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विटामिन डी क्या है ? यह हमारे शरीर के लिए क्यों जरूरी है ? जाने प्राप्त करने के बेहतर स्रोत

By : Dr. P.K. Sharma (T.H.L.T. Ranchi)In : Health TipsRead Time : 1 MinUpdated On December 1, 2021

विटामिन डी क्या है?

विटामिन डी एक वसा में घुलनशील खनिज है जो त्वचा में निर्माण होता है. जब सूर्य का प्रकाश सीधा यूवीबी किरणों के संपर्क में आता है और हमारे शरीर को स्पर्श करता है. आपकी त्वचा में मौजूद एक रसायन को विटामिन डी 3 में बदल देते हैं. यह यकृत और गुर्दे में ले जाया जाता है और फिर यह सक्रिय विटामिन डी में बदल जाता है. हालांकि लंबे समय तक सूर्य के लगातार संपर्क में रहने से त्वचा कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है इसलिए आपको विटामिन डी की कमी से बचने के लिए सूर्य के संपर्क में सिमित समय तक ही रहना चाहिए.

विटामिन डी क्या है ? यह हमारे शरीर के लिए क्यों जरूरी है ? जाने प्राप्त करने के बेहतर स्रोत

विटामिन डी हमारे शरीर के लिए क्यों जरूरी है?

विटामिन डी जो हमारे शरीर के लिए कई कार्यों के लिए जरूरी है. विटामिन डी में मजबूत हड्डियों, मांस पेशियों और दांतो का रखरखाव, सेल विकास नियंत्रण, उचित प्रतिरक्षा और न्यूरोमस्कुलर प्रणाली और हमारे समग्र स्वास्थ्य में शामिल है. विटामिन डी की कमी से सुखंडी ( रिकेट्स ) नामक रोग होता है जिससे हड्डियां ठीक से विकसित नहीं हो पाती है.

शरीर में विटामिन डी की कमी के क्या लक्षण है ?

शरीर में विटामिन डी की कमी होने पर कमजोरी, पसलियों या पैरों में दर्द, कमर में दर्द आदि होने लगती हैं. यह लक्षण व्यस्को में होते हैं  शिशु में समय पर दांत ना आना, पैरों की हड्डियों का कमजोर होना, त्वचा का रंग गहरा होना जैसे लक्षण है. जिससे बच्चों में विटामिन डी की कमी का पता चलता है. थकान महसूस होना, बच्चों की हड्डियों का टेढ़ा हो जाना, हड्डियों और मांसपेशियों में दर्द रहना, कमर में अक्सर दर्द की शिकायत शरीर में विटामिन डी के कमी के लक्षणों में शामिल है.

शरीर में विटामिन डी की कमी होने पर शरीर का तापमान भी 98.6 डिग्री के आसपास बना रहता है और शरीर से पसीना भी बहुत आता है. इसके अलावा निमोनिया, ठंड लगना, ब्रोंकाइटिस आदि की परेशानी हो जाए तो जल्दी ठीक नहीं होती है.

अगर किसी को विटामिन डी की कमी है और अचानक किसी दुर्घटना में चोट लग जाती है या फ्रैक्चर हो जाता है तो इसे ठीक होने में काफी समय लगता है.

कई बार शरीर में विटामिन डी की कमी होने पर हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो जाती है. हाई ब्लड प्रेशर से हार्ट की बीमारियां भी हो सकती है.

जब आपके मांसपेशियों में खिंचाव, जोड़ों में दर्द, हड्डियों का दर्द, पीठ दर्द जैसी समस्या देखने को मिलती है बिना किसी वजह से बाल झड़ रहे हैं तो यह भी शरीर में विटामिन डी की कमी का संकेत हो सकते हैं.

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विटामिन डी प्राप्त करने के बेहतर स्रोत क्या है ?

सूरज की किरणें-

सूर्य की किरणें विटामिन डी का सबसे अच्छा स्रोतों में से एक है. गरम धूप में 30 मिनट का नियमित बैठना आपको दिनभर के लिए भरपूर विटामिन डी प्रदान कर सकता है जो कि कहीं और मिलना मुश्किल है. धुप सीधे अपने संपर्क में होनी चाहिए खिड़की के कांच से आने वाली धूप नहीं होनी चाहिए. जब सूर्य की किरणें हमारी त्वचा पर पड़ती है तो वह शरीर में विटामिन डी के उत्पादन को उत्तेजित करती है. आप जितना अधिक सूर्य के संपर्क में होंगे विटामिन डी का उत्पादन भी उतना ही अधिक होगा. धूप में रहने पर अपने विटामिन डी के स्तर को बढ़ाने के लिए कम से कम अपने चेहरे, हाथों और अपने शरीर के समकक्ष क्षेत्र को उजागर करें.

