथा छिलकेदार हो जाती है.

10 .नाखून पहले भंगुर हो जाते हैं और बाल उड़ जाते हैं.

11 .दांतों का निर्माण भी ठीक तरह से नहीं हो पाता है.

12 .कभी-कभी रोग के आक्षेप उदर, छाती, पीठ और चेहरे आदि की मांसपेशियों में भी होने लगते हैं.

13 .रोग के आक्षेप 15 मिनट या कुछ घंटों तक रहते हैं.

नोट- उपर्युक्त लक्षणों के द्वारा इस रोग को आसानी से पहचाना जा सकता है.

अपतानिका ( Tetany ) रोग क्या है? जानें कारण, लक्षण और घरेलू एवं आयुर्वेदिक उपाय

टिटैनी का घरेलू उपाय-

  • समय-समय पर कैल्शियम की गोली का सेवन करते रहे.
  • अगर हाथ- पैर में सूजन हो तो तुरंत ही डॉक्टर की सलाह लें.
  • खाने- पीने की चीजों में कैल्शियम युक्त चीजों को शामिल करें, यह आपकी बीमारी को दूर करने में असरदार साबित होगा.
  • पूरे दिन पर्याप्त मात्रा में पानी पिए. यह आपके शरीर में जाने वाले विटामिन और मिनरल्स को आसानी से पचा देगा.
  • अपने डेंटिस्ट से समय-समय पर दांतों की चेकअप कराते रहें, क्योंकि कैल्शियम की कम मात्रा आपके दांतों को भी नुकसान पहुंचा सकती है.

अपतानिका का आयुर्वेदिक उपाय-

1 .लक्ष्मीनारायण रस या कस्तूरीभैरव रस या वात चिंतामणि रस या स्वर्णब्रम्भी वटी 2-2 सुबह- शाम अदरक के रस के साथ सेवन कराएं.

2 .महायोगराज गुग्गुल 2-2 वटी सुबह- शाम  महारास्नादि क्वाथ के साथ सेवन कराएं.

3 .लशुनादी वटी 2-2 सुबह- शाम दूध या पानी के साथ सेवन कराएं.

4 .महानारायण तेल से शरीर की मालिश करना चाहिए.

नोट- उपर्युक्त चिकित्सा आयुर्वेद चिकित्सक की देख रेख में सेवन करने से कुछ दिनों में कुछ दिनों में इस रोग से छुटकारा मिलती है.

चिकित्सा स्रोत- आयुर्वेद ज्ञान गंगा पुस्तक.

कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए क्या खाना चाहिए ?

अपतानिका ( Tetany ) रोग क्या है? जानें कारण, लक्षण और घरेलू एवं आयुर्वेदिक उपाय

1 .दूध-

जब भी कैल्शियम की कमी की बात आती है तो दूध का नाम सबसे पहले आता है. यह कैल्शियम का सबसे बेहतर स्रोत माना जाता है. गाय के 100 ग्राम दूध से लगभग 113 मिलीग्राम कैल्शियम प्राप्त हो जाता है. हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए प्रतिदिन दूध पीना चाहिए.

2 .पनीर-

कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए पनीर का सेवन करना भी बहुत ही बेहतर विकल्प है. यह उन लोगों के लिए भी अच्छा विकल्प है जो दूध नहीं पीना चाहते हैं या किसी कारण बस दूध नहीं पी सकते हैं. 100 ग्राम पनीर में लगभग 721 मिलीग्राम कैल्शियम होता है. पनीर से कैल्शियम के साथ-साथ प्रोटीन भी प्राप्त हो जाता है. यह हड्डियों को मजबूती देने के साथ-साथ उच्च रक्तचाप को भी नियंत्रित करता है.

