हेल्थ डेस्क- हमारे शरीर को स्वस्थ रहने के लिए शरीर में कई ऐसी चीजें होती है जिसे समय के अनुसार बाहर निकलना आवश्यक होता है. यदि उन्हें शरीर में रोक कर रखा जाए तो वे रोगों का कारण बन सकते हैं. उन्हीं चीजों में से एक है वीर्य. जिसे रोकना सेहत के लिए नुकसानदायक होता है.
वीर्य को रोकने से हमारे शरीर में कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती है जैसे- लिंग में दर्द, मूत्राशय में दर्द, वीर्य में पाए जाने वाले शुक्राणुओं पर बुरा प्रभाव, किडनी में सूजन इत्यादि.
आज हम इस लेख के माध्यम से वीर्य वेग क्या है ? इसे रोकने से क्या होता है ? के बारे में जानने की कोशिश करेंगे.
वीर्य वेग क्या है ?
वीर्य एक प्रकार का रस है जो हमारे शरीर में 24 घंटे बनते रहता है. जिस प्रकार से शरीर में पेशाब को बनने से नहीं रोका जा सकता, उसी तरह वीर्य को बनने से भी नहीं रोका जा सकता है. जब शरीर में वीर्य निरंतर बनते रहते हैं तो उनका शरीर से बाहर आना भी जरूरी होता है.

अगर आप शारीरिक संबंध या हस्तमैथुन नहीं करते हैं तो यह स्वप्नदोष होकर वीर्य बाहर निकल जाता है. इस प्रकार से वीर्य निकलने की गति को वीर्य वेग कहा जाता है और इसे निकलने से रोका जाए तो यह हमारे शरीर में कई तरह की बीमारियों को उत्पन्न करता है.
वीर्य वेग रोकने से क्या नुकसान होता है ?
1 .लिंग में दर्द होना-

शारीरिक संबंध के दौरान आपके लिंग में उत्तेजना के कारण तनाव आ जाता है जिसके कारण से ही आप शारीरिक संबंध बना पाते हैं. लिंग का यह तनाव वीर्य स्खलन के बाद खत्म हो जाता है. जब आप शारीरिक संबंध के दौरान वीर्य को निकलने से रोकते हैं तो इससे आपके लिंग में दर्द होता है. हालांकि यह दर्द आपको शारीरिक संबंध के दौरान उत्तेजना और आनंद के कारण पता नहीं चलता है. लेकिन बाद में इस दर्द का अनुभव किया जा सकता है. लिंग का यह दर्द बाद में किसी बड़ी बीमारी का कारण बन सकता है इसलिए वीर्य को रोकने का प्रयास बिल्कुल नहीं करना चाहिए.
2 .शुक्राणु में कमी होना-

पुरुषों की प्रजनन क्षमता स्वस्थ शुक्राणुओं पर निर्भर करती है. शुक्राणु पुरुष के वीर्य में मौजूद होते हैं जो शारीरिक संबंध के दौरान महिला के गर्भाशय में पहुंचकर उन्हें गर्भधारण कराते हैं. वीर्य स्खलन में जब वीर्य आपके शरीर से बाहर आता है तो इसके साथ बहुत से शुक्राणु बाहर आ जाते हैं और आपके शरीर में फिर से नए शुक्राणु बनने लगते हैं लेकिन जब वीर्य आपके लिंग से बाहर निकल रहा होता है और आप उसे रोकने का प्रयास करते हैं तो इससे शुक्राणुओं की गुणवत्ता प्रभावित होती है.
3 .किडनी में सूजन होना-

हमारे शरीर में किडनी शुक्राणु तैयार होने के क्षेत्र के बिल्कुल ऊपर होती है. जब आप वीर्य को रोकते हैं तो आपकी किडनी पर इससे दबाव पड़ता है. इस दबाव की वजह से किडनी में सूजन आ जाती है जो एक गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है. इसलिए वीर्य वेग को नहीं रोकना चाहिए.
4 .मूत्राशय में दर्द होना-

जब आप वीर्य को निकलने से रोकते हैं तो इससे मूत्राशय पर दबाव पड़ता है ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मूत्राशय आपकी वीर्य निर्माण वाली जगह के आसपास होती है. पेशाब और वीर्य की नली एक ही होती है. जब आपके शरीर में अधिक वीर्य हो जाता है और निकलने से रोकते हैं तो इससे मूत्र निकलने वाली नली प्रभावित होती है. जिसकी वजह से मूत्राशय में दर्द होने लगता है और यह कई प्रकार की बीमारियों का कारण बनता है.
इसके अलावे मस्तिष्क पर दबाव बढ़ना, पेडू में दर्द होना, अंडकोष में दर्द और सूजन की समस्या भी हो सकती है.
नोट- यह लेख शैक्षणिक उद्देश्य से लिखा गया है. अधिक जानकारी के लिए योग्य चिकित्सक की सलाह लें. धन्यवाद.
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