करें बादाम का सेवन-

बादाम में विटामिन डी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. बादाम के दूध से विटामिन डी और कैल्शियम की अच्छी मात्रा हमारे शरीर को मिल जाती है जो हड्डियों को मजबूती प्रदान करने के साथ-साथ हड्डियों के विकास में भी मदद करती है.

करें मछली का सेवन-

मछली में विटामिन डी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. खासकर ट्यूना और सेलमन जैसी मछली हड्डियों के लिए काफी फायदेमंद होती है क्योंकि यह आपके शरीर में विटामिन डी की एक तिहाई मात्रा को पूरा कर देता है.

विटामिन डी क्या है ? यह हमारे शरीर के लिए क्यों जरूरी है? जाने प्राप्त करने के बेहतर स्रोत 

करें मशरूम का सेवन-

मशरूम वास्तव में विटामिन डी का अच्छा स्रोत है. यह सूर्य के प्रकाश को अवशोषित करने में बहुत अच्छा होता है. जिससे यह एक अच्छा विटामिन डी स्रोत बन जाता है. इसके अलावे मशरूम विटामिन बी कंपलेक्स, विटामिन b1, विटामिन B2, विटामिन B5 और तांबा जैसे खनिजों से भी भरपुर होता है. मशरूम में विटामिन डी की मात्रा इसके प्रकार और किस्म के अनुसार अलग-अलग होती है. हमेशा ऐसे मशरूम का चयन करें जो प्राकृतिक सूर्य की रौशनी में सुखाए जाते हैं.

करें अंडे का सेवन-

अंडे का सफेद भाग में प्रोटीन भरा हुआ होता है लेकिन अंडे की जर्दी में प्रचुर मात्रा में विटामिन डी भरा होता है. अंडे का नियमित सेवन करके आप विटामिन डी की कमी को पूरा कर सकते हैं.

करें संतरे का सेवन-

संतरा विटामिन सी का अच्छा स्रोत होने के साथ ही विटामिन डी का भी अच्छा स्रोत होता है. इसलिए आप विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए नियमित संतरे का सेवन कर सकते हैं.

करें मक्खन का सेवन-

मक्खन में विटामिन डी मौजूद होता है. इसके साथ ही इसमें कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम और जिंक के साथ विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन ई और विटामिन के पाया जाता है इसलिए नियमित मक्खन का सेवन करना विटामिन डी को पूर्ति करने के साथ ही सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है.

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करें सोया प्रोडक्ट का सेवन-

विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए सोया प्रोडक्ट जैसे- टोफू, सोया मिल्क और सोया योगार्ट का इस्तेमाल करना भी काफी लाभदायक साबित हो सकता है. इसमें प्रोटीन प्रचुर मात्रा में पाई जाती है इस कारण इसमें विटामिन डी भी मौजूद रहता है. शाकाहारी लोग इन प्रोडक्ट का सेवन करके विटामिन डी की कमी को पूरा कर सकते हैं.

करें गाय का दूध का सेवन-

विटामिन डी के स्रोत में दूध का नाम सबसे पहले आता है इसलिए शाकाहारी लोग दूध के सेवन करके विटामिन डी की कमी को पूरा कर सकते हैं. दूध में और कई पोषक तत्व पाए जाते हैं दूध में प्रोटीन, कैल्शियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम, मैग्नीज और जिंक के साथ विटामिन डी एवं विटामिन ए भी मौजूद होता है.

नोट- यह लेख शैक्षणिक उदेश्य से लिखा गया है. अधिक जानकारी के लिए योग्य चिकित्सक की सलाह लें. धन्यवाद.

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-: Note :-

The information given on this website is based on my own experience and Ayurveda. Take the advice of a qualified doctor (Vaidya) before any use. This information is not intended to be a substitute for any therapy, diagnosis or treatment, as appropriate therapy according to the patient's condition may lead to recovery. The author will not be responsible for any damage caused by improper use. , Thank you !!

Dr. P.K. Sharma (T.H.L.T. Ranchi)

मैं आयुर्वेद चिकित्सक हूँ और जड़ी-बूटियों (आयुर्वेद) रस, भस्मों द्वारा लकवा, सायटिका, गठिया, खूनी एवं वादी बवासीर, चर्म रोग, गुप्त रोग आदि रोगों का इलाज करता हूँ।

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