3 .बादाम-

बादाम का सेवन करना भी कैल्शियम प्राप्त करने के लिए बेहतर स्रोत है. 100 ग्राम बादाम से लगभग 248 मिलीग्राम कैल्शियम मिल जाता है. रात को चार- पांच बदाम पानी में भिगो दें सुबह इनका छिलका उतारकर या तो ऐसे ही खा लें या फिर पीसकर दूध में मिलाकर पिएं. बादाम के साथ-साथ दूध से भी कैल्शियम प्राप्त हो जाएगा.

4 .तिल-

कैल्शियम की कमी को पूरा करने का एक अच्छा स्रोत तिल भी है. एक बड़े चम्मच तिल में लगभग 88 मिलीग्राम कैल्शियम होता है. तिल का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक माना जाता है. इसे अपने आहार में शामिल करें. प्रतिदिन दो चम्मच तिल का सेवन करके आप कैल्शियम की कमी को पूरा कर सकते हैं. आप इसे सलाद, अनाज के रूप में, सूप में डालकर, लड्डू बना कर चक्की के रूप में भी सेवन कर सकते हैं.

5 .अंजीर-

कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए अंजीर का सेवन करना भी अच्छा विकल्प है. अंजीर शायद दुनिया का एकलौता फल है जो सूखने के बाद भी ड्राई फ्रूट की श्रेणी में आता है. अंजीर को स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी और ब्लड प्रेशर नियंत्रित करने के लिए बेहतरीन माना जाता है. इतना ही नहीं इसमें कैल्शियम के साथ-साथ फाइबर और पोटेशियम की मात्रा भी भरपूर होती है. सौ ग्राम अंजीर में लगभग 35 मिलीग्राम कैल्शियम होता है. हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद अंजीर का सेवन करें. 2-3 अंजीर के फल या सूखे अंजीर खा सकते हैं.

6 .संतरा-

विटामिन सी और विटामिन डी से भरपूर संतरे में कैल्शियम की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है. सौ ग्राम संतरा में लगभग 43 मिलीग्राम कैल्शियम होता है. इसके प्रतिदिन सेवन करने से कैल्शियम की कमी पूरी की जा सकती है. यह हड्डियों को मजबूती देकर विटामिन सी और विटामिन डी को भी पूरा करेगा.

7 .आंवला-

विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर आंवला शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के साथ ही यह शरीर के संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है. आंवला में भी कैल्शियम की मात्रा होती है. इसका जूस पीने से विशेष लाभ होता है. कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए आंवले का नियमित सेवन किया जा सकता है.

8 .गिलोय-

आयुर्वेद में आंवला और एलोवेरा के साथ ही गिलोय का भी विशेष स्थान है. गिलोय में गिलोय गिलोइन नामक ग्लूकोसाइड और टिनोस्पोरिन, पामेरिन एवं टिनोस्पोरिक एसिड, कॉपर, आयरन, फास्फोरस, जिंक, कैलशियम, मैग्निशियम मौजूद होते हैं. गिलोय में कैल्शियम भी पर्याप्त मात्रा में मौजूद होती है. कैल्शियम की कमी को दूर करने के लिए गिलोय का रस पिएं. गिलोय का चूर्ण का भी सेवन कर सकते हैं.

नोट- यह लेख शैक्षणिक उद्देश्य से लिखा गया है किसी भी प्रयोग से पहले योग्य चिकित्सक की सलाह जरूर लें. धन्यवाद.

इसे भी पढ़ें-

लवण भास्कर चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

अमृतारिष्ट बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

गंधक रसायन चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

महामंजिष्ठादि क्वाथ बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

योगराज और महायोगराज गुग्गुल बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

आयुर्वेद के अनुसार किस ऋतु में कौन सा पदार्थ खाना स्वास्थ्य के लिए हितकर होता है, जानें विस्तार से

ब्रेन ट्यूमर होने के कारण, लक्षण और घरेलू एवं आयुर्वेदिक उपचार

श्रीखंड चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

ब्राह्मी चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

बिल्वादि चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

तालीसादि चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

सितोपलादि चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

दाड़िमपुष्प चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग और फायदे

मुंहासे दूर करने के आयुर्वेदिक उपाय

सफेद बालों को काला करने के आयुर्वेदिक उपाय

गंजे सिर पर बाल उगाने के आयुर्वेदिक उपाय

कर्पूरासव बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

वासासव बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

मृगमदासव बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

द्राक्षासव बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

अर्जुनारिष्ट बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

खदिरारिष्ट बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

चंदनासव बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

महारास्नादि क्वाथ बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

रक्तगिल चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

नारसिंह चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

कामदेव चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

शकाकलादि चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

विदारीकंदादि चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

प्रद्रांतक चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

माजूफलादि चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

मुसल्यादि चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

सारिवादि चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

कंकोलादि चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

प्रवालादि चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

जातिफलादि चूर्ण बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

अद्रकासव बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

लोहासव बनाने की विधि, उपयोग एवं फायदे

औषधि प्रयोग के लिए पेड़- पौधों से कब लेना चाहिए फल, फूल, छाल, पत्ते व जड़ी- बूटियां ?

दिल की धड़कन रोग क्या है ? जाने कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपाय

Hashtag: अपतानिक रोग होने के क्या कारण हैं ? अपतानिका का आयुर्वेदिक उपाय- अपतानिका रोग के लक्षण क्या है ? अपतानिका रोग क्या है? कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए क्या खाना चाहिए ? टिटैनी का घरेलू उपाय-

शेयर
  • Facebook
  • Twitter
  • Pin It
  • Email
  • LinkedIn
  • WhatsApp

Read Also

  • मर्दाना ताकत कम होने के क्या कारण है ? जाने बढ़ाने के प्राकृतिक घरेलू उपाय

    मर्दाना ताकत कम होने के क्या कारण है ? जाने बढ़ाने के प्राकृतिक घरेलू उपाय

  • तेजी से घटने लगेगी पेट की चर्बी, अगर अपनाएंगे ये कारगर उपाय

    तेजी से घटने लगेगी पेट की चर्बी, अगर अपनाएंगे ये कारगर उपाय

  • SHARIRIK KAMJORI DUR KARNE KE UPAY- पुरुष अपनी शारीरिक कमजोरी दूर कर पाए नया जोश, जानें आयुर्वेदिक उपाय

    SHARIRIK KAMJORI DUR KARNE KE UPAY- पुरुष अपनी शारीरिक कमजोरी दूर कर पाए नया जोश, जानें आयुर्वेदिक उपाय

-: Note :-

The information given on this website is based on my own experience and Ayurveda. Take the advice of a qualified doctor (Vaidya) before any use. This information is not intended to be a substitute for any therapy, diagnosis or treatment, as appropriate therapy according to the patient's condition may lead to recovery. The author will not be responsible for any damage caused by improper use. , Thank you !!

Dr. P.K. Sharma (T.H.L.T. Ranchi)

मैं आयुर्वेद चिकित्सक हूँ और जड़ी-बूटियों (आयुर्वेद) रस, भस्मों द्वारा लकवा, सायटिका, गठिया, खूनी एवं वादी बवासीर, चर्म रोग, गुप्त रोग आदि रोगों का इलाज करता हूँ।

Reader Interactions

Comments ( 0 )

See Comments»

Leave a Reply 😃 Cancel reply

Primary Sidebar

Recent Posts

  • How to control the ever increasing obesity?
  • How beneficial is bay leaf water in fatty liver? Know other advantages
  • I need a detailed plan to lose 30 pounds in 10 weeks. Can anyone suggest such a scheme?
  • What diet should I eat to reduce belly fat ?
  • If you want to reduce the increased uric acid, then use celery like this.

Categories

  • ASTROLOGY
  • Beauty Tips
  • Food
  • Health Tips
  • OTHER
  • Question & Answer
  • Uncategorized
  • आरिष्ट /आसव / क्वाथ
  • चूर्ण
  • बटी / गुग्गुल / रस
  • भस्म




Footer

Copyright © 2023 · -Ayurvedgyansagar